भारत में नारी को एक विशिष्ट स्थान दिया गया है। हिन्दू धर्म ग्रंथों में स्त्री को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा भी की जाती है। इसके अलावा हमारे साहित्य में भी नारी के गुणगान किए गए हैं। आपको बता दें कि विश्व की हर महिला के सम्मान में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि महिला दिवस मनाया जाता है, लेकिन यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि महिला दिवस क्यूं मनाया जाता हैं, इसका इतिहास क्या है? – History of celebrating World Women’s Day.
महिलाओं के सम्मान के लिए मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस संपूर्ण विश्व की महिलाओं के लिए मनाया जाता है, इसमें जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव नहीं किया जाता। ना केवल महिला बल्कि पुरुष भी इस दिन को महिलाओं के सम्मान में समर्पित करते है। अगर इतिहास देखा जाए तो समानाधिकार की लड़ाई भी आम महिलाओं द्वारा शुरू की गई थी। प्राचीन ग्रीस में लीसिसट्राटा नाम की एक महिला ने फ्रेंच क्रांति के दौरान युद्ध समाप्ति की मांग रखते हुए इस आंदोलन की शुरूआत की थी।
1909 में अमेरिका में पहली बार मनाया गया था महिला दिवस
आपको बता दें कि फारसी महिलाओं के एक समूह ने वरसेल्स में इस दिन एक मोर्चा निकाला, जिसका उद्देश्य युद्ध की वजह से महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकना था। साल 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका द्वारा पहली बार पूरे अमेरिका में 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया। उसके बाद साल 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल द्वारा कोपनहेगन में महिला दिवस की स्थापना हुई।
यह भी पढ़ें :- वो 6 कानून जिसे हर महिला को जान लेना चाहिए, खुद को करेंगी बिल्कुल सुरक्षित महसूस
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूसी महिलाओं ने शांति बनाए रखने के लिए निकला मोर्चा
साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में लाखों महिलाओं द्वारा रैली निकाली गई, जिसमें मताधिकार, सरकारी कार्यकारिणी में जगह, नौकरी में भेदभाव को खत्म करने जैसी कई मुद्दों पर मांग की गई। उसके बाद साल 1913-14 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूसी महिलाओं ने शांति बनाए रखने के लिए फरवरी माह के अंतिम रविवार को महिला दिवस मनाएं। इसके अलावा यूरोप में भी युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन हुए। साल 1917 तक विश्व युद्ध में रूस के 2 लाख से ज्यादा सैनिक मारे गए, ऐसे में रूसी महिलाओं ने फिर रोटी और शांति के लिए हड़ताल किया। इससे रूस के जार को अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी और सरकार को महिलाओं को वोट देने के अधिकार की घोषणा भी करनी पड़ी।
महिलाओं के समानाधिकार देना हैं जरूरी
महिला दिवस अब लगभग हर देश में मनाया जाता है। इस दिन उन महिलाओं को याद किया जाता है, जिन्होंने उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक तरक्की दिलाने के लिए प्रयास किए। संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका- संयुक्त राष्ट्र संघ ने महिलाओं के समानाधिकार को बढ़ावा और सुरक्षा देने के लिए विश्वभर में कुछ नीतियां, कार्यक्रम और मापदण्ड निर्धारित किया गया हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार किसी भी समाज में उपजी सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक समस्याओं का निराकरण महिलाओं की साझेदारी के बिना नहीं हो सकता। – History of celebrating World Women’s Day.
भारत में महिलाओं के लिए चलाए जाते हैं कई संस्था
पिछले लंबे समय से भारत में भी महिला दिवस व्यापक रूप से मनाया जाता है। पूरे देश में इस दिन महिलाओं को समाज में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है और इसके लिए समारोह भी आयोजित किए जाते हैं। भारत में महिलाओं के लिए कई संस्था चलाई जा रही हैं जैसे अवेक, सेवा, अस्मिता, स्त्रीजन्म तथा जगह-जगह महिलाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। समाज, राजनीति, संगीत, फिल्म, साहित्य, शिक्षा क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाता है।
भारत में महिलाओं को दिया जाता हैं समान अधिकार
कई ऐसी संस्थाएं हैं, जहां से गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। आपको बता दें कि भारत में महिलाओं को शिक्षा, वोट देने का अधिकार और मौलिक अधिकार प्राप्त है। अब भारत में महिला आर्मी, एयर फोर्स, पुलिस, आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा जैसे क्षेत्र में पुरुषों से कदम मिला कर चल रही हैं। साथ ही अब माता-पिता बेटे-बेटियों में कोई फर्क नहीं समझते हैं। हलांकि यह सोच समाज के कुछ ही वर्ग तक सीमित है।
महिला दिवस को सार्थक बनाने के लिए यह हैं जरूरी
महिला दिवस पूरी तरह तब ही सार्थक होगा जब विश्व भर में महिलाओं को मानसिक तथा शारीरिक रूप से संपूर्ण आजादी मिलेगी। उन पर किसी भी तरह का कोई अत्याचार नहीं होना चाहिए। इसके अलावा समाज के हर महत्वपूर्ण फैसलों में उनके नजरिए को भी महत्वपूर्ण समझा जाएगा। आमतौर पर कहें तो उन्हें भी एक पुरुष के समान एक इंसान समझा जाएगा। जहां वह बिना झुके सिर उठा कर अपने महिला होने पर गर्व करे। – History of celebrating World Women’s Day.
सकारात्मक कहानियों को Youtube पर देखने के लिए हमारे चैनल को यहाँ सब्सक्राइब करें।