हम जब भी चायवाला/चायवाली शब्द सुनते हैं तो हमारे जेहन में कई सारे चायवाले का नाम याद आने लगता है जैसे MBA चायवाला, ग्रेजुएट चायवाली, Actor चायवाला, आत्मनिर्भर चायवाली आदि। इनमें से कुछ लोगों ने नौकरी में रुचि नहीं होने की वजह से तो कई लोग कुछ अन्य कारणों से चाय का स्टॉल चला रहे हैं। लेकिन यदि आपसे कहा जाए कि मॉडलिंग की दुनिया में कई खिताब जीतने वाली लड़की भी चाय बेच रही हैं तो यकीन नहीं होगा। लेकिन यह सच है।
जी हां, आज की यह कहानी एक ऐसी चायवाली की है जिसने मिस गोरखपुर (Miss Gorakhpur) का ताज अपने सर पर सजाने के बाद भी चाय का स्टॉल (Tea Stall) लगा रही हैं। तो चलिए जानते हैं मॉडलिंग की चकाचौक दुनिया को छोड़ चाय का स्टॉल लगाने के पीछे की वजह क्या है?
मॉडलिंग छोड़ बेचने लगी चाय
अभी तक आप सभी ने कई महिला चायवाली के बारें में सुना या पढ़ा होगा। इसी कड़ी में आज हम बात कर रहे हैं सिमरन गुप्ता (Simran Gupta) की, जिन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में काफी नाम कमाने के बाद टी स्टॉल चला रही हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2018 में मिस गोरखपुर का खिताब जीत चुकी सिमरन आज “मॉडल चायवाली” (Model Chaiwali) नाम से टी स्टॉल लगा रही हैं।
कैसे शुरु हुआ चाय बेचने का सफर?
कोरोना महामारी ने अनेकों लोगों के जीवन पर काफी गहर प्रभाव डाला है। सिमरन के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। वह कहती हैं कि, उनका एक भाई है जो विकलांग है और परिवार में आमदनी बहुत कम है। ऐसे में उन्होंने घर की स्थिति सुधारने के लिए नौकरी करनी शुरु की लेकिन वहां उन्हें समय पर सैलरी नहीं मिलती थी।
समय से सैलरी नहीं मिलने की वजह से उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी। उसके बाद उन्होंने गुजारा करने के लिए कुछ करना था और तभी उनके मन में आया कि जब लड़किया हर क्षेत्र में आगे हैं तो इस क्षेत्र में पीछे क्यों? इसी सोच के उन्होंने चाय का स्टॉल (Model Chai wali Tea Stall in Gorakhpur) लगाने का फैसला किया।
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“मॉडल चायवाली” नाम रखने के पीछे क्या है वजह?
किसी भी चीज की पहचान उसके नाम से ही होती है। ऐसे में सिमरन के सामने यह सवाल था कि टी स्टॉल का नाम क्या रखा जाए जिससे लोगों में उसे पहचान मिल सके। तब उन्होंने मॉडलिंग प्रोफेशन से जुड़े होने के कारण अपने टी स्टॉल का नाम “मॉडल चायवाली” (Model Chaiwali) रखना उचित समझा।
सिमरन (Model Chaiwali Simran Gupta) कहती हैं कि, उन्हें सोशल मीडिया पर काफी सपोर्ट मिला। कई लोगों ने उनकी दुकान की चाय का स्वाद चखा और सभी ने उनके स्टॉल की चाय की बेहद प्रशंशा की। हालांकि, उनका वीडियो काफी वायरल भी हो रहा है।
पिता हैं बेटी के काम से बेहद प्रसन्न
एक इंटरव्यू के दौरान सिमरन की दुकान पर उनके पिता भी उपस्थित थे। उस दौरान सिमरन के पिता ने कहा कि, वे अपनी बेटी के काम से काफी खुश हैं। कोई भी काम बड़ा-छोटा नहीं होता है बल्कि आप किस काम को कितनी अच्छी तरीके से करते हैं वह मायने रखता है। वह आगे कहते हैं कि, उनकी बेटी सिमरन गुप्ता जब मिस गोरखपुर का ताज अपने सर पर सजाया था उस वक्त भी उन्हें बेहद खुशी मिली थी और जब आज टी स्टॉल लगाकर चाय बेच रही है तो भी बहुत प्रसन्नता है।
कहां से मिला मॉडलिंग छोड़ चाय बेचने की प्रेरणा?
अधिकांश व्यक्ति जब कुछ करता है तो उसके पीछे किसी-न-किसी की प्रेरणा छुपी होती है। फिर चाहे वह कोई भी हो। सिमरन से भी जब इस बारें में पुछा गया तो उन्होंने बताया कि, MBA चायवाला (प्रफुल्ल बिलोरे) और पटना की ग्रेजुएट चायवाली (प्रियंका गुप्ता) से काफी प्रभावित हैं। इन्हें देखकर उनके मन में ख्याल आया कि जब ये इस काम को कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं और यहीं से उन्हें चाय बेचने की प्रेरणा मिली।
पटना की ग्रेजुएट चायवाली से मिलना चाहती हैं मॉडल चायवाली
एक साक्षात्कार के दौरान मॉडल चायवाली सिमरन गुप्ता (Model Chaiwali Simran Gupta) ने पटना की ग्रेजुएट चायवाली प्रियंका गुप्ता (Graduate Chaiwali Priyanka Gupta, Patna) से मिलने की इच्छा भी जताई है। उन्होंने कहा कि, प्रियंका ने समाज के उस घेरे को तोड़ने का काम किया है कि लड़कियां भी चाय का स्टॉल लगाकर चाय बेच सकती हैं। अब लड़कियाँ किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं और वे हर क्षेत्र में अपना झंडा गाड़ रही हैं।
किसी ने सही कहा है कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। सिमरन गुप्ता (Simran Gupta)ने जिस तरह मॉडलिंग में काफी शोहरत बटोरने के बाद भी चाय का स्टॉल लगाया वह काबिले तारिफ है। The Logically उनके इस फैसले की प्रशंशा करता है।