हम जानते हैं कि, यूपीएससी की परीक्षा भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, फिर भी हर साल लाखों को तादाद में परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं, हालांकि सफलता कुछ हीं लोगों को मिलती है। इन सफल अभ्यर्थियों में से ज्यादातर ऐसे लोग होते हैं, जो कोचिंग -क्लास का सहारा लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो बिना कोचिंग का सहारा लिए हीं इसमें सफलता हासिल करते हैं।
आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग क्लास के ही पहली प्रयास में सफलता हासिल करते हुए अपने तथा अपने समाज का नाम रौशन किया है।
तो आइए जानते हैं उस महिला से जुड़ी सभी जानकारियां :-
कौन है वह महिला?
हम सौम्या शर्मा (IAS Saumya Sharma) की बात कर रहे हैं, जो कि मूल रूप से दिल्ली (Delhi) की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी दिल्ली से हीं पूरी की है। वे शुरु से हीं पढ़ने में काफी तेजतर्रार थीं और यही कारण है कि 10वीं क्लास में उन्होंने टॉप किया था। इसके बाद 12वीं के बाद उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल से वकालत की डिग्री हासिल की है। उनके माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं, इसलिए वे लोग भी अपने बच्चों के पढ़ाई-लिखाई को लेकर काफी सजग रहते थे।
बचपन में हीं खोई सुनने की क्षमता
16 साल की उम्र में सौम्या शर्मा (IAS Saumya Sharma) ने अपनी सुनने की क्षमता खो दी थी। उसके बाद उनके माता-पिता उन्हें कई जगहों पर इलाज के लिए ले गए लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं मिला। वह 90-95 फीसदी सुनने की क्षमता खो दी थी, जिसकी वजह से उन्हें हियरिंग एड का इस्तेमाल करना पड़ता है।
शुरु से हीं तेजतर्रार थी
ऐसे तो सौम्या शर्मा ( IAS Saumya Sharma) शुरूआती दौर से हीं पढ़ने में काफी तेजतर्रार थी। उन्होंने पढाई के दौरान 10वीं में टॉप भी किया है। एक डॉक्टर माँ-बाप की बेटी रहने के कारण शिक्षा के मामले में वह काफी गंभीर रहा करती थी। उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के दौरान हीं अपना लक्ष्य तय कर लिया था।
वकालत के बाद की आईएएस की तैयारी
शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से पूरी करने के बाद सौम्या शर्मा (IAS Saumya Sharma) ने नेशनल लॉ स्कूल से कानून की पढाई में ग्रेजुएशन किया। जब वह ग्रेजुएशन के पांचवे साल में थीं तब इस दौरान उन्होंने UPSC एग्जाम देने का मन बना लिया। वकालत के बाद वह वकील बनने की बजाए IAS बनकर देश की सेवा करना चाहती थीं।
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बिना कोचिंग क्लास की यूपीएससी की तैयारी
नेशनल लॉ कॉलेज से पढाई के दौरान पांचवे साल में सौम्या शर्मा ( IAS Saumya Sharma) ने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी कोचिंग क्लास जॉइन करने के बजाय सेल्फ स्टडी करना सही समझा और फिर उन्होंने अपने स्तर से तैयारी करना शुरू कर दिया। सिर्फ चार महीने की तैयारी से ही उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC एग्जाम क्लियर कर लिया।
पहले हीं प्रयास में हुई सफल
लॉ के आखिरी साल में यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) में शामिल होने का फैसला करने वाली सौम्या शर्मा ने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत मात्र 4 महीनों में यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा (UPSC Prelims Exam) क्वालिफाई कर ली। परीक्षा के दौरान उन्हें 102 से लेकर 104 डिग्री तक बुखार रहा था। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और बेहोशी की हालत में भी परीक्षा दी। तमाम तरह की परेशानियों का सामना करते हुए उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया लेवल पर 9वीं रैंक हासिल करते हुए अपने तथा अपने माता-पिता का नाम रौशन किया है।
लोगों के लिए सलाह
अपने पहले हीं प्रयास में अपार सफलता हासिल करने वाली सौम्या शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यूपीएससी में सफलता हासिल करने के लिए सही गाइडेंस लेना जरूरी होता है। उनका कहना है कि अगर आपके पास यूपीएससी की तैयारी से संबंधित बेहतर जानकारी और गाइडेंस नहीं है तो कोचिंग जॉइन कर सकते हैं या आपके पास सही नॉलेज है तो कोचिंग के बिना भी तैयारी कर सकते हैं। इसके साथ हीं साथ उन्होंने सेल्फ-स्टडी पर जोड़ देने की बात कही है।
लोगों के लिए बनी प्रेरणा
सौम्य शर्मा ने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल कर यह साबित कर दिया है कि मेहनत कभी खाली नहीं जाता है। ऐसे तो वे बचपन से हीं पढाई-लिखाई में काफी तेजतर्रार थी, लेकिन इसके बावजूद भी उनके अंदर कुछ करने का जुनून था। इसी जुनून और लगन से उन्होंने खुद से हीं यूपीएससी की तैयारी की और बिना किसी कोचिंग क्लास के पहले हीं प्रयास में सफल भी हुई। उनकी सफलता की यह कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा है।
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