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प्लेन क्रैश के बाद पांच हफ्तों तक जंगलों में भटकता रहा पायलट, पक्षियों के अंडे खाकर ज़िंदा रहा और घर लौटा

एंटोनियो सेना

क्या आप पांच हफ्तों तक एमेजॉन (Five weeks in Amazon Rainforest) के घने जंगल में अकेले बिना किसी संसाधनों के गुजर बसर कर के घर वापसी की कल्पना कर सकते हैं? आप किसी फैसले पर पहुंचे इससे पहले बता दें कि 2.1 मिलियन वर्ग मील में फैला यह जंगल दक्षिणी अमेरिका से ब्राजील तक फैला है। कहा जाता है कि अगर ये कोई देश होता, तो दुनिया का 9वां सबसे बड़ा देश होता। विशालकाय होने के कारण यहां अरबों जीव जंतुओं का बसेरा है। इनमे से कई ऐसे है जिन्हें हम जानते तक नहीं।

Pilot survived in Amazon Rainforest for five weeks

इसलिए पायलट ने की इमरजेंसी लैंडिंग

36 साल के पायलट एंटोनियो सेना एमेजॉन के जंगल (Pilot Antonio Sena spent five weeks in Amazon) में पांच हफ्ते बिता के आए हैं। मगर ये कोई एडवेंचर ट्रिप नहीं थी बल्कि एक एक्सिडेंट था। 28 जनवरी से ही लापता चल रहे पायलट को ढूंढा जा रहा था। लेकिन वो तो एमेजॉन के जंगलों के बीच थे। दरअसल, पायलट ने पुर्तगाल के एलेंकेर शहर से उड़ान भरी थी और एलमेरियम शहर जा रहे थे। इस दौरान प्लेन में मैकेनिकल दिक्कत अा गई थी। तुरंत ही इमरजेंसी लैंडिंग करना जरूरी हो गया था।

पक्षियों के अंडे और जंगली फल बने सहारा

प्लेन में आग लगने के कारण क्रैश लैंडिंग (Plane crashed in Amazon Rainforest) हुई लेकिन उससे पहले पायलट ने ब्रेड्स और बाकी जरूरी चीज़ों को अपने पास रख लिया। जान तो बच गई लेकिन अब उनके सामने एमेजॉन जंगल चुनौती बन के खड़ा था। शुरुआत में कुछ दिनों तक पायलट प्लेन के आसपास ही रहें फिर बाद में आगे बढ़ने का फैसला किया। इस दौरान वह जंगली फल और पक्षियों के अंडे खाकर भूख मिटा रहे थे।

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रेस्क्यू टीम ने ऐसे ढूंढ निकाला

इधर उन्हें ढूंढने के लिए रेस्क्यू टीम भी महती मशक्कत कर रही थी। वह जंगल में ही आगे बढ़ते। तकरीबन पांच हफ्ते बाद रेस्क्यू टीम ने उन्हें आखिरकार ढूंढ निकाला। टीम को देखते ही वो काफी इमोशनल हो गए। एमेजॉन जंगल जहां खतरनाक जीव के साथ ही साथ विषैले और भयावह पेड़ पौधे भी मौजूद है। ऐसे वातावरण में खुद को ढालकर सूझबूझ से खुद को पांच हफ्तों तक जीवित रख पाना अपने आप में ही उपलब्धि है।

परिवार से दोबारा मिलने की चाहत ने जिंदा रखा

हालांकि इस दौरान उनका वजन काफी कम हो गया था और कई चोटें भी आईं थीं। डॉक्टर ने डिहाइड्रेशन का ट्रीटमेंट करने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी। एंटोनियो ने मीडिया को बताया कि “एक चीज जिसने मुझे लगातार हिम्मत दी और इस कठिन स्थिति से मुझे निकालने में मदद की वो मेरे परिवार के प्रति मेरा लगाव था। मैं अपने परिवार से मिलना चाहता था। इसलिए हिम्मत से आगे बढ़ता रहा। मैंने जिंदा बचने की उम्मीद नहीं छोड़ी थी।”

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