आप जानते हैं कि आजकल फल-सब्जियों को उगाने के लिए रासायनों का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे उत्पादन तो बेहतर हो रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद नुक्सानदायक है। ऐसे में जो लोग थोड़ा जागरुक हैं वे जैविक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं। वहीं कुछ रासायनमुक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करने के लिए घर को ही गार्डन में तब्दील कर देते हैं।
आज की यह कहानी भी एक ऐसे ही शख्स की है जिसने तीन मंजिला मकान को खेत में तब्दील कर दिया है और सालाना 70 लाख रुपये की आमदनी कमा रहा है।
रासायनों के होनेवाले नुक्सान से लिया जैविक खेती करने का निर्णय
उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) के बरेली (Bareilly) के रहनेवाले रामवीर सिंह (Ramveer Singh) फ्रीलांस पत्रकारिता की नौकरी करते थे। लेकिन उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा आया जब सब कुछ बदल गया। दरअसल वर्ष 2009 में उनके एक दोस्त के चाचा जी को कैंसर की बीमारी हो गई, जिनका इलाज करवाने के दौरान डॉक्टरों ने इस बिमारी होने के पीछे की वजह को कीटनाशक को बताया। चिकित्सक की बात सुनकर उन्हें काफी हैरानी हुई और यह उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
जैसा कि आप जानते हैं अनाज उगाने में रासायनों के इस्तेमाल से हमारे स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं बल्कि इससे कई घातक बीमारियां भी हो रही हैं, जिससे कई लोग अनजान हैं। लेकिन रामवीर सिंह को जब पता लगा कि कीटनाशक का सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी हो रही है, तभी उन्होंने जैविक खेती करने का फैसला किया ताकि मार्केट में मिल रहे रासायन युक्त सब्जियां खाने से बचा जा सके।
खेती करने के छोड़ा फुलटाइम पत्रकारिता की नौकरी
हालांकि, नौकरी करते हुए यह काम करना सरल नहीं था ऐसे में उन्होंने फुलटाइम पत्रकारिता की नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। उसके बाद वे अपने गांव आ गए और फ्रीलांस पत्रकारिता का काम करना शुरु किए। इस नौकरी को चयन उन्होंने इसलिए किया ताकि खेती करने के लिए उन्हें भरपूर समय मिल सके। आज उनके तीन मंजिला घर हरियाली में तब्दील हो गया है। हाइड्रोपोनिक टेक्निक से सब्जियों की खेती करके आज वे सालाना लाखों की आमदनी कमा रहे हैं।
यह भी पढ़ें :- मक्खी, मच्छर और चूहा भगाने का आसान और सटीक तरीका, इस घरेलू उपाय में मात्र 5 मिनट में भागेंगे
कैसे आया हाइड्रोपोनिक तकनिक से खेती करने का विचार?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामवीर सिंह वर्ष 2017-18 में दुबई गए थे, जहां उन्होंने इस तकनिक से खेती करते हुए देखे। उन्होंने देखा कि हाइड्रोपोनिक टेक्नीक (Hydroponic Farming) के जरिए खेती करने में मिट्टी की जरुरत नहीं होती है। इस टेक्नीक के माध्यम से सिर्फ पानी में भी फसल तैयार की जा सकती है।
ये सब देखकर वे खेती करने के इस तकनिक से काफी प्रभावित हुए। इसके अलावा हाइड्रोपोनिक तकनिक से खेती करने से कीटनाशकों द्वारा हो रहे संक्रमण से भी बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा एक तरफ जहां पारम्परिक तरीके से खेती करने में पानी का अधिक इस्तेमाल होता है, वहीं दूसरी ओर इस टेक्नीक के जरिये खेती करने में 80 % पानी की बचत होती है।
दुबई से जब वे वापस अपने देश लौटे तो यहां भी उन्होंने इंटरनेट और कोलकता और मुम्बई के कुछ जानकारों से एय इसके बारें में जानकारी हासिल की। हाइड्रोपोनिक तकनिक खेती के बारें में जानने के बाद उन्होंने बरेली में पीलीभीत रोड पर स्थित अपने पैतृक मकान पर खेती करनी शुरु की।
ऐसे किया हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रयोग
हाइड्रोपोनिक तकनिक (Hydroponic Technique) से खेती करने के लिए उन्होंने सबसे पहले घर में मौजूद खुली जगह और बालकनियों का चुनाव किया। उसके बाद व्यवस्थित तरीके से खेती हो सके इसके लिए वे PVC पाइप का इस्तेमाल किया और उसमें जालीदार गमले लगाने के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर छेद किया। उसके बाद उन्होंने सभी पाइपों को एक के उपर एक अर्थात वर्टिकल रुप से जोड़ दिया। इसमे पौधों को पानी देने के लिए पाइप के एक छोड़ से मोटर के जरिये पानी दिया जाता है जो सभी पाइपों तक खुद ही पहुंच जाता है।
कई प्रकार की सब्जियों की करते हैं खेती
रामवीर सिंह ने 750 वर्ग फिट में फैले फार्म में 10 हजार से अधिक पौधें लगाएं हुए हैं। वे कई सब्जियां उगाते हैं जिसमें भिंडी, लौकी, टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, पालक, फूल गोभी, पत्ता गोभी, मेथी, स्ट्रॉबेरी और हरा मटर आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि, हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करके वे सभी मौसम की सब्जियों को उगाते हैं, जिससे उन्हें इस्तेमाल करने के साथ ही लाखों रुपये का फायदा भी होता है।
रामवीर सिंह के अनुसार हाइड्रोपोनिक खेती बाकी खेती से अधिक स्वस्थ और बेहतर है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों का अच्छी तरह से अवशोषण होता है। इसके अलावा यहां नुक्सानदायक कीटनाशक दवाओं और मिट्टी के प्रदूषण से भी कोई डर नहीं है।
सालाना कमाते हैं 70 लाख रुपये
रामवीर सिंह (Ramveer Singh) का कंक्रीट से बने 3 मंजिला इमारत वहां से गुजरने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। घर की इमारतों के किनारे लटकी हुई हरी सब्जियां लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। बता दें कि, वह “विम्पा ऑर्गेनिक और हाइड्रोपोनिक्स” नामक एक कंपनी चलाते हैं जहां वे लोगों की इस खेती के बारें में जानकारी मुहैया करते हैं और आधुनिक खेती करने में सहायता करते हैं। वहीं इस कम्पनी के रिवेन्यु की बात करें तो वह सालाना 70 लाख रुपये है।