लेदर के प्रोडक्ट्स हर किसी को अट्रैक्ट करते हैं. फिर चाहे कपड़े हो या एसेसरीज हम लेदर की ओर खींचे चले जाते है. पर क्या आपको मालूम है कि इन्ही लेदर प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए जीव और पर्यावरण को भारी कीमत चुकानी पड़ती है. या यूं कह लें कि शौक और लेदर के प्रति आकर्षण ने हमें इस प्रकार अंधा कर दिया है कि इसके पीछे होने वाले प्राकृतिक नुकसान को हम अनदेखा कर देते हैं.
पेटा के मुताबित वैश्विक चमड़ा उद्योग त्वचा और खाल के लिए एक अरब से अधिक जानवरों को हर साल मारता है. इतना ही नहीं चमड़े से पर्यावरण को पहुंचने वाला नुकसान चिंता का विषय बन गया है.
पर्यावरण और जीवों पर असर
दरअसल, जानवर की खाल को निकालने से लेकर उसे चमड़े का प्रोडक्ट बनाने तक का प्रोसेस काफी लंबा होता है और इसके लिए बहुत से पानी और केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है.
लेकिन मेक्सिको के दो उद्यमियों एड्रियन लोपेज़ वेलार्डे (Adrián López Velarde) और मार्टे कैजारेज़ (Marte Cázarez) ने कैक्टस से बने पहले जैविक चमड़े की शुरुआत की है. दोनों उद्यमियों ने अपनी कंपनी का नाम डेसर्टो रखा है. डेसर्टो की वेबसाइट के मुताबिक, ”कैक्टस वेगन-लेदर” ( Cactus Vegan leather) आंशिक रूप से बायोडिग्रेडेबल है और इसमें फैशन, फर्नीचर और यहां तक कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज के लिए चमड़े का सामान बनाया जाता है.
“वेगन” चमड़े की खूबी
कैक्टस वेगन-लेदर”, आंशिक रूप से बायोडिग्रेडेबल है और इससे फैशन, फर्नीचर और यहां तक कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए चमड़े का सामान बनाया जाता है! इस ”वेगन चमड़े” का इस्तेमाल कम से कम 10 वर्षों तक आसानी से किया जा सकता है! इसमें पशु या सिंथेटिक चमड़े की तरह ही विशेषताएं होती हैं, साथ ही यह अधिक कंफर्टेबल भी है!