अक्सर हम सभी यह देखते हैं कि हमारे घर के बड़े जब अपना प्रदेश छोड़ रोजी-रोटी के लिए घर छोड़कर दूसरी जगह जाते हैं। उनके घर आने पर घरवालों की खुशी देखते बनती है।
कुछ ऐसी हीं खुशी और हर्ष उस वक्त और दुगुना हो गया जब एक सैनिक रिटायर्ड होकर घर आए अगर कोई सैनिक अपने जॉब से रिटायर्ड होकर घर आए तो उनके घर वाले उन्हें हाथी पर बैठाकर घर लाए। एक सैनिक की जिंदगी ऐसी होती कि पूरी नौकरी के दौरान के क्या होगा यह कहना मुश्किल होता है। यदि कोई सैनिक अपनी नौकरी की अवधि पूरी कर रिटायर्ड होकर यदि घर लौटता है तो यह बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है।
आज की हमारी यह कहानी इसी कड़ी में है लेकिन थोड़ी अलग जरूर है। यह कहानी एक ऐसे ऑफिसर की है जो रिटायर्ड होकर घर आने वाला होता है तो उसकी पत्नी उसे हाथी पर बिठाकर घर लाती है और भव्य स्वागत करती है। आईए इस लेख द्वारा ये जानते हैं कि आखिर ऐसा स्वागत क्यों एक पत्नी अपने पति के लिए करती है….
दरअसल यह किस्सा ग्वालियर के एक फौजी का है जिसने कभी भी नहीं सोचा होगा कि उनकी पत्नी उनके रिटायर होने पर इतना भव्य स्वागत करेगी, जिसे देखकर हर कोई हैरान हो जाएंगे। वह ऑफिसर रिटायर फौजी सोनू लाल गोस्वामी है। वह लगभग 18 वर्ष तक देश की सेवा की है और फिर रिटायर हुए। उनकी पत्नी का नाम आरती है जो बेहद खूबसूरत हैं। जब फौजी रिटायर हुए तो उनकी पत्नी उन्हें लेने के लिए रेलवे स्टेशन गई।
14 वर्ष पूर्व हुई थी शादी
फौजी ने बोला कि आज मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं पुनः एक बार दूल्हा बना हूं। आरती बेहद खुश हैं कि उनके पति रिटायर हो चुके हैं। वह कहती है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा पति नसीब हुआ। आरती कहती है कि आज से लगभग 14 वर्ष पूर्व मेरे पति मुझे घोड़े पर बैठकर दुल्हन के रूप में अपने घर ले जाने आए थे। आज जब वह देश की सेवा करके वापस लौट रहे हैं तो मेरा यह फर्ज बनता है कि मैं उन्हें हाथी पर बैठा कर उनका स्वागत करते हुए घर ले जाऊं।
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पत्नी ने किया भव्य स्वागत
सोनू लाल गोस्वामी भिंड जिले के आजनोद ग्राम के निवासी है। वह वर्ष 2004 में इंडियन आर्मी को ज्वाइन किए थे और सिपाही के रूप में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। 18 वर्ष बाद वह सेना में देश सेवा करने वाले फौजी को हवलदार की पोस्ट से रिटायर किया गया। जब यह खबर उनकी पत्नी को सुनाई दिया तो वह ग्वालियर स्टेशन पर स्वागत के लिए खड़ी हो गई। वही जब सोनू वहां रेलवे स्टेशन से बाहर निकले तो वह काफी आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि स्वागत के लिए वहां एक हाथी खड़ा था। इसके अतिरिक्त वहां बग्गी-घोड़े के साथ बहुत से रिश्तेदार भी मौजूद थे।
निकाला जूलुस
आरती ने अपने पति को हाथी पर बैठने के लिए कहा उसके बाद जुलूस निकला। लगभग 8 किलोमीटर तक यह सिलसिला चलता रहा। सोनू कहते हैं कि उनके लिए आरती से शादी होना उनसे तो बच्चे होना और जिंदगी में फौज को ज्वाइन करना बेहद खूबसूरत था। ये पल उन्हें हमेशा याद रहेगा। आज आरती बहुत खुश हैं कि उन्हें अपने पति को घर ले जाने और उनके साथ वक्त बिताने का मौका मिला है।
यादगार बनाने के लिए किया ऐसा प्लान
आरती बताती हैं कि मेरे पति एक फौजी थे और उनका काम देश की सेवा करना था इसीलिए वह बहुत कम ही हमसे मिलने के लिए घर पर आया करते थे। मैंने दो बच्चों को भी संभाला और सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और आज वह दिन आ ही गया जब मैं अपने पति को 18 साल बाद रिटायर होने के बाद घर ले जा रही हूं। यह वही मौका है जब मेरे पति हमारे लिए घर लौट रहे हैं। आरती यह भी कहती है कि यह दिन उनके जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है और उन्होंने इस दिन को यादगार बनाने के लिए अपने पति के स्वागत का भव्य इंतजाम किया है।
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