Home Inviduals

बिना एक हाथ के जन्मे तेजिंदर को चंद पैसों को लिए माँ बाप ने बेच दिया, अपनी कठोर मेहनत से 3 बार Mr Delhi का खिताब जीते

कहते हैं भगवान कठिन लड़ाई लड़ने के लिए सबसे मजबूत सैनिक को चुनते हैं. यह बात दिल्ली के तेजिंदर मेहरा के लिए बिल्कुल सटीक लगती है क्योंकि उनका संघर्ष जन्म से ही शुरू हो गया था. एक हाथ के बिना जन्में तेजिंदर को आज लोग जानते हैं तो बस उनके लगन और कड़ी मेहनत से. उनकी स्टोरी सोशल मीडिया पर कई लोगों को इंस्पायर कर रही है आइए जानते हैं कैसे तमाम कठिनाइयों को पार कर के वो आज इंटरनेट सेंसेशन बन गए हैं.

जब चंद पैसों के लिए मां – बाप ने बेच दिया

दिल्ली के रहने वाले 26 साल के तेजिंदर जब मात्र दो महीने के थे तब उनके माता-पिता ने उन्हें बीस हजार में बेच दिया था. उन्हें भीख मांगने वाले गिरोह ने ख़रीदा था. लेकिन तेजिंदर की बुआ उनके लिए आगे आई और उन्हें पालने का फैसला लिया.

Two times Mr Delhi winner Tejinder Singh

पैसों की तंगी के बावजूद तेजिंदर की बुआ ने उन्हें पढ़ाया और आगे बढ़ने में मदद की. चाह कर भी वो आगे पढ़ नहीं पाए और अपनी बुआ का खर्च उठाने के लिए काम की तलाश शुरू कर दी.

यह भी पढ़ें :- महिलाओं को सशक्त बनाने का एक अनूठा अभियान, पिंक बेल्ट ने 1.5 लाख महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के जरिये बनाया सशक्त

इस दौरान उनका वर्कआउट की ओर झुकाव बढ़ा. पहले तेजिंदर ने घर पर वर्कआउट करना शुरू किया फिर पास का एक सरकारी जिम ज्वाइन किया जहां कुछ समय की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने प्राइवेट जिम ज्वाइन कर लिया.

तीन बार मिला मिस्टर दिल्ली का खिताब

जिम में उनके कोच ने 2016 में मिस्टर दिल्ली प्रतियोगिता में नाम रजिस्टर करवाने का सुझाव दिया. कोच की बात सुन तेजिंदर ने ठीक ऐसा ही किया और टाइटल भी जीत भी लाए. 2017 और 2018 में भी तेजिंदर ने इस टाइटल को अपने नाम किया.

लेकिन इन सबसे गुजारा कहा होना था. इसलिए तेजिंदर जिम में फिटनेस कोच के तौर पर काम करने लगे. लेकिन लॉकडाउन ने उनकी कमाई का जरिया छींग लिया.

कैसे बने टिक्का किंग ?

लॉकडाउन खुलने के बाद तेजिंदर का नया रूप सामने आया. गुजर बसर को पटरी पर लाने के लिए उन्होंने
चिकन पॉइंट की शुरुआत की. अपने ट्रेनर से तीस हजार रूपये उधार लेने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने इस स्टाल की शुरुआत की जिसे लोगों का प्यार मिला और तेजिंदर मेहरा टिक्का किंग के नाम से मशहूर हो गए.

हाल ही में दिल्ली में बढ़ते कोविड केस के कारण उनके बिजनेस पर असर ज़रूर पड़ा है. लेकिन उनके हौसले अब भी बुलंद है. तेजिंदर एक हाथ से ही टिक्का बनाते हैं उनके स्टॉल पर हाफ प्लेट टिक्का डेढ़ सौ और फूल प्लेट की कीमत ढाई सौ रुपये तक है।

इनके हौसले को The Logically के तरफ से हम सलाम करते हैं और भविष्य में अनेकों बुलंदियों को छूने की शुभकामनाएं देते हैं।

1 COMMENT

Comments are closed.

Exit mobile version