हमारे देश में ऐसी कई सारी ऐतिहासिक जगहें मौजूद हैं, जो अनेकों वर्षों से अस्तित्व में हैं साथ ही उन सभी का अलग-अलग इतिहास भी है। उन्हीं जगहों में एक जगह तमिलनाडू में हैं जिसे “एशिया का सबसे पुराना पुस्तकालय” (The Oldest Library Of Asia) कहा जाता है। हालांकि, भारत में अनेकों पुस्तकालय हैं लेकिन इस ऐतिहासिक लाइब्रेरी का इतिहास काफी अलग है।
इस पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं में लिखी हुई कई हस्तशिल्पियां भी मौजूद हैं, जिसे देखकर आप समझ सकते हैं कि उसका अस्तित्व कितना पुराना है। इसी क्रम में आइए जानते हैं एशिया के सबसे प्राचीनतम पुस्तकालय के बारें में विस्तार से-(The Saraswathi Mahal Library located in Thanjavur, Tamil Nadu is the oldest library of Asia.)
कहां स्थित है एशिया का प्राचीनतम लाइब्रेरी?
भारत के तमिलनाडु (Tamil Nadu) में तंजावुर पैलेस (Thanjavur Palace) के बाहर स्थित इस पुस्तकालय का नाम “सरस्वती महल पुस्तकालय” (Saraswathi Mahal Library) है। हालांकि, यह लाइब्रेरी लोगों के बीच तन्जौर के “महाराजा शेरोफजी सरस्वती महल” (Maharaja Serfoji’s Saraswathi Mahal Library) के नाम से भी प्रचलित है। इस लाइब्रेरी के बारें में ऐसा कहा जाता हैं कि यहां भिन्न-भिन्न भाषाओं में लिखी हस्तशिल्पियां और किताबों का अनूठा संग्रह देखने को मिलेगा।
तन्जौर के शासक के लिए शुरु किया गया था यह पुस्तकालय
इस लाइब्रेरी (Saraswathi Mahal Library) का इतिहास काफी पुराना है। इसका अन्दाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसकी शुरूआत तन्जौर के शासक जिसने तन्जौर पर 1535 से 1675 तक राज किया था, के लिए “रॉयल लाइब्रेरी” के तौर पर किया गया था। उस समय इस लाइब्रेरी का नाम “सरस्वती भंडार” (Saraswathi Bhandar) रखा गया था। The Saraswathi Mahal Library located in Thanjavur, Tamil Nadu is the oldest library of Asia.
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अलग-अलग भाषाओं में लिखी पुस्तकें और ताड़ के पत्ते पर हस्तशिल्प मौजूद हैं यहां
पुस्तकालय शब्द का अर्थ ही होता है कि वैसी जगह जहां विभिन्न प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, हस्तशिल्पियों आदि का संग्रह हो। सरस्वती महल पुस्तकालय (Saraswathi Mahal Library) में भी तमिल, तेलगु, हिन्दी, अन्ग्रेजी जैसे अन्य अलग-अलग भाषाओं में लिखित पुस्तकों के साथ-साथ ताड़ के पत्तों पर बने हस्तशिल्प भी पढ़ने को मिल जाएंगे। इस लाइब्रेरी में 60 हजार से ज्यादा खंड शामिल हैं लेकिन उसका एक छोटा-सा भाग ही लोगों को दिखाया जाता है। इतना ही नहीं यहां होर्डिंग्स के लिस्ट भी लगे हुए हैं जिसे कोई भी ऑनलाइन देख सकते है।
इस लाइब्रेरी में एक बहुत बड़ा म्युजियम भी मौजूद है
सरस्वती महल पुस्तकालय को विश्व के मध्यकालीन पांडुलिपि पुस्तकालयों में से एक माना जाता है। वहीं एक सर्वे के अनुसार, इस लाइब्रेरी की गिनती भारत के सबसे उल्लेखनीय पुस्तकालय के रूप में की जाती है। इस लाइब्रेरी की वास्तुकला भी बहुत कमाल की है, जहां सिर्फ लाइब्रेरी ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा एक संग्रहालय भी है जिसमें ज्ञान की देवी मां सरस्वती की बहुत बड़ी प्रतिमा लगी हुई है। इसके अलावा उस म्यूजियम में तंजौर की काफी पुरानी पेंटिंग और भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की बेहद खूबसूरत पेंटिंग रखी हुई है जिसे देखते ही कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाएगा।
किताबों का गजब कलेक्शन हैं यहां
सरस्वती महल लाइब्रेरी में स्थित म्युजियम में लाखों की संख्या में किताबों को संग्रहीत किया गया है। इसके अलावा इस संग्रहालय में एक खण्ड भी बनाया हुआ है, जिसमें बहुत पुराने और दुर्लभ चीजों का संग्रह किया गया है। उन दुलर्भ चीजों में चिकित्सा पर लिखी हुई प्राचीन पुस्तकें, महाभारत, प्राचीन रामायण जैसी अन्य संस्कृति ग्रंथ के साथ-साथ ताड़ के पत्ते पर लिखी लिपियाँ, पाण्डुलिपियां, बहुत छोटे-छोटे ताड़ के पत्ते की लिपियाँ शामिल हैं।
इस लाइब्रेरी और म्युजियम (Saraswathi Mahal Library & Museum) के बारें में बात करें तो यह वैसे लोगों के लिए प्रिय जगह हो सकती है जिन्हें आर्कियोलॉजी में रुचि हो या फिर जिन्हें किताबें पढ़ने का बहुत अधिक शौक हो। यदि आपको भी ये शौक हैं तो यहां जरुर जाएं। The Saraswathi Mahal Library located in Thanjavur, Tamil Nadu is the oldest library of Asia.