Home Inviduals

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिल चुका है, फिर भी इस गरीब बेटी के परिवार को सरकारी राशन तक नही मिलता: सरकार को अवार्ड लौटाई

याद कीजिए वह साल जब महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक आदिवासी युवती “हाली रघुनाथ बरफ” को राष्ट्रीय बाल वीरता का पुरस्कार दिया गया था। लेकिन आज स्थिति यह है कि उस युवती ने सरकार के खास्ताहाल व्यवस्था से तंग आकर अपना पुरस्कार लौटा दिया है। यह वाकई एक दर्दनाक बात है। आइए जानते हैं कि आखिर वह कौन सी बात रही जिस कारण इस साहसिक युवती को अपना पुरस्कार लौटाना पड़ा।

आज हाली रघुनाथ बरफ 23 साल की हो चुकी हैं। आज से 8 साल पहले हाली ने अपनी बहन को तेंदुए से बचाया था जिसके लिए उसे “वीर बापूजी गांधानी राष्ट्रीय बालवीर पुरस्कार” दिया गया था।

National Bravery Awarded Hali Raghunath Baraf
Hali Raghunath Baraf

हाली ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि वे और उनका परिवार बेहद हीं बुरे आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। उनके परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनाज नहीं मिलता है क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों का नाम ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज नहीं है। खाली ने यह भी बताया कि उनके गृह तहसील शाहपुर में लगभग 400 से परिवार है जिन्हें इस समस्या के कारण सरकारी अनाज नहीं मिल पाता है।

हाली आगे बताती हैं कि वीरता पुरस्कार जीतकर उनकी आर्थिक स्थिति में कोई इजाफा नहीं हुआ। उनका परिवार आज भी दाने-दाने को मोहताज है। ऐसी स्थिति में पुरस्कार विजेता होने के बाद भी सरकारी अनाज ना मिलना बेहद दुखदायक है। इस व्यवस्था के विरोध के रूप में उन्होंने अपना पुरस्कार सब डिविजनल ऑफिसर के यहां लौटा दिया है।

यह घटना सरकार के गरीबों तक मुफ्त राशन पहुंचाने के वादे को आईना दिखाती है। कल्पना की जा सकती है कि जिनलोगों को आर्थिक उपार्जन के लिए कोई साधन नहीं है और सरकारी व्यवस्था में खामी के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा तो यह कितनी दर्दनाक बात हो सकती है। हम सभी जानते हैं कि हाली रघुनाथ बरफ एकमात्र ऐसी पीड़िता नहीं है बल्कि लाखों लोग इस कुव्यवस्था के शिकार हैं।

Exit mobile version