पारंपरिक फसलों से हो रहे घाटे से अधिकांश लोगों को लगता है कि खेती घाटे का सौदा है, जिससे वे पारम्परिक खेती न करके आधुनिक खेती की तरह रुख कर रहे हैं। ताकि अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सके। इसी का नतिजा है कि पिछ्ले कुछ समय से हल्दी की खेती करके किसान काफी मालामाल हो रहे हैं। हालांकि, अभी पीली हल्दी की खेती का प्रचलन अधिक है लेकिन अब किसान भाई पोषक तत्वों से भरपूर काली हल्दी की खेती में भी किस्मत आजमा रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं।
यदि आप भी खेती की तरफ रुख कर रहे हैं और मुनाफा कमाना की सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा, क्योंकि इस लेख में आज हम आपको काली हल्दी की खेती (Black Turmeric Farming) और उसके फायदें के बारें में बताने जा रहे हैं। आइए सबसे पहले काली हल्दी से होनेवाले फायदें के बारें में जानते हैं।
काली हल्दी के फायदें (Benefits of Black Turmeric)
पोषक तत्वों की अधिकता होने की वजह से काली हल्दी की काफी मांग है और इस वजह से इसकी कीमत भी अधिक है। इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट (Cosmetics Product) बनाने के साथ-साथ दवाएं बनाने में भी किया जाता है। डॉक्टर भी पीली हल्दी की तरह ही खांसी, बुखार, अस्थमा और निमोनिया जैसे अन्य कई प्रकार के शारिरीक दिक्कतों में काली हल्दी का सेवन करने का सुझाव देते हैं। कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए दवा बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
अब जानते हैं इसकी खेती के बारें में विस्तार से-
कब और कैसे करें काली हल्दी की खेती? (How and When to Cultivate Balck Turmeric)
किसी भी फसल की खेती करने और अच्छी पैदावार के लिए उसके अनुसार मौसम और मिट्टी का होना बहुत जरुरी होता है। काली हल्दी की खेती के लिए जून का अन्तिम समय और जुलाई का आरम्भ समय बेहतर माना जाता है। वहीं अच्छे उत्पादन के लिए भुरभुरी दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। इस फसल की खेती में जल निकासी का होना बहुत जरुरी है अन्यथा फसल बर्बाद हो जाएगी। इसलिए यदि आप इसकी खेती करने की सोच रहे हैं तो ऐसे खेत का चुनाव करें जहां जलनिकासी की व्य्वस्था अच्छी हो।
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कम लागत में कर सकते हैं काली हल्दी की खेती
आप कम लागत में इस फसल की खेती (Black Turmeric Farming) आराम से कर सकते हैं, क्योंकि बाकी फसलों की तरह इसमें अधिक सिंचाई की आवश्यक्ता नहीं होती है। इसके अलावा इस फसल में कीट भी नहीं लगता है क्योंकि यह एक प्रकार का औषधीय पौधा है। यदि आप एक हेक्टेयर खेत में हल्दी की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लगभग 2 क्विंटल बीज की जरुरत पड़ेगी। वहीं इसकी फसल तैयार होने में अधिक समय नहीं लगता है। महज 7-8 महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है।
एक एकड़ से होता है 60 क्विंटल उत्पादन
यदि किसान भाई काली हल्दी की खेती एक एकड़ में करते हैं, तो उन्हें 50-60 क्विंटल कच्ची हल्दी का उत्पादन होगा। अर्थात सूखी हल्दी का तकरीबन 10-15 क्विंटल तक की पैदावार होती है। चूंकि, औषधीय पौधा होने और पौष्टिकता से भरपूर होने के नाते बाजार में इसकी कीमत काफी अधिक है। इसकी मार्केट प्राइस 500 रुपये से लेकर 4 हजार रुपये तक है जबकी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर यह 5 हजार रुपये की कीमत पर उपलब्ध है। बाजार में मांग और कीमत को देखते हुए कहा जा सकता है कि इसकी खेती से किसानों को बेहतर मुनाफा हो सकता है।