Sunday, December 10, 2023

पति-पत्नी मशरूम हट से कमा रहे लाखों रूपए, 55 लोगों को रोजगार भी दिया, आप भी सीखें तरीका

हमारे देश में ज्यादातर लोगों की आय का स्रोत खेती ही है। हमारे देश के बिहार राज्य के अधिकतर किसान मशरूम की खेती से अच्छी खासी आमदनी कमा रहे हैं। यहां किसान झोपड़ी में मशरूम उगाने तथा बंद कमरे में मशरूम उगाने आदि कई तकनीकों का उपयोग कर मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं।

मशरूम हट क्या है

जब झोपड़ी में मशरूम का उत्पादन करते हैं तो इसका नाम उन्होंने मशरूम हट रखा है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप मशरूम की खेती में थोड़ी सूझबूझ एवं तकनीक का उपयोग करते हैं तो आप इसमें बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं। बिहार राज्य के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के किसान भी मशरूम की खेती में सफलता हासिल करने में कामयाब हैं। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के ऐसे पति-पत्नी के विषय में बताएंगे जिन्होंने मशरूम उत्पादन में सफलता हासिल कर अन्य लोगों को रोजगार से जोड़ा है। -Mushroom cultivation

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लिया बैंक से लोन

यूपी के प्रतापगढ़ के बिल्हा से ताल्लुक रखने वाले रवि प्रताप सिंह तथा उनकी पत्नी कंचन सिंह मशरूम की खेती में अपना भाग्य आजमाने के लिए आगे बढ़े जिसमें वह सफल हुए। अब उन्होंने कई लोगों को आत्मनिर्भर बनाया साथ ही इस खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं, जिससे उनका जीवन खुशहाल व्यतीत हो रहा है। उनके इस कार्य में लगभग 55 लाख रुपए की लागत आई। इसके लिए उन्होंने बैंक से 22 लाख रुपए लोन भी लिए और तब इस अपने इस कार्य को प्रारंभ किया। -Mushroom cultivation

लगाया है AC प्लांट

उत्तर प्रदेश के जौनपुर लखनऊ, अमेठी, बनारस, रायबरेली तथा सुल्तानपुर जैसे कई जिलों में ये सप्लाई हो रहा है जिसका मूल्य 100 से 200 प्रति किलोग्राम है। उन्होंने अपने मशरूम को सुरक्षित रखने हेतु AC प्लांट लगाया है जहां कई लोग कार्य कर रहे हैं। उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी बेहतर है जिस कारण इसका अच्छा मूल्य मिल रहा है। -Mushroom cultivation

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नहीं लगता है लम्बा वक़्त

मशरूम की बुआई तथा उर्वरक से लेकर अन्य कार्य को मेंटेन रखने में वक्त लगता है। साथ ही मशरूम को तैयार होने में भी लगभग 30 दिनों का समय लग जाता है और यह बेंचने लिए तैयार हो जाते हैं। आगे इसे बाहर निकाला जाता है और फिर इनकी पैकिंग कर के सप्लाई कर दिया जाता है। -Mushroom cultivation