Wednesday, December 13, 2023

मध्यप्रदेश के ये 2 एकड़ में करते हैं जैविक खेती, हर हफ्ते कमाते हैं 15 हजार रूपये: सफल किसान

“जहरीली सब्जी खाकर सेहत बिगाड़ने और इलाज में हजारों रूपए डॉक्टर को देने से बेहतर है कि जैविक सब्जियों को उगाकर स्वास्थ्यवर्धक ताजी सब्जियों का सेवन किया जाए।” ये कथन है मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के किसान संत कुमार कुशवाहा (Sant Kumar Kushwaha) की। जिन्होंने अपने खेतों में फसलों को जैविक खाद के उपयोग से तैयार किया है और इससे अधिक लाभ भी अर्जित कर रहे हैं।

कुशवाहा परिवार करती है जैविक खेती

41 वर्षीय संत कुमार कुशवाहा (Sant Kumar Kushwaha) मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) के रानीपुर टगरा ग्राम से नाता रखते हैं। उन्होंने अपने 2 एकड़ खेतों में फसलों का उत्पादन किया है एवं उर्वरक के तौर पर केंचुआ खाद एवं जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। वह कहते हैं कि अगर मैं मार्केट में लेकर अपनी सब्जी को पहुंच जाऊं तो वह बहुत हीं जल्द बिक जाती है। हमारे ऐसे बहुत से ग्राहक भी हैं जो प्रतिदिन खेतों में आकर ही सब्जियां खरीद लेते हैं। उनके दो भतीजे भी हैं 22 वर्षीय सुरेंद्र कुशवाहा एवं 25 वर्षीय सचिन कुशवाहा जो अपने खेतों में जैविक उर्वरक का उपयोग कर सब्जियां उगाते हैं। वह अपनी सब्जी से हर माह लगभग 15000 रूपए कमा लेते हैं और उनके भतीजे भी करीब इतनी की कमाई कर ही लेते हैं। वह बताते हैं कि अपनी इस खेती से हम साल में डेढ़ लाख रुपए कमाते हैं। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees

Organic farming by Sant Kumar Kushwaha from Madhya Pradesh

जैविक खेती के तरफ अग्रसर हो रहें हैं किसान

वह बताते हैं कि जब हमें जैविक खेती के बारे में जानकारी नहीं थी तो हम केमिकल युक्त रसायनों का उपयोग कर खेती किया करते थे जिसमें अधिक लागत होती थी। परंतु इसके विषय में हमें जानकारी उद्यान विस्तार अधिकारी संजीत सिंह बागरी से मिली और उन्होंने हमें यह बताया कि हम जैविक खेती करें। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में जैविक खेती के लिए प्रमाण पत्र आवेदन करने हेतु किसानों की संख्या में बढ़ोतरी आई है। यहां के किसान गेहूं, सोयाबीन, तुअर और चना जैसे कई अनाज और सब्जियों को अपने खेतों में खेतों में उगा रहे हैं। यहां पर दूसरी कई सरकारी और निजी एजेंसियां भी जैविक सर्टिफिकेशन के लिए उत्तरदायी है। यहां साल 2021 में जैविक खेती के सर्टिफिकेशन के लिए डेढ़ सौ आवेदन प्राप्त हुए हैं। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees

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उगाते हैं कई सब्जियां व फसल

मौसम के हिसाब से यहां किसान हर प्रकार की सब्जियां उगाते हैं। नवंबर माह में किसान अपने खेतों में पत्तागोभी, सेम, बैगन, टमाटर, भिंडी, पपीता, चना, कुंडरी और मिर्च आदि उगा रहे हैं। तो वहीं खरीफ के सीजन में बासमती धान की खेती हो रही है वह धान के सीजन में मटर को भी अपने खेतों में उगा रहे हैं। संत कुमार यह बताते हैं कि हम अपने खेत का ज्यादातर काम स्वयं ही कर लेते हैं क्योंकि इसमें हमारी घर की महिलाएं भी साथ देती हैं। जरूरत अनुसार ही हम मजदूरों को अपने खेतों में काम के लिए बुलाते हैं। हमने अपने खेतों में सिंचाई के लिए कुएं बनवाए हैं। वही इसकी जुताई के लिए हम पावर टिलर का उपयोग करते हैं खेत छोटे हैं इसीलिए पावर टिलर का उपयोग खेत की जुताई हो जाता है। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees

Organic farming by Sant Kumar Kushwaha from Madhya Pradesh

जैविक खेती के विस्तार हेतु की जा रही पहल

यहां जैविक किसानों को पहचान दिलाने के लिए एवं इसके गुण सिखाने के लिए स्वयंसेवी संस्था “समर्थन” कार्य कर रही है। समर्थन के क्षेत्रीय समन्वयक ज्ञानेंद्र तिवारी बताते हैं कि यहां के जो भी किसान 3 वर्षों से अपने खेतों में केमिकल युक्त उर्वरक का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं उनका पंजीयन जैविक कृषि के तौर पर होना चाहिए। परंतु इस दिशा में यहां पर कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहा है। उन्होंने स्टेट लेवल पर इस कार्य के लिए एक नेटवर्क बनाने की पहल प्रारंभ की है। पहले चरण में 10 पंचायतों के 31 गांवों को शामिल किया जाएगा जहां पर सघन तौर से जैविक किसानों को पहचानने का कार्य होगा। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees

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जैविक सब्जियों की होगी अलग मार्केट

संजीत सिंह कहते हैं कि हम अन्य गांवों के किसानों की पहचान करेंगे ताकि उनके जैविक उर्वरक का सही कीमत मिल सके और वे इससे लाभ अर्जित कर सकें। वह बताते हैं कि यहां के किसान जैविक खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं जो कि बहुत ही खुशी की बात है। वो कहते हैं कि जैविक खेती के लिए अलग बाजार का निर्माण होगा क्योंकि एक ही बाजार में सब्जियों को ले जाने के कारण इसका उचित मूल्य नहीं मिलता है। समर्थन के उपसंचालक कृषि पन्ना एपी सुमन के अनुसार कलेक्टर के पास बाबत प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है ताकि जैविक सब्जियों का बाजार प्रारंभ होने पर इस शहर के आसपास में जो भी गांव के किसान हैं वह अपना उत्पाद लेकर यहां आए। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees

Organic farming by Sant Kumar Kushwaha from Madhya Pradesh

फ़ैमिली डॉक्टर नहीं बल्कि बनाए फैमिली किसान

बीके पांडे जो कि आजीविका मिशन के डीपीएम है वह किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं एवं उन्हें बाजार उपलब्ध कराने में भी सहायता कर रहे हैं। विंध्य क्षेत्र के किसान पद्मश्री बाबूलाल दहिया कहते हैं कि फैमिली किसान बनाना समय का तकाजा हो गया है। अच्छे डॉक्टर को ढूंढने से अच्छा है कि हम सभी स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों का सेवन करें और फैमली जैविक खेती को अपनाएं। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees

हम सभी ये जानते हैं कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से जो अनाज खेतों में उगाएं जाते हैं वह बहुत विनाशकारी होते हैं। अगर आप भी स्वस्थ रहना चाहते हैं तो जैविक खेती में उगाएं गए अनाजों का सेवन करें। -Sant Kumar Kushwaha by Organic farming from Madhyapradesh and earn lac rupees