कई बार लोग अपनी परिस्थितियों से या जीवन में आ रही चुनौतियों से हार मानकर मंजिल पाने की इच्छा छोड़ देते हैं। लेकिन यदि किसी ने अपने लक्ष्य तक पहुंचने का दृढ़ निश्चय कर लिया हो तो वह मंजिल पाने की राह में आनेवाली हर कठिन-से-कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए आखिरकार मंजिल तक पहुंच ही जाता है।
उपर्युक्त कथन को राजस्थान के एक गांव की बेटी ने, जिसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपनी समाज में पहली पुलिस सब इंस्पेक्टर बनकर मिसाल पेश किया है। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं उस पुलिस सब इंस्पेक्टर बेटी के बारें में-(Laxmi Gadveer became the First Police Sub-Inspector of Meghwal Society of Barmer district of Rajasthan)
कौन है वह बेटी?
दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजस्थान (Rajasthan) के सरहदी बाड़मेर जिले के एक छोटे-से गांव मंगले की बेरी की रहनेवाली लक्ष्मी गढ़वीर (Constable Laxmi Gadveer) की। लक्ष्मी के पिता का नाम रायचंद्र है और वे दृष्टिबाधित है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि उनका और उनके परिवार का जीवन कैसा रहा होगा। लक्ष्मी अपने दो भाइयों की इकलौती बहन हैं जिन्होंने संघर्षभरी जिंदगी का सामना करते हुए मेघवाल समाज की पहली पुलिस सब इंस्पेक्टर बनी हैं।
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जारी रखी आगे की पढ़ाई
लक्ष्मी ने बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुलिस भर्ती की परिक्षा दी जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई। वह साल 2011 में जुलाई महीने में बाड़मेर में पुलिस कॉन्स्टेबल के तौर पर चयनित हुईं। इस सफलता को पाने के बाद भी वे रुकी नहीं और आगे बढ़ने के लिए पुलिस प्रशिक्षण के बाद जब वे ड्यूटी पर गईं तो वे अपना कर्तव्य निभाने के साथ-साथ आगे की पढ़ाई भी जारी रखी।
लोगों ने मारा ताना
अक्सर हम देखते हैं कि एक सफलता मिलने के बाद यदि कोई आगे के लिए पढ़ता है तो उसे लोगों की अलग-अलग बातें सुननी पड़ती है। लक्ष्मी के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने बताया कि, पुलिस कॉस्टेबल में भर्ती होने के बाद भी उनकी पढ़ाई देखकर उनके घरवालो और रिशतेदारों ने ताना मारा कि अब पढ़ कर क्या अफसर बनोगी। उनकी तानों को लक्ष्मी ने अनसुना करके अपनी पढ़ाई रखी। पहले बीए और फिर एमए की तैयारी करने लगी।
माता-पिता को सैल्यूट कर किया उनका अभिवादन
मजबूत इरादे और 9 वर्ष की कठिन मेहनत से आखिरकार लक्ष्मी ने राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर (Laxmi Gadveer Became Sub-Inspector in Rajasthan Police) बनने में सफलता हासिल कर ही किया। पुलिस सब इन्स्पेक्टर की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद हाल ही में एक दीक्षांत समारोह में उनके कंधें पर दो स्टार लगाए गए। अपनी इस महान उपलब्धी के बाद जब वे वर्दी में घर लौटी तो सभी के आंखों में खुशी के आंसू झलक रहे थे। लक्ष्मी ने घर लौटकर अपने माता-पिता को सैल्यूट करके उनका दिल से अभिवादन किया।
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बनी बाड़मेर जिले के पहले मेघवाल समाज की पुलिस सब इंस्पेक्टर
लक्ष्मी गढ़वीर (Laxmi Gadveer) सरहदी बाड़मेर जिले के मेघवाल समाज की पहली पुलिस सब इंस्पेक्टर बनी (Laxmi Gadveer Became the First Police Sub Inspector of Meghwal Society of Badmer District) हैं, जो पूरे समाज के लिए गौरव की बात है। लक्ष्मी की सफलता से समस्त घरवालों में मानों जैसे खुशी की लहर दौड़ पड़ी हो।
बहन की सफलता देख उनके बड़े भाई मुकेश का कहना है कि उन्होंने उच्च माध्यमिक शिक्षा हासिल की लेकिन लक्ष्मी पढ़ने में काफी तेज-तर्रार थी। ऐसे में उन्होंने घर की आर्थिक स्थिति देखते हुए बहन को पढ़ाने का फैसला किया। आज वर्दी में बहन का घर लौटना बेहद हसीन और यादगार पल रहा। -Laxmi Gadveer became the First Police Sub-Inspector of Meghwal Society of Barmer district of Rajasthan.
इरादे मजबूत हो तो सफलता जरुर मिलेगी
लक्ष्मी गढ़वीर जिनके पिता नेत्रहीन हैं और दो भाइयों समेत उनका परिवार एक झोपड़ी में रह रहा हो, ऐसे में बाड़मेर जिले के मेघवाल समाज की पहली पुलिस सब इंस्पेक्टर बनाना बेहद गौरव की बात है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धी से साबित कर दिखाया है कि यदि मंजिल पाने का दृढ़ निश्चय कर लिया जाए तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती हैं।
The Logically लक्ष्मी गढ़वीर को उनकी सफलता के लिए ढेर सारी बधाई देता है।