Wednesday, December 13, 2023

140 वर्ष पहले पहलवान ने शुरु की थी यह दुकान, आज भी लोगों की जुबां पर बरकरार है यहां की मिठास

भारत में स्थित राजस्थान अपनी ऐतिहासिक किलाओं, राजा-महाराजाओं के पराक्रम, संस्कृति और ऐतिहासिक महलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। हालांकि, राजस्थान इनसब टूरिस्ट प्लेसेज के अलावा अपने जायकेदार और लजीज खान-पान के लिए भी काफी मशहूर हैं। इतना ही नहीं यदि आप यहां घूमने के लिए जाएंगे तो वहां आपको खाने-पीने की ऐसी दुकानें दिखेंगी जो 100 वर्ष पुरानी होने के बाद भी अपने स्वाद के लिए आम नागरिकों के साथ-साथ सैलानियों के बीच भी लोकप्रिय है।

राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) में भी 140 वर्ष पुरानी रबड़ी की एक ऐसी दुकान है जिसका इतिहास काफी दिलचस्प है। यह दुकान राजस्थान समेत पूरे पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। तो चलिए जानते हैं इतनी पुरानी दुकान के बारें में- Story of 140 Year Old Mahaveer Rabri Bhandar Jaipur, Rajasthan

कहां स्थित हैं 140 वर्ष पुरानी रबड़ी की दुकान

हम बात कर रहे हैं महाबीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) की, जो राजस्थान का गुलाबी शहर कहा जानेवाला जयपुर (Pink City Jaipur) में स्थित विश्व प्रसिद्ध हवा महल (Hawa Mahal) पास ही मिश्रा राजाजी नाम से प्रसिद्ध गली में स्थित है। इस दुकान की शुरुआस्त एक छोटी-सी दुकान से हुई थी लेकिन आज यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।

आज भी लोगों की जुबां पर बरकरार है रबरी की मिठास

यह इतना लोकप्रिय हो गया है कि इस नाम से राजस्थान में कई दुकानें लगी मिल जाएंगी लेकिन महाबीर रबड़ी भंडार की असली दुकान हवा महल के पास की गली में स्थित है। 140 वर्षों से लागातार चली आ रही इस दुकान को तीसरी-चौथी पीढ़ी चला रही है और आज भी इस दुकान की मिठास लोगों की जुबान पर बरकरार है। जैसा की दुकान के नाम से ही समझ आ रहा है कि यह अपनी लाजवाब रबड़ी के लिए फेमस हैं। हालांकि, इस दुकान पर रबड़ी के साथ-साथ अन्य कई प्रकार की डिशेज भी मिलती हैं।

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कैसे हुई थी महाबीर रबड़ी की शुरूआत?

आमतौर पर लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए या व्यवसाय के तौर पर दुकान की शुरूआत करते हैं। लेकिन महाबीर रबड़ी दुकान (Mahaveer Rabri Bhandar, Jaipur) की कहनी थोड़ी अलग है। इस दुकान की शुरूआत एक अखाड़ा चलाने वाले पहलवान कपूरचंद के द्वारा की गई थी। कपूरचंद पहलवानी करने के अलावा लजीज खाने के भी बेहद शौकीन थे और अपने इसी शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने इस दुकान की नींव डाली।

पहलवानी छोड़ किया दुकान चलाने का फैसला

कपूरचंद ने दुकान शुरु करने के दौरान सबसे पहले दही और रबड़ी को खास डिश बनाकर बेचना शुरु किया। पहलवान कपूरचंद दुकान चलाने के साथ-साथ अखाड़ा भी चलाते थे। लेकिन लोगों को उनकी दुकान की रबड़ी इस कदर मशहूर होने के लगी कि वहां भारी भीड़ इकट्ठा होने लगी। ऐसे में उन्होंने पहलवानी छोड़ अपनी दुकान चलाने का ही फैसला किया और दुकान को ऊंचाईयों तक पहुंचाने में लग गए।Story of 140 Year Old Mahaveer Rabri Bhandar Jaipur, Rajasthan

महाबीर रबड़ी भंडार दुकान में बाद में जोड़े गए अन्य राजस्थानी आइट्मस

महाबीर रबड़ी दुकान (Mahaveer Rabri Bhandar, Jaipur) की शुरु करनेवाले पहलवान कपूरचंद तो दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनकी दुकान आज भी निरंतर चली आ रही है। वर्तमान में इस दुकान को उनकी पोती सीमा बड़जात्या, उनके पति अनिल बड़जात्या और बेटी अमृता जैन द्वारा चलाया जा रहा है। हालांकि, इस दही और रबड़ी से शुरु हुई इस दुकान पर उस समय और अन्य राजस्थानी आइट्मस मिलने शुरु हो गए जब सीमा ने इस दुकान की संभालनी शुरु की।

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सीमा ने इस बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए इसमें बाजड़े की रोटी, लहसुन की चटनी, आलू-प्याज की सब्जी, मिर्ची के तकोरे शामिल किया। अब उनके दुकान पर इन सभी व्यंजनों के साथ पारम्परिक रबड़ी भी लोगों को सर्व की जाती है। इसके अलावा सीमा की बेटी अमृता ने इस व्यवसाय में जुड़ने के बाद कुछ अन्य मिठाइयों और राजस्थानी डिशेज (Rajasthani Dishes) को जोड़ा।

हर वर्ग के लोग खा सकते हैं भरपेट खाना

आपको बता दें कि, यहां हर कोई भरपेट खाना खा सकता है। हालांकि, महाबीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) पर 80 रुपये से लेकर 200 रुपये तक के अलग-अलग थाली मौजूद हैं जिसे लोग अपनी क्षमता और पसंद के अनुसार खरीदते हैं। पहलवान जी द्वारा शुरु की गई इस दुकान पर लोगों की इस कदर भारी भीड़ लगती है कि यहां रोजाना 200 किलों की सब्जी तैयार की जाती है।

इतने लम्बे वर्ष के बाद भी यह दुकान आज भी लोगों के दिल में पहले की तरह ही बरकरार है। इतना ही इस दुकान की रबड़ी की मिठास 140 वर्षों बाद भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। ऐसे में यदि आप भी राजस्थान या जयपुर जा रहे हैं पहलवान जी की दुकान महाबीर रबड़ी भंडार पर जाकर खाने का लुत्फ जरुर उठाएं।