एक बहुत ही सुंदर पंक्ति है, “कामयाबी हाथों के लकीरों में नहीं बल्कि माथे के पसीने में होती है।”
अगर आपको कामयाबी हासिल करना हो तो इसके लिए स्वयं को हर विषम परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार करना होगा। सफलता की ऊंचाई पर चढ़ना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन इसके लिए जी-तोड़ मेहनत और दृढ़ संकल्प करना पड़ता है। -IAS success story of Mamta Yadav From Hariyana Basai
कुछ ऐसी ही विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए सफलता हासिल करने वाले कहानियों में से एक कहानी ममता यादव (Mamta Yadav) की है। जिन्होंने गांव के परिवेश में रहकर खुद को इस काबिल तैयार किया कि कामयाबी ने उनके सामने घुटने टेक दिए। -IAS success story of Mamta Yadav From Haryana Basai
यूपीएससी टॉपर ममता यादव
ममता यादव (Mamta Yadav) हरियाणा (Haryana) के बसई ग्राम से ताल्लुक रखती हैं।
उनके पिता आजीविका चलाने के लिए प्राइवेट जॉब करते हैं। ममता की उम्र अभी 24 वर्ष की है लेकिन उन्हें अपने जीवनकाल से हर चीज़ का अनुभव प्राप्त है, जैसे किस तरह गांव के परिवेश से बाहर निकलकर स्वयं को अपने सपने को साकार करने के लिए तैयार करना इत्यादि। -IAS success story of Mamta Yadav From Hariyana Basai
गांव की पहली महिला जो बनी आईएएस ऑफिसर
पिछले माह ही यूपीएससी (UPSC) ने सिविल सेवा एग्जाम (CSE EXAM) का परिणाम डिक्लेयर किया। जिसमें ममता यादव (Mamta Yadav) ने भी अपना दबदबा कायम रखा और टॉप 10 की लिस्ट में स्वयं को खड़ा उतारा। यूपीएससी की सफलता हासिल कर उन्होंने आईएएस (IAS) का पोस्ट हासिल किया और इसके साथ ही वह अपने गांव की पहली महिला बनी, जिसने आईएएस का पोस्ट हासिल किया। -IAS success story of Mamta Yadav From Haryana Basai
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लगातार दूसरी बार मिली कामयाबी
ऐसा नहीं है कि ममता यादव (Mamta Yadav) को यह सफलता पहली बार मिली है, बल्कि उन्होंने यूपीएससी का एक्जाम दूसरी बार दिया है। उन्होंने पिछले वर्ष भी यूपीएससी परीक्षा में भाग लिया था जिसमें उन्हें 556 वी रैंक प्राप्त हुई थी। इसके उपरांत उनका “भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा” का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ था परंतु वे इस पोस्ट से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक बार फिर से प्रयास करने का निश्चय किया। वह इस बार ऑल इंडिया में 5वीं रैंक हासिल कर आईएएस ऑफिसर बनी हैं। -IAS success story of Mamta Yadav From Haryana Basai
सेल्फ स्टडी एवं कोचिंग से किया खुद को तैयार
DNA की रिपोर्ट के अनुसार 12वीं की शिक्षा हासिल करने के उपरांत उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने कोचिंग ज्वाइन की एवं सेल्फ स्टडी भी की। एग्जाम की तैयारी के लिए उन्होंने NCERT बुक और अन्य स्टैंडर्ड बुक को पढ़ा। -IAS success story of Mamta Yadav From Haryana Basai
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पिता करते हैं प्राइवेट नौकरी और मां सम्भालती है घर
ममता यादव (Mamta Yadav) के पिताजी का नाम अशोक यादव (Ashok Yadav) है, जो एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। वही उनकी मां सरोज यादव (Saroj Yadav) गृहणी हैं और वह अपने घर को संभालती हैं। बेटी की इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करने पर उनके माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। -IAS success story of Mamta Yadav From Haryana Basai
बेटी की सफलता का श्रेय जाता है मां को
ममता यादव (Mamta Yadav) की मां ने यह बताया कि हमें यह उम्मीद नहीं थी कि हमारी बेटी इतनी बड़ी कामयाबी को हासिल करेगी। वही उनके पिता ने अपनी बेटी की सफलता का श्रेय उनकी मां को दिया। उनके पिता ने कहा कि आज हमारी ममता ने हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। आज हमारी ममता गांव की सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है। -IAS success story of Mamta Yadav From Haryana Basai