Wednesday, December 13, 2023

आंखों की रोशनी नहीं होने के कारण मिली अनाथालय में रहने की सलाह, IAS अफसर बनकर किया नाम रोशन

हमारे समाज में ऐसे बहुत से व्यक्ति हैं, जिन्हें अगर थोड़ी सी भी भनक लग जाए कि किसी बच्चे में शारीरिक व मानसिक रूप से कोई कठिनाइयां है, तो वह उनके पेरेंट्स को सांत्वना नहीं देते हैं बल्कि वह उन्हें कहते हैं कि इसे अनाथ आश्रम या पागलखाने भेज दिया जाए। ऐसा ही कुछ आईएएस ऑफिसर राकेश के साथ भी हुआ था।

आईएएस राकेश शर्मा

आईएएस राकेश शर्मा (IAS Rakesh Sharma) जन्मजात अंधे नहीं थे, बल्कि वह 2 वर्ष की आयु में किसी दवा के रिएक्शन के शिकार होने के बाद वह नेत्रहीन हो गए। तब लोगों ने उनके पेरेंट्स को यह सजेशन दिया कि तुम अपने बेटे को आश्रम में छोड़ आओ, ताकि वहां इसका पालन-पोषण हो सके, क्योंकि अब यह तुम्हारे लिए भार बन चुका है, लेकिन राकेश के परिजनों ने ऐसा कुछ नहीं किया।

राकेश शर्मा ( Rakesh Sharma) हरियाणा(Haryana) के गांव से सम्बन्ध रखते हैं। राकेश के माता-पिता ने उन्हें सामान्य बच्चों की तरह प्यार दिया, ताकि वह खुद को कमजोर महसूस ना कर सकें और उन्हें उच्च शिक्षा भी दिलाई।

Success story of becoming an IAS officer Rakesh Sharma

आम स्कूलों में नहीं मिलता था दाखिला

राकेश ने यह जानकारी दिया कि प्रारंभिक दौर में उनका एडमिशन कहीं सामान्य स्कूल में नहीं हो पा रहा था, तब उन्होंने अपनी शिक्षा स्पेशल स्कूल से प्राप्त की। अपनी 12वीं की शिक्षा संपन्न करने के उपरांत वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिश लेकर पढ़ाई में पूरी तरह जी जान लगा दिया। वहां के विद्यार्थियों और प्रोफेसर ने उनका मनोबल काफी बढ़ाया, ताकि वह आगे कुछ बड़ा कर सकें।

यह भी पढ़ें :- संस्कृत की पढ़ाई करने पर लोगों ने खूब मजाक उड़ाया, वही पढाई कर बने अफसर: IRS Aditya Kumar Jha

यूपीएससी का चढ़ा खुमार ताकि अन्य बच्चों की कर सकें मदद

एक वक्त कॉलेज के दिनों में राकेश की मुलाकात एक ऐसे लड़के से हुई, जो अपने घर परिवार को छोड़कर यहां आया था। वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य के संपर्क रखने की चाहत नहीं करता था। राकेश ने उन्हें काफी समझाया फिर वह लड़का अपने घर वापस लौट गया। उस लड़के के घर वालों ने राकेश को दुआएं दी। राकेश ने यह निश्चय किया कि वह अन्य बच्चों का मनोबल बढ़ाएंगे जो अपने परिवार से दूर हैं और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दिया।

Success story of becoming an IAS officer Rakesh Sharma

पहले प्रयास में किया यूपीएससी पास

दूसरों की मदद के लिए उन्होंने यूपीएससी क्षेत्र का चयन किया। उन्होंने वर्ष 2018 में एग्जाम दिया, वह प्रथम प्रयास में ही वह यूपीएससी को पास कर आईएएस ऑफिसर बने। यह वही बच्चा है, जिन्हें लोगों ने कहा था कि इसे आश्रम में छोड़ दिया जाए, क्योंकि यह अपने परिवार वालों पर बोझ बन चुका है।

नेत्रहीन होने के बावजूद भी जिस तरह अपने मेहनत और लगन के बलबूते पर दूसरों की मदद के लिए राकेश यूपीएससी में सफलता हासिल कर, आईएएस ऑफिसर बने।
इसके लिए The Logically उन्हें बधाई देता है।