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इस बुके का सबकुछ आप खा सकते हैं, पत्तों से लेकर कवर तक सबकुछ है खाने योग्य: पटना की अनुप्रिया का अनोखा प्रोडक्ट

कभी-कभी हम स्त्री के ताकत और उसकी क्षमता की आकलन करने की हिम्मत कर बैठते हैं । लेकिन वह जिस-जिस क्षेत्र में अपने हुनर को आजमाने गई है, उस वक्त उसने हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहराया है । न जाने कितने उदाहरण हमारे सामने प्रतिदिन आते हैं। आज हम एक ऐसी ही उदाहरण के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसने अपनी कड़ी मेहनत से और अपने हाथों की कला और मन की खूबसूरत कल्पना से चीजों को आकार दिया हैं । हम बात कर रहे हैं पटना की- अनुप्रिया के बारे में।

कौन है अनुप्रिया-

अनुप्रिया पटना की रहने वाली हैं। इनका जन्म 17 अगस्त 1991 को पटना में ही हुआ था। इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई A.V.N इंग्लिश स्कूल से की। आपको बता दें कि अनुप्रिया ने फाइनेंस में एमबीए भी किया है और इसके लिए उन्होंने जेएनयू(जयपुर नेशनल) से पढ़ाई की।

ग्रेजुएशन करने के बाद है जैसा कि हर एक मां- बाप का सपना होता है, वैसे ही अनुप्रिया के मां-बाप ने भी उनकी शादी करा दी। लेकिन यह रिश्ता बहुत दिनों तक ना चल पाया और आखिरकार 4 वर्ष बाद अनुप्रिया को अपने माता पिता के पास आना पड़ा।

Anupriya

शुरू किया अपने सपनों को पंख देने का काम-

अनुप्रिया को अपने बचपन के दिनों से ही आर्ट एंड क्राफ्ट्स में बहुत मन लगता था। जब वह अपने लिए एक स्थायी व्यवसाय की तलाश में थी तभी उन्हें लगा कि अपने शौक को ही उन्हें अपना व्यवसाय बना लिया जाय। तभी उन्होंने अगस्त 2020 में एक नई ऊर्जा के साथ अपने इस अनोखे काम की शुरुआत कर दी।

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बनाती हैं तरह-तरह के पॉकेट फ्रेंडली बुके-

उनके काम के बारे में बात करने से पहले हम यदि बुके के बारे में जाने तो आमतौर पर हम कहीं शादी विवाह में या किसी पार्टी में लोगों को तोहफा देने के लिए बुके खरीदते हैं। इसमें हमारे पैसे तो लगते ही हैं साथ ही साथ जो हम तोहफा दूसरों को देते हैं वह ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 महीने तक ही घर की शोभा बढ़ाता है। उसके बाद तो वह तोहफा काम का रहता है नहीं।

तभी समाधान मिला-

अनुप्रिया ने सोचा कि क्यों ना हम एक ऐसे बुके को बनाए जो लोगों के काम आए। इसलिए वह चॉकलेट के बुके बनाती हैं। इस में प्रयोग होने वाले हर एक सामान का प्रयोग आप अपने घर में कर सकते हैं। बात अगर इस में रखी हुई मूर्ति की की जाए तो अनुप्रिया उसे भी चॉकलेट में बनाती हैं। उसके कपड़ों को भी जब आप खोलेंगे तो ये भी आपके काम ही आएंगे।

माता-पिता का रहा भरपूर सहयोग-

अपने इस शुरुआत और छोटी-छोटी सफलताओं का श्रेय अनुप्रिया पूर्ण रूप से अपने माता- पिता को देती हैं। वह कहती हैं कि इस नए सुझाव को उनके पिता ने ही बताया। इनके घर वाले हमेशा इनके मनोस्थिति को समझते हुए इनकी ऊर्जा को बढ़ाने का काम करते रहें।

कहां से बढा आत्मविश्वास-

The Logically से बात करते हुए अनुप्रिया ने बताया कि सबसे पहली बार उन्होंने तीन बुके खुद से तैयार किए हैं। इन सब को उन्होंने अपने दोस्तों में बांटा। जिस- जिस ने इनके बनाए हुए चॉकलेट को चखा था, वह उसके स्वाद को भूल नहीं पाया। सब तारीफ करते हुए नहीं रुके,और इनके स्वाद और नए काम को सबने सराहा। अनुप्रिया का मानना है कि यहीं से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया और उन्होंने सोचा कि क्यों ना इसे वृहद रूप दिया जाए।

घर में ही बनाती हैं सारे प्रोडक्ट-

अनुप्रिया ने द लॉजिकली से बताते हुए कहा कि वह सारी चॉकलेट्स को घर पर ही बनाती हैं और इसके साथ- साथ बुके को सजाने का काम भी घर में ही किया जाता है। इसके लिए वह काफी साफ-सफाई का भी ध्यान रखती हैं। अगर चॉकलेट्स भरपूर सेहतमंद हो और ताजा हो तब भला कौन इससे खाने और ले जाने से मना कर सकता है?

तीन लोगों को दिया है रोजगार-

क्योंकि पिछले साल ही अनुप्रिया ने इस काम की शुरुआत की थी अभी उन्होंने तीन लोगों को अपने यहां रोजगार दिया है। वह उन्हें सिखाती भी है और नए-नए तरीकों को आजमाती भी है। अनुप्रिया बताती हैं कि उनके सारे स्टाफ को भी इस बात का निर्देश दिया गया है कि हमेशा शुद्धता का ख्याल रखा जाए और लोगों को उच्चतम प्रकार के चॉकलेट्स मुहैया कराया जाए।

कैसे होते है चॉकलेट्स और कैसे बनते हैं बुके-

चॉकलेट की बात की जाए तो इनमें डार्क चॉकलेट भी होते हैं, मिल्क चॉकलेट भी होते हैं, और व्हाइट चॉकलेट भी होते हैं। इन चॉकलेट्स को पहले मेल्ट किया जाता है, फिर जैसे सांचे में आप इसे डालना चाहते हैं वैसे इसे उसमें मोल्ड किया जाता है।

इस प्रक्रिया के बाद बुके बनाने की तैयारी हो जाती है। इसके लिए काफी अच्छे तरीके के कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है, इनमें कुछ फूलों का प्रयोग किया जाता है। इसके बहुत सारे वैराइटीज आप को अनुप्रिया के पास देखने को मिलेंगे।

कई प्रकार के मिलते हैं बुके-

यहां आपको 20 से ज्यादा प्रकार के खूबसूरत बुके देखने को मिलेंगे। इसमें जार भी मिलता है, जिसमें 20 चॉकलेट भरे हुए होते हैं। बास्केट बुके, एनिवर्सरी बुके,बीयर बॉटल जैसे या फिर किसी सेलिब्रेशन के बारे में हर आयोजन के लिए आपको यहां आपके पॉकेट के अनुसार बुके मिल जाएंगे।

अनुप्रिया ने इसे क्राफ्टी चॉकलेट्स (CRAFTY CHOCOLATES) का नाम दिया है। जितनी प्रकार के बुके आप यहां से ले जाएंगे उतने ही रंग-बिरंगे रैपर आपको देखने को मिलेंगे।

अनुप्रिया का खास स्लोगन-

अनुप्रिया ने खुद से एक स्लोगन तैयार किया है- “your budget and my creation”.
इसी से पता चलता है कि यहां पर आपके मन मुताबिक और आपके बजट को देखते हुए बुके तैयार किए जाते हैं। यदि आपको बहुत महंगे बुके पसंद आ गए हैं और आपके पास इतने पैसे नहीं है कि आप उसे खरीद पाए तब वह बिल्कुल उसी प्रकार के कम खर्च में बुके को तैयार कर देती हैं।

300 से 1500 रुपए तक मिलते हैं-

यदि चॉकलेट के डब्बे की या, फिर बुके की बात करें तो आपको यहां 300 से लेकर 1500 रुपए तक के बुके और चॉकलेट देखने को मिलेंगे।

उनके खुद के अपार्टमेंट वालों ने किया इनके नए काम का स्वागत-

The Logically से अनुप्रिया ने बताया कि इस काम को व्यवसायिक रूप से शुरू करने के बाद सबसे पहले उनके बिल्डिंग से ही 12 बुके का ऑर्डर मिला। आमतौर पर हम पड़ोसियों के बारे में गलत धारणा बना कर रखते हैं कि वह हमें आगे बढ़ते नहीं देख सकते हैं, लेकिन यहां अनुप्रिया के सहयोग के लिए सभी आगे आए और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया।

खुद करती हैं चॉकलेट की डिलीवरी-

अनुप्रिया बताती है कि उन्हें इस काम से इतना प्रेम है और वह अपने सारे कस्टमर्स को संतुष्ट देखना चाहती हैं, इसीलिए उन्होंने आज तक जितनी भी ऑर्डर्स की डिलीवरी करनी थी उन्हें उन्होंने खुद जाकर दी। अब तक की बात करें तो उन्होंने एक हजार से ज्यादा बुके पटना के मार्केट में दे दिया है।

भविष्य में और जाना चाहती हैं आगे-

The Logically से बात करते हुए अनुप्रिया ने बताया कि वह भविष्य में सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहती हैं। और यह सफलता केवल दिखावे के लिए नहीं बल्कि अपने गुणवत्ता को बनाए रखकर आगे बढ़ने के संदर्भ में है। वह यह भी कहती हैं कि उनके यहां के सारे प्रोडक्ट या चॉकलेट्स हमारे लिए पॉकेट फ्रेंडली है।

इनके यहां तो आपको बहुत सारे फ्लेवर्स देखने को मिलेंगे लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो दिल जीत जाती हैं। उन्हीं में से एक है:- पान के स्वाद का चॉकलेट। इस चॉकलेट को खाने के बाद आपको पान का टेस्ट आएगा।

15 से ज्यादा दुकानों पर पहुंच चुका है इनका चॉकलेट-

अनुप्रिया के हाथों के बने चॉकलेट आज पटना के पांच 15 बड़े- दुकानों में पहुंच चुका है। इन्हें लगातार आर्डर मिलते जा रहे हैं। समान के आर्डर के साथ-साथ दुकानदार या दुकान के मालिक की तरफ से काफी अच्छा कमेंट आता है। अनुप्रिया कई बार किलो के भाव से भी चॉकलेट को सेल करती हैं।

लोगों के स्वास्थ्य का रखती है ध्यान-

क्राफ्टी चॉकलेट्स अपने कस्टमर्स का काफी ख्याल रखता है। यहां लोगों की सेहत का ध्यान रखते हुए हर एक सामान का इस्तेमाल किया जाता है। धीरे-धीरे अनुप्रिया शुगर फ्री चॉकलेट्स को भी मार्केट में लाने वाली हैं, जिससे शुगर के पेशेंट को काफी लाभ पहुंचेगा।

एक बुके बनाने में लग जाते हैं 2 से 3 घंटे-

इतनी बात जानने के बाद, अनुप्रिया की मेहनत और लगन आप से छुपी नहीं है। आपको बता दें कि एक बुके बनाने में लगभग 2 से 3 घंटे लग जाते हैं। अनुप्रिया तब तक प्रयासरत रहती हैं जब तक उन्हें खुद संतुष्टि ना हो जाए कि वह दिखने में काफी खूबसूरत लगने लगा है। उनके बचपन के शौक ने आज उन्हें एक मुकाम पर पहुंचाया है।

दोस्त प्रभाकर शुरू से ही रहे काफी मददगार-

The Logically को अनुप्रिया ने बताया कि उनके दोस्त प्रभाकर उनके लिए हर वक्त तैयार रहते हैं। कभी कोई सामान लाने में अगर अनुप्रिया असमर्थ रहती हैं तो उन्हें सोचना नहीं पड़ता क्योंकि उनके पास उनके सहयोगी प्रभाकर हैं। जब ऐसे दोस्त जीवन में हो तो कोई भी उतार-चढ़ाव परिश्रम को व्यर्थ नहीं जाने देता।

अनुप्रिया की बेटी बनना चाहती हैं आईएएस ऑफिसर-

अनुप्रिया की छोटी सी बेटी आईएएस बनना चाहती हैं। अपनी मां का काफी सहयोग करती हैं और उनके काम और उनके समय को समझती हैं।

The Logically, अनुप्रिया के इस अद्भुत लगन और परिश्रम को नमन करता है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। यदि आप अनुप्रिया से जुड़ना चाहते हैं या उनके चॉकलेट्स को चखना चाहते हैं तो आप कॉल कर सकते हैं-9473142067

अंजली पटना की रहने वाली हैं जो UPSC की तैयारी कर रही हैं, इसके साथ ही अंजली समाजिक कार्यो से सरोकार रखती हैं। बहुत सारे किताबों को पढ़ने के साथ ही इन्हें प्रेरणादायी लोगों के सफर के बारे में लिखने का शौक है, जिसे वह अपनी कहानी के जरिये जीवंत करती हैं ।

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