हमारी देश की बेटियां हर वह कार्य करने के लिए इच्छुक और तत्पर रहती हैं चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या फिर देशसेवा करने की बात हो। जब हमारे देश को उनकी जरूरत हो वह खुद को तत्पर रखती हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में कार्यरत है।
कुछ वर्षों पूर्व हमारे घर के बड़े-बुजुर्ग कहा करते थे कि लड़कियां सभी कार्य को नहीं कर सकती। लेकिन आज की सदी में उनका हर कार्य करना संभव हो गया है। जो कार्य पुरुष कर रहे हैं वह महिलाएं भी कर रही हैं। महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चल रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी हीं लड़की की कहानी बताएंगे जो एक लेक्चरर से प्रभावित हुई और इंडियन आर्मी में जाने का लक्ष्य बनाया और वहां जाकर ही दम लिया।
यह भी पढ़े :- अफसर बेटी की खाकी वर्दी पर लगे, अशोक स्तम्भ को निहारते पिता की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है
महिमा
महिमा (Mahima) पंजाब (Punjab) से ताल्लुक रखती हैं। इन्होंने अपनी पढ़ाई को संपन्न कर चंडीगढ़ से सिविल इंजीनियरिंग की उपाधि ली है। इनके पिता का नाम एन.के. सिंगला है जो बिजली विभाग में कार्यरत हैं और इनकी मां का नाम प्रतिभा है जो कि हरियाणा में टूरिज्म विभाग में कार्यरत है।
वशिका त्यागी से हुई प्रेरित
जब बहादुर दिखने वाली वार वेटरन वशिका त्यागी पंजाब की इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चर दे रही थीं उस दौरान उनका भाषण महिमा को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने यह मन बनाया कि वह इंडियन आर्मी में जाएगी और इन्होंने एक दृढ़ संकल्प लिया और विश्वास के साथ मेहनत करने लगीं। 21 साल की महिमा ने शार्ट सर्विस कमीशन के क्षेत्र में हमारे देश में प्रथम स्थान ग्रहण किया है। इस वर्ष इनका सपना पूरा हुआ और यह जल्दी लेफ्टिनेंट बनने वाली हैं।
आया प्रथम स्थान
भारतीय सेना में सिविल इंजीनियरिंग के लड़कियों का नियुक्ति 3 पद पर होता है। साथ हीं इसके लिए हजारों की संख्या में एप्लीकेशन किया जाता है। महिमा ने 70 हजार लड़कियों को अपनी मेहनत से सपने को पूरा करने के लिए पछाड़ा है। यह प्रथम स्थाम प्राप्त की हैं।
The Logically महिमा को उनके सपने को पूरा करने के लिए बधाई देता है और इंडियन आर्मी में जाने के लिए इन्हें सलाम भी करता है।