खेती भारत का आधार स्तम्भ माना जाता है ! धान भारत में उपजाए गए फसलों में से एक प्रमुख फसल है ! धान की खेती यूं तो हर जगह देखी जा सकती है लेकिन आज धान को उपजाने हेतु एक अनोखे तरीके के बारे में बात होगी जिसे उड्डपी के रहने वाले विश्वनाथ गनीगा(Vishvanath Ganiga)कर रहे हैं ! विश्वनाथ यह खेती कागज के कपों में करते हैं ! इस अनोखे तरीके को देखकर लोग हैरान हैं ! आईए जानते हैं कि विश्वनाथ आखिर किस तरह से यह अनोखी खेती कर रहे हैं !
ऐसे आया इस अनोखी खेती करने का विचार
उड्डपी के कुंदापुर के रहने वाले हैं 41 वर्षीय किसान विश्वनाथ गनीगा(Vishvanath Ganiga) ! दरअसल उनके गाँव में धान की खेती में बड़ा व्यावधान था जिससे कुछ सालों से धान की खेती नहीं हो पा रही थी ! इसका कारण था कि झींगा की खेती करने के लिए राजयाडी नदी का पानी इस गाँव की तरफ खोल दिया जाता ! नदी का पानी नमकयुक्त होने के कारण खेतों में लगे धान के फसल खराब हो जाते थे ! इस कारण उनके गाँव में सभी किसान धान की खेती ना करने का फैसला किया ! ऐसे में विश्वनाथ व्यथित थे और उन्होंने इसका कुछ ना कुछ उपाय खोज निकालने हेतु प्रयास करने लगे और फलस्वरूप एक अनोखे तरीके को अपनाया ! उन्होंने कागज के कप में धान की खेती करना शुरू किया !
इस तरह करते हैं खेती
विश्वनाथ ने धान की खेती का जो अनोखा तरीका अपनाया उसके अंतर्गत वे सर्वप्रथम् मिट्टी में खाद को मिलाते हैं और फिर उसे कागज के कप में आधा कप तक भरा जाता है ! इसके बाद एक कप में लगभग 6 धान के बीज डालकर ऊपर से मिट्टी भर भर दिया जाता है और कप को बारिश में रख दिया जाता है ! करीब 15 दिनों के पश्चात कप में धान के बीज उग आते हैं ! उसके बाद उस कप को जोते हुए खेत में रख दिया जाता है ! कुछ दिनों में वह कागज का कप गलकर खाद बन जाता है और पौधे भी लग जाते हैं ! 15 दिनों के बाद पुन: एक बार और खाद डाला जाता है जिससे की पौधे बड़े हो जाएँ !
बेहद आसान और सस्ता है यह तरीका
कागज के कप में धान की खेती करना बेहद आसान है ! कोई भी कहीं भी बैठकर कागज के कम में मिट्टी भर सकता है ! 1000 कप तैयार करने में घंटा से भी कम वक्त लगता है ! आज जब खेती करने में मजदूरों की कमी की समस्या से दो-चार होना पड़ता है ऐसे में कृषि का यह तरीका बेहद कारगर है ! इस विधि से धान की खेती करने में ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती और तरीका भी बेहद आसान है ! इन सब कारणों से इस खेती में लागत भी कम लगता है जिससे यह बेहद लाभकारी है !
विपरीत हालातों में अपनी सूझ-बूझ से कायम की प्रेरणा
जब नमकयुक्त पानी आने के कारण विश्वनाथ के गाँव में धान की खेती पूरी तरह बाधित हो गई थी और लोग धान की खेती करना छोड़ चुके थे ऐसे में विश्वनाथ ने कागज के कम में धान की खेती का आईडिया लाकर ना सिर्फ अपने गाँव के किसानों के लिए प्रेरणा कायम की बल्कि उन सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए भी प्रेरणा का संचार किया जहाँ इन वजहों से धान की खेती बाधित हो जाती है !
कागज के कप में धान की खेती का अनोखा तरीका बतलाकर उन्होंने अन्य लोगों में भी एक प्रेरणा का संचार किया है ! The Logically विश्वनाथ जी के कार्यों की खूब सराहना करता है !