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अपनी बेटियों से प्रेरित होकर 62 वर्षीय MLA ने शुरू की पढ़ाई, BA के एग्जाम में बैठकर समाज को अनूठा सन्देश दिए

हमेशा से कहा जाता रहा है कि – “शिक्षा प्राप्त करने की और शिक्षा प्राप्ति के लिए प्रेरित होने की कोई निश्चित आयु नही होती। आप उम्र के किसी भी पड़ाव पर शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। इसके अलावा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा आप अपने से छोटी आयु या कम हैसियत वाले व्यक्ति से भी ले सकते हैं” – ये वाक्य केवल एक कथन मात्र नही है। राजस्थान के 62 वर्षीय विधानसभा सदस्य (Member of legislative Assembly – MLA) फूल सिंह मीना (Phool Singh Meena) इसका एक साक्षात उदाहरण बनकर सामने आये हैं। वर्तमान में अपनी बेटियों से प्रेरणा हासिल करते हुए फूल सिंह ने बी ए फाइनल ईयर(B A Final year) की परीक्षा दी हैं जिसके बाद वे ग्रेजुएट हो जाएंगे। इतना ही नही फूल सिंह भविष्य में भी अपनी पढ़ाई को सुचारु रखना चाहते हैं।

कौन हैं फूल सिंह मीना

62 वर्षीय फूल सिंह मीणा राजस्थान स्थित उदयपुर(Udaypur, Rajsthan) के ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी दल(BJP) के विधायक हैं और 40 साल बाद अपनी बेटियों से प्रेरित होकर शिक्षा के मार्ग पर फिर से अग्रसर होने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

Mla phool Singh meena

फूल सिंह ने अपनी 5 बेटियों से प्रेरित होकर शिक्षा को दोबारा सुचारु किया है

The New Indian Express से हुई बातचीत में विधायक फूल सिंह ने बताया है कि – “बीते 2 मार्च को मैंने उदयपुर के कोटा ओपन यूनिवर्सिटी से बीए के अंतिम वर्ष की राजनीति विज्ञान की परीक्षा दी हैं। मुझे यह कहने में संकोच नही कि मैं अपनी 5 बेटियों द्वारा दी जाने वाली शिक्षा से इस काबिल बन पाया कि आज बीए कर रहा हूं”

पूर्व में केवल 7वीं कक्षा तक ही पढ़ पाये थे फूल सिंह

बता दें कि पूर्व में फूल सिंह उदयपुर नगरपालिका में वार्ड सदस्य हुआ करते थे। वे केवल 7 वीं कक्षा तक ही पढ़ पाये जिसकी वजह से उन्हें हर जगह शर्मिदगी का शिकार होना पड़ता था।

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पिता की म़त्यू की वजह से छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई

हांलाकि कम आयु में ही अपने पिता को खो देने की वजह से फूल सिहं को अपनी पढ़ाई 7 वीं कक्षा के बाद अधूरी छोड़ देनी पड़ी और कृषि करनी पड़ी लेकिन, उनका हमेशा से ही यह प्रयास रहा कि किसी भी कारणवश उनकी बेटियों की शिक्षा न अधूरी रहे। वर्तमान में उनकी पांच बेटियों में से चार पोस्ट ग्रेजुएट हैं जबकि सबसे छोटी बेटी एलएलबी(LLB) की पढ़ाई कर रही है।

फूल सिंह को युवाओं को शिक्षा पर भाषण देना शर्मिंदिगी का अहसास कराता था

फूल सिंह कहते हैं- “यूं तो मैंने अपने राजनीतिक करियर में कई परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं लेकिन जब शिक्षा की बात आती थी तो मुझे ये बात बेहद कचोटती थी कि मेरे पास बोर्ड परीक्षा तक की डिग्री नही है। ऐसे में युवाओं व छात्रों को शिक्षा के महत्व पर भाषण देना बेहद खोखला व हास्यास्पद लगता था”

बेटियों से शिक्षित हो फख़्र महसूस करते हैं फूल सिंह

विधायक फूल सिंह कहते हैं कि- “मुझे अपनी पांचों बेटियों पर नाज़ है। वे न केवल खुद शिक्षा में रुचि रखती हैं बल्कि 2013 में उन्होंने मुझे भी प्रेरित करते हुए मेरा एडमिशन 10वीं कक्षा में करवाया। वो पहले अपनी पढ़ाई करतीं फिर बेनागा मुझे भी पढ़ाया करतीं। जिससे मैंने 10 वीं कक्षा पास की। उसके बाद मैंने 12 वीं भी पास की और वर्तमान में मैं बीए के अंतिम वर्ष की परिक्षाएं दे रहा हूं, उम्मीद हैं कि मैं बहुत जल्द स्नातक हो जाऊंगा”

भविष्य में पीएचडी करना चाहते हैं फूल सिंह

पढ़ाई के बारे में अपने फ्यूचर प्लान्स् बताते हुए फूल सिंह कहते हैं- “किसी भी अधूरे काम को पूरा करने की कोई उम्र तय नही होती है। मैं चाहता हूं कि मैं पीएचडी करुं। अवश्य ही मेरी बेटियां मेरे इस मकसद में भी मेरी मदद करेंगी”

राजनीति की तरह शिक्षा को भी ज़रुरी बताते हैं फूल सिंह

उदयपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके फूल सिंह जब उदयपुर के कोटा ओपन यूनिवर्सिटी में 2 मार्च को राजनीति विज्ञान का पेपर देने गये तो वे सभी युवा छात्रों के बीच आर्कषण का केंद्र बने रहे। वे कहते हैं शिक्षा भी जीवन व समाज के लिए उतनी ही ज़रुरी है जितनी राजनीति। इस उम्र में फिर से पढ़ाई शुरु करने में मुझे कोई अफसोस नही है”

मेधावी छात्राओं की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं फूल सिंह

ग्रेजुएशन फाइनल ईयर की परीक्षा दे रहे 62 वर्षीय फूल सिंह की सबसे सराहनीय बात यह है कि वो वर्तमान में अपने निर्वाचन क्षेत्र में न केवल मेधावी छात्राओं की मदद करते हैं बल्कि उन्हे राजस्थान विधानसभा देखने के लिए जयपुर के लिए मुफ्त हवाई यात्रा भी प्रोवाइड करवाते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री व अन्य गण मान्य लोगों से मिलने में भी फूल सिंह इन बालिकाओं की मदद करते हैं। अभी तक उन्होंने 50 से भी ज़्यादा ऐसी लड़कियों के लिए हवाई यात्रा की फंडिंग की है।

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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