Sunday, December 10, 2023

भगवान शिव का काशी स्थित विश्वनाथ स्वरूप जिनके दर्शन मात्र से संकटों का होता है नाश !

भगवान शिव जगत गुरू कहे जाते हैं ! उनके अनेकों नाम हैं देश-विदेश हर जगह उनकी पूजा-अर्चना की जाती है ! लोगों में शिव जी के प्रति विशेष आस्था है क्योंकि वे दुखों का नाश करने वाले हैं , सारे संकटों को हरने वाले हैं ! आज के सावन स्पेशल में हम भगवान शिव के एक विशेष धाम की चर्चा कर रहे हैं जो “विश्वनाथ” के नाम से मशहूर हैं !

बाबा विश्वनाथ मंदिर जो भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर भक्ति और आस्था का महाकेन्द्र है ! पावन गंगा में स्नान कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन से भक्तों को नई ऊर्जा का अहसास होता है ! पूरा वातावरण भक्तिमय होने के कारण यह स्थान बेहद रमणीय सा प्रतीत होता है ! ऐसी मान्यता है कि यहाँ बाबा विश्वनाथ के दर्शन पा लेने से और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

बाबा विश्वनाथ मंदिर का निर्माण वर्तमान में सन् 1780 में महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने करवाया था। और बाद में 1853 में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा 1000 किलो ग्राम शुद्ध सोना द्वारा बनवाया गया था। बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए अनेकों ऋषि मुनियों आदि शंकरचार्य, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्वामी तुलसीदास, रामकृष्ण परमहंस आए हैं।

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महाशिवात्रि के मध्य रात्रि को प्रमुख मंदिरों से भव्य यात्रा ढोल नगाड़े बजा कर निकला जाता है। यह यात्रा बाबा विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचती है। बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन पाने के लिए हर साल लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। बाबा विश्वनाथ मंदिर हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। यहां भगवान शिव की आराधना कि जाती है। यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है।

यूं तो बाबा विश्वनाथ मंदिर में प्रत्येक दिन काफी भीड़ होती है लेकिन श्रावण के महीनों में ये भीड़ बहुत बढ जाती है। यहां देश – विदेश से श्रद्धालु लोग बाबा विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव की दर्शन करने और भगवान शिव की आराधना करने आते हैं। भगवान शिव की दर्शन पा लेने से अपने आप में सद्बुद्धि , सत्कर्म और सकारात्मक विचारों का संचार पाते हैं ! वही मंदिरों के आस – पास हरियाली एवं मोरों की आवाज से श्रद्धालु भक्तिमय हो जाते हैं।

इसे काशी विश्वनाथ मंदिर भी कहा जाता है ! यह मंदिर अपनी महिमा के लिए विदेशों तक प्रचलित है ! हर वर्ष यहाँ विदेशों से लोग शिव जी के दर्शन आते हैं और उनकी भक्ति कर खुद को धन्य करते हैं !