Saturday, December 9, 2023

खुद के घर को बना दिए ‘ग्रीन हाउस’ किचन के कचड़ों से खाद बनाकर 500 गमलों में लगाये सब्जी और फूल: तरीका सीखें

कहते है असफलताओ से सबको दर लगता हैं। और हमारे समाज मे अधिकतर ऐसे इंसान है जो एक बार असफल हो गए तो दुबारा वह काम करने की सोचते ही नही परन्तु जहा चाह है वहाँ राह हैं। आज भी बहुत से लोग ऐसे है जिन्हें असफलताओ से डर नही लगता यही कारण है कि आज वह अपने जीवन मे कामयाब हैं।

तपिश जैन जो राजस्थान के कोटा में रहते है उनकी आयु 31 वर्ष हैं। तपिश प्राइवेट कंपनी में HR के पद पर नियुक्त हैं। तपिश को गार्डेनिंग करना काफी अच्छा लगता हैं।उन्हें पेड़-पौधो लागने का शौक बचपन से ही था परंतु जब वह खुद कमाने लगे तब उन्होंने इसकी शुरुआत की।

मन के हारे हार हैं तथा मन के जीते जीत:-

एक दिन अचानक तपिश के मन मे आया कि गार्डेनिंग करनी है और वह बाजार गए और गमले ले आये शुरूआत उन्होंने कम पेड़-पौधे लाये तब अप्रैल चल रहा था और हम सब जानते है कि अप्रैल के बाद गर्मी पड़ती हैं।

Garden

तब तपिश को इतनी समझ नही थी कि गार्डेनिंग की । इसलिए गर्मी में तपिश के लगाए सारे पेड़-पौधे मुरझा गए। परन्तुं कहते है न मन के हारे हर है और मन के जीते जीत। तपिश ने फिर से पेंड़-पौधे लगाए और तरह तरह के प्रयोग करने लगे। शुरू में कुछ ऑर्नामेंटल और फूलों के पेड़-पौधों पर प्रयोग किया और अब तो तपिश फल,सब्जियां भी उगाने लगे हैं।

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कहते है हमारा अनुभव कभी जाया नही जाता वैसे ही तपिश ने भी अपने अनुभवों से सिख के घर पर ही मिट्टि तैयार की और इसके साथ ही साथ खाद और आर्गेनिक स्प्रे भी वह खुद ही बनाते है। अब तपिश मौसम के हिसाब से पेड़-पौधे लगाते हैं। और अपने अनुभव से पेड़-पौधों की देख रेख खुद ही करते है।

तपिश का अनोखा तरीका यह हैं कि वह अपने सारे पेड़-पौधों कटिंग्स से उगाते हैं। जब भी तपिश कोई भी पेड़-पौधों खरीदते है तो कटिंग्स से दो तीन पौधे बना लेते हैं।कुछ तो वह किसी को तोहफ़े में दे देते है और कुछ उनके गार्डन की सुंदरता बढ़ाते हैं।

Tapish Jain gardening

खुद से बनाई खाद का करते है उपयोग:-

तपिश अपने पेड़ों के लिए खुद ही खाद बनाते है तपिश ने अपने पास एक खाली पानी की टंकी रखी हैं।वह ऐसे ही रखी थी तो तपिश ने उसे खाद बनाने के लिए उसकी मदद ली।तपिश टंकी के भरने तक उसमे घर का गिला कचरा,मिट्टी रखते है। टंकी आकार में बड़ी हैं तो उसे भरने में वक़्त लगता हैं और जब भर जाती है तो टंकी में 6 महीने में तपिश के पास 4-6 महीने की खाद तैयार हो जाती हैं।

तपिश गीले कचरे से बनी खाद के साथ गोबर की खाद भी बनाते हैं और दूसरे जैविक किट प्रतिरोधक भी।। जैसे हमारे लिए पोषण जरूरी होता है वैसे पेड़-पौधों के लिए भी जरूरी रहता है तो हमे इस बात को ध्यान में रखकर महीने में कम से कम एक बार तो पोषण देना चाहिए पौधों को।

तपिश ने अपने गार्डन में 500 से ज्यादा पेड़-पौधें लगाए है।टमाटर,लौकी,मिर्च ,ककड़ी,करेला जैसी सब्जियां उगाते है।इसके साथ ही वह तरह तरह के फूल भी लगाते हैं।

green house

तपिश का गार्डन अब” ग्रीन हाउस” हो गया है।जिसका तपिश ने कई सारे प्रयोग करके सजाया है। गमलो के साथ साथ तपिश ने अपने छत को भी पेंट किया हैं।कमल का फूल तथा कई तरह के पेंटिंग बनाई है। तपिश से प्रभावित हो कर अगल बगल के लोगो ने भी बागवानी करनी शुरू कर दी हैं।

जानवरो की भी हो रही हैं मदद:-

हम जानते है कि कोटा में कितनी गर्मी पड़ती है तपिश का गार्डन जानवरो के लिए स्वर्ग की तरह है।क्योंकि बहुत साड़ी चिड़िया-तितली आकर वहाँ आराम करती है और दाना चुगती हैं।

तपिश बताते है सालों से मैने चिड़िया नही देखी थी। पर गार्डन की वजह से मेरी सुबह की शुरूआत पेड़-पौधों और चिड़ियों के साथ होती है। पेड़ होने से प्रकीर्ति की खूबसूरती आपको देखने को मिलती हैं।

तपिश के गार्डन में बंदर बहुत आते है और नुकसान भी करते है परंतु तपिश कभी भी इससे निराश नही हुए बल्कि सब्जियां के बर्बाद होने के बाद भी कटिंग से तपिश नए पौधे लगाते है।तपिश का कहना है कि गार्डनिंग को रोज का काम समझ के कीजिये के कीजिए तब आपको इसमे मजा आएगा और ये बोझ नही लगेगा।पेड़-पौधों का ख्याल करना बहुत आसान है बस आपको थोड़ी अनुभव की जरूरत हैं।

इंसानो की तरह ख्याल रखा पेड़-पौधों का:-

इस बार गर्मियों में तपिश ने अपने गार्डन के कुछ पेड़ो को नेट से ढका और बाकी को पानी के नियम पर ध्यान दिया। तपिश सुबह शाम पेड़ों को पानी देते है। तथा एक बार छिड़काव करते है जिससे पेड़ों को राहत मिलती है जैसे हमे गर्मियों में ठंडे पानी से नहाने के बाद मिलती है अब तपिश कि योजना किचन गार्डनिंग की अब वह सब्जियों उगाने पर ज्यादा ध्यान देने की सोच रहे है।

तपिश तरह तरह के प्रयोग करते है जैसे तुलसी के साथ चम्पा की बेल लगाते है।

garden

तपिश के टिप्स:-

तपिश ने कुछ टिप्स बताये है जिसकी मदद से आप भी आसानी गार्डनिंग कर सकते है।

1.शुरू में आप ऐसे पेड़-पौधे लगाए जिन्हर कम देखरेख की और कम पानी की जरूरत हो जैसे जेड प्लांट,मनी प्लांट,गुलमोहर।

2.घर पे बनी खाद का उपयोग करे इससे पौधों का विकास अच्छा होगा।

  1. गमला के लिए आप घर के पुराने टूटे कांच-प्लास्टिक का डिब्बा का इस्तेमाल के लिए ऐसा कुछ करे जिससे पानी कम खर्च हो और पौधे को पूरा पोषण मील उसके लिए आप #DIY ड्रिप इरीगेशन तरीको से कर सकते है।

ड्रिप इर्रिगेशन बनाने के लिये आप घर के बने किट प्रतिरोधक का इस्तेमाल करे जो केले के छिलकों से बना सकते है। चवाल का पानी उबाल कर आप वह पानी मे पेड़ों को दी जाए।

4.कीटो से पेड़ो को बचाने के लिए हल्दी मिट्टी डाल सकते है।

अंत मे तपिश का कहना है गार्डनिंग करने के लिए आपको धैर्य की जरूरत है। एक पेड़ के न उगने से हम धैर्य नही खो सकते है ।जब हम कोई भी पौधा खरीदते है तो उसके बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए जैसे हम अपनी खान पान का ध्यान रखते है वैसे ही पेड़-पौधों का भी रखना होता है।जब पौधे बारे होते है और उनपर फल -सब्जियां उगती है तो अंदर से जो खुशी मिलती है वो खुशी सवसे बड़ी होती हैं।जो आपकी आत्मा को तृप्त करती हैं।