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भाभी ने दूसरी माँ होने का फर्ज निभाया, देवर को एक किडनी दान देकर उसकी जिंदगी बचाई

पौराणिक काल से ही बड़े भाई व भाभी को किसी भी मनुष्य के जीवन में दूसरे माता-पिता का दर्जा दिया गया है। माता-पिता के न रहने की स्थिति में भाई व भाभी ही वे दूसरे इंसान होते हैं जो न केवल हमें सही-गलत का बोध कराते हैं बल्कि कभी-कभी हमारे लिए एक नये जीवनदाता की भूमिका भी निभाते हैं।

दरअसल, जयपुर शहर से 25 किमी दूर स्थित दौलतपुरा बगवाड़ा(Daulatpur Bagwada, Jaipur) नामक क्षेत्र से बड़े भाई-भाभी की ऐसी कहानी सामने आई है जिसकी सराहना व उनके त्याग को नमस्कार करे बिना समाज का कोई व्यक्ति नही रह सकता। जहां 30 वर्षीय सुनीता (Sunita Sharma) ने अपने से 3 साल छोटे देवर प्रभु दयाल शर्मा(Prabhu Dayal Sharma) को अपनी एक किडनी डोनेट करके न केवल उन्हे नया जीवन दिया है बल्कि उनकी दूसरी मां होने की भूमिका निभाई है, जिससे आज सारा शर्मा परिवार उनका आभारी बन गया है।

क्या है पूरा मामला

जयपुर स्थित दौलतपुरा बगवाड़ा के शर्मा परिवार की मझली बहु सुनीता शर्मा ने 1 मार्च को अपनी किडनी अपने छोटे देवर और परिवार के सबसे छोटे बेटे 35 वर्षीय प्रभु दयाल शर्मा को किडनी दान करते हुए उन्हे एक बार फिर जीवन दान दिया है। ऐसे में अगर समाज सुनीता को प्रभु की दूसरी मां कहे तो यह अतिश्योक्ति कदापि नही होगी।

Sunita Sharma donated kidney

प्रभु दयाल अब स्टेबल कंडीशन में हैं

बता दें कि जयपुर के सीतापुर स्थित महात्मा गांधी हॉस्पिटल (Mahatma Gandhi Hospital-Sitapur) के डॉक्टर्स द्वारा यह किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन सफलतापूवर्क किया गया। वर्तमान में डोनर सुनीता शर्मा को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल चुकी है जबकि पेशेंट प्रभु दयाल जो अब स्टेबल कंडीशन में हैं लेकिन, डॉक्टरों ने उन्हे अभी कुछ दिन और अस्पताल में रहने की हिदायत दी है।

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पूर्व में प्रभु के बड़े भाई भी उन्हे किडनी दान कर चुके हैं

दौलतपुरा बगवाड़ा में रहने वाले शर्मा परिवार के सबसे छोटे बेटे प्रभु दयाल एक किडनी पेशेंट हैं। जिसके चलते दो साल पहले भी उनकी एक किडनी डैमेज हो गई थी। तब उनकी हालत अत्यंत गंभीर हो जाने की वजह से सितंबर 2018 में उनके सबसे बड़े भाई अप्रकाश शर्मा ने अपनी किडनी डोनेट करते हुए उन्हे जीवनदान दिया था।

कॉलेस्ट्राल बढ़ने की वजह से दूसरी बार हुई थी प्रभु दयाल की किडनी डैमेज

2018 में सबसे बड़े भाई द्वारा किडनी दिये जाने पर प्रभु दयाल ठीक तो गये लेकिन, अचानक कॉलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाने के कारण उनकी किडनी एकबार फिर डैमेज हो गई। इन परिस्थितियों में उनके दूसरे बड़े भाई व सुनीता के पति गिरधारी लाल शर्मा ने किडनी डोनेट करने का फैसला लिया।

पूरा परिवार एक ही ईकाई हैः सुनीता

इस बार अपने पति द्वारा किडनी देने का फैसला लिये जाने की स्थिति में सुनीता ने कहा कि – “मैं अपने और देवर के परिवार को और मुश्किलों में नही देखना चाहती इसलिए इस बार मैं किडनी डोनेट करती हूं, अगर मेरे त्याग से इस परिवार की खुशियां लौटती हैं तो क्या हर्ज़ है, अगर हम सब सुख में साथ रह सकते हैं, तो दुःख में क्यों नही। हमसे ही ये परिवार है और इस परिवार से हम, आखिर ये परिवार एक ही ईकाई है”

सुनीता ने देवर के परिवार का मुश्किल वक्त में साथ दिया है

वर्तमान में जो भी व्यक्ति यह ख़बर सुन रहा है वह शर्मा परिवार व सुनीता की यह कहकर तारीफ करे बिना नही रहता कि – “भाभी होकर व पराये घर की होकर भी सुनीता ने बहु ही नही बल्कि प्रभु दयाल की दूसरी मां होने का फर्ज़ निभाया है” सुनीता प्रभु के मझले भाई का पत्नी हैं। पहली बार किडनी खराब होने की स्थित में सबसे बड़े भाई ने अपनी किडनी डोनेट कर दी थी। इस बार पूरा परिवार असमंजस में था कि कौन किडनी देगा। ऐसे में सुनीता शर्मा ने घर के हालातों और विषम परिस्थितियों को भांपते हुए अपनी किडनी देने का निर्णय लिया।

आधुनिक समाज में बिखरते परिवारों व पारिवारिक वैमनस्य के बीच जयपुर के शर्मा परिवार की इस त्यागपूर्ण व तीन भाईयों के परिवारों के बीच आपसी प्रेम की इस ख़बर को सुनकर बेशक ही सबकी आंखे खुशी की वजह से नम हुए बिना नही रह पाएंगी। The Logically भी शर्मा परिवार के इस आपसी त्याग व प्रेम को नमस्कार करता है।

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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