नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक महिमामयी धाम है ! यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है। यह द्वारिका से करीब 17 मील दूर है ! इस ज्योतिर्लिंग के बारे में कई मान्यताएँ हैं ! बाबा भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ! नागेश्वर धाम में स्वयं भगवान शिव विराजमान है। नागेश्वर धाम में भगवान शिव नाग देव के रूप में हैं। नागेश्वर का मतलब नागों का ईश्वर होता है। और भगवान शिव को नागों का ईश्वर कहते हैं।
श्रद्धालु नागेश्वर धाम में श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने आते हैं तो उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है व सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ! यहां श्रद्धालु हजारों की भीड़ में देश- विदेश से भगवान शिव जी के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर का निर्माण वर्तमान में श्री गुलशन कुमार जी ने करवाया था। नागेश्वर धाम में किसी भी श्रद्धालु को भगवान शिव जी का अभिषेक करना होता है, तो वे सिर्फ धोती पहन कर ही भगवान शिव जी का अभिषेक कर सकते हैं। नागेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग माध्यम बड़े आकर का है। इस ज्योतिर्लिंग के ऊपर चांदी का आवरण चढ़ा हुआ है। और ज्योतिर्लिंग पर चांदी के नाग की आकृति बनी है। नागेश्वर धाम में भगवान शिव जी की एक विशाल मूर्ति भी है। जो काफी दूर से ही दिखाई पड़ती है।
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ऐसा माना जाता है कि नागेश्वर धाम में नागों का वास होता था। यहां लोग सर्प के डर से नहीं जाते थे। इस धाम के आस- पास कोई गांव नहीं है। लेकिन कुछ बुजुर्गों ने हिम्मत जुटा कर गए। नागेश्वर धाम में अभी भी मंदिर के आस- पास सर्प घूमता रहता है। इस धाम में नागपंचमी के दिन विशेष आयोजन होता है। यहां देश- विदेश से श्रद्धालु लोग लाखों की भीड़ में दर्शन करने और भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने आते हैं।
आस्था और भक्ति को पोर-पोर समाए यह तीर्थ स्थल भगवान शिव के प्रमुख धामों में से एक है ! यहाँ भक्तों के आने का सिलसिला सालों भर चलता रहता है ! श्रद्धालु यहाँ देवों के देव महादेव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं !