हाल ही में एक ऑटो ड्राइवर की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी, इस ऑटो ड्राइवर ने अपनी पोती के पढ़ाई के लिए अपना घर बेच डाला और खुद ऑटो में रहने लगा। इस कहानी को जिस लोगो ने पढ़ा था या फिर सुना था, सबने इस ऑटो ड्राइवर की खूब प्रशंसा की और इनके जज्बे को सलाम किया लेकिन इस कहानी में एक नया भाग देखने को मिला है जिसमे लोगो से “क्राउड फंडिंग” के जरिए इस ऑटो ड्राइवर को 24 लाख रूपये तक की मदद मिली है।
कौन है ये ऑटो ड्राइवर, जिसने पोती के पढ़ाई के लिए घर बेचा
आज भी कुछ लोग अपना पैसा बेटी के शादी के लिए इक्कठा करते है, उनकी पूरी जिंदगी बेटी के शादी के बारे में सोचकर, चिंता करते ही निकल जाती है, लेकिन इसी समाज में एक ऑटोवाले ने अपनी पोती के शादी के बारे में नहीं बल्कि उसके भविष्य के बारे सोचा है। जी हां, हम बात कर रहे है ऑटो ड्राइवर “देशराज” (Deshraj) की जिन्होंने कभी हार नही माना बल्कि अपने जज्बे को कायम रखा।
एक न्यूज चैनल के माध्यम से बताई अपनी कहानी :–
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में देशराज (Deshraj) ने बताया, 6 साल पहले उनके 40 वर्षीय पुत्र अचानक लापता हो गया था, कुछ दिन बाद उसकी शव मिली। उसके बाद से परिवार का खर्च उठाने के लिए उन्होंने ऑटो चलाना शुरू किया। समस्या कम नहीं हुई तथा 2 साल बाद उनके दुसरे बेटे ने सुसाइड कर लिया। अब बहु और 4 पोते-पोतियो की जिम्मेवारी इनको उठानी पड़ी। देशराज की शरीर भले ही पुरानी हो गयी , लेकिन इच्छाशक्ति काफी ज्यादा थी।
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आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पोती ने पढ़ाई करने से किया मना :–
9वीं में पढ़ने वाली पोती ने जब पैसो की मजबूरी मे पढ़ाई छोड़ने की इच्छा जताई तो देशराज ने उसे समझाया तथा 10 हजार ऑटो से कमाने वाले देशराज ने महीने के 6 हजार बच्चो की पढ़ाई में खर्च करने लगे।
बच्चो की पढ़ाई के लिए की कठिन परिश्रम :–
देशराज सुबह 6 बजे घर से निकलते थे और देर रात तक घर आते थे । कभी-कभी घर में कुछ खाने के लिए भी नहीं रहता था।
12वीं मे पोती ने लाया अच्छा मार्क्स :–
कड़ी मेहनत से पढ़ाई करके उनकी पोती ने 12वीं में 80% नंबर लाया तब देशराज को बहुत सुकून मिला। इस खुशी में उन्होंने पूरे दिन निशुल्क में ऑटो चलाया।
पोती को बी० एड० कराने के लिए घर बेच डाली :–
इसके बाद उनकी पोती ने दिल्ली कॉलेज से बी० एड० की इच्छा जताई इससे देशराज की चिंता बढ गई । बाद में उन्होंने अपनी पत्नी और बहुओ को रिश्तेदार के घर भेज दिया तथा पोती के आगे की पढ़ाई के लिए घर बेच दिया।
ऑटो मे बिताई रात :–
इसके बाद देशराज “मुंबई” में हीं ऑटो में रात में रहने लगे तथा उसी में खाते है और उसी में सोते है। देशराज के अनुसार, जब उनकी पोती फोन करती है तो वह उस समय अपना सब दुख-दर्द भूल जाते है तथा उस क्षण को वो याद करते थे जब उनकी पोती उनके परिवार में पहली ग्रेजुएट होगी तथा टीचर बनेगी। देशमुख के मन का ऐसा सोच है कि जिस दिन उनकी पोती टीचर बनेगी उस दिन भी वो अपने ग्राहको को निशुल्क सफर करायेंगे।
देशराज के कहानी में आया नया मोड़, लोगो ने की घर बनाने के लिए पैसे की मदद :–
हाल ही में देशराज को लोगो का बहुत प्यार मिला है, लोगो ने देशराज की “क्राउड फंडिंग” के जरिए 24 लाख रूपये की मदद की जिससे अब वो अपना घर बनवा सकेंगे। इतना पैसे देखकर देशराज के आंखो से खुशी का आंसू निकले और वह डांस करने लगे। देशराज ने लोगो को धन्यवाद दिया।