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वकालत छोड़ युवक ने शुरू किया Food Stall, मात्र 2 घण्टे में ही नौकरी से भी अधिक कमा लेते हैं: Patna

आजकल काम के भागदौड़ में हम खुद का ख्याल रखना ही भूल जाते हैं। जिसके वजह से हम सभी की सेहत पर बहुत असर पड़ता है, लेकिन हम शायद ही कभी इन छोटी-छोटी सेहत की जरूरतों का मोल समझ पाएंगे। इन बातों का कहना है राजधानी पटना के चिड़ियाघर गेट नंबर-2 (Patna Zoo Gate no-2) के सामने इडली बेच रहे अंशुल का (Open With Smile)

इनके फ़ूड स्टॉल का यह वीडियो देखिए

अंशुल (Anshul) 28 वर्षीय युवा हैं जिन्होंने अपना स्टार्टअप खुद शुरू किया है। उनकी कहानी अत्यंत भावुक कर देने वाली है। हर युवा की तरह अंशुल के भी सपने थे कि वह जीवन में अपने सपने को पूरा करें पर इस सपने को पूरा करने में रुकावट आई और उनका सपना टूटा। अंशुल ने हार नही मानी और इडली बेचने का काम शुरू किया आज वह शुद्ध और सेहतमंद नाश्ता लोगों के सामने परोसते हैं और इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आइये जानते हैं अंशुल की कहानी और उनके स्टार्टअप के बारे में।

अंशुल की नई शुरुआत

सुबह-सुबह अगर आपको शुद्ध और सेहतमंद नाश्ता मिल जाए तो आप उसे जरूर खाना पसंद करेंगे। इसी सोच के साथ राजधानी पटना के रहने वाले अंशुल ने अपनी एक नई शुरुआत की। वह राजधानी पटना के चिड़ियाघर के गेट नंबर-2 के सामने “Open With Smile” के नाम से इडली की दुकान लगाते हैं।

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लोगों को खूब पसंद इडली

उनके ताजे-ताजे और स्वादिष्ट इडली (Tasty Idli In Patna) लोगों को खूब पसंद आते हैं। चिड़ियाघर (Patna Zoo) में सुबह के समय दौड़ने या टहलने (Morning Walk) आने वाले लोग अंशुल के ग्राहक (Customer) हैं। अगर पटना चिड़ियाघर के आसपास कोई भी टहलने आता है तो अंशुल के बनाए गए इडली को जरूर खाता है। लोगों को यह खूब पसंद आता है।

वकील बनने का सपना

अंशुल मुम्बई में वकालत करते थे ,उनकी पढ़ाई लिखाई भी अच्छे स्कूल और कॉलेज से हुई। अंशुल के पिता भी पटना हाई कोर्ट में वकील थे। भारत में जब करोना महामारी आई तो अंशुल को मुम्बई से बिहार आना पड़ा। इसका एक कारण यह भी था कि करोना में उनके पिता जी की तबियत अधिक खराब हो गई थी।

माता-पिता को खोया

अंशुल को बचपन से किसी चीज की कोई कमी नही हुई थी पर उनके जीवन में अचानक उनके माता-पिता उनसे हमेशा के लिए दूर चले गए। अंशुल की माँ के मृत्यु के पांच साल बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई। अंशुल को यह बड़ा सदमा लगा। वह लगभग टूट चुके थे पर उनके दीदी-जीजा जी ने उनका ख्याल रखा और उनके जीवन में साथ दिया।

व्यापार में घाटा हुआ

अंशुल ने सर्वप्रथम कालीन का व्यापार (Carpet Business) शुरू किया। इस व्यापार में उनके एक सहयोगी (Partner) भी थे। अंशुल को कालीन के व्यापार में काफी घाटा हो गया जिससे उन्हें काफी नुकसान (Loss) भी हुआ। व्यापार में नुकसान से वह काफी दुखी थे पर उन्होंने हार नही मानी। साथ ही साथ उन्होंने जीवन में किसी नई शुरुआत करने की ठानी।

अंशुल ने योजना बनाई

The Indian Stories से बात करते हुए अंशुल कहते हैं कि उन्हें सुबह में टहलने (Morning Walk) का शौक काफी पहले से रहा है। व्यापार में घाटे के बाद वह दुखी रहने लगे थे इसलिए वह खुद को ठीक करने के लिए पटना चिड़ियाघर में टहलने जाने लगे। इस दौरान उन्होंने यह महसूस किया कि पटना चिड़ियाघर के बाहर सेहतमंद खाने की कमी है। उन्होंने यह भी एहसास किया कि चिड़ियाघर के बाहर तैलीय पदार्थ अधिक मिलता है। इसे देखकर अंशुल ने यह योजना बनाई की वह एक ऐसी शुरुआत करेंगे जिसमें सुबह के समय टहलने आने वाले व्यक्तियों के लिए सेहतमंद नाश्ता उपलब्ध हो सके।

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इडली की दुकान खोली

अंशुल ने अपने इस योजना के बारे में दीदी और जीजा जी से बात की। उन दोनों की भी यही राय थी की टहलने आने वाले व्यक्तियों के लिए एक ऐसा नाश्ता परोसा जाए जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो। जिसके बाद अंशुल ने इडली की दुकान खोलने की योजना बना डाली। दुकान खोलने में उनकी दीदी और जीजाजी ने मदद की। एक नए जोश और उत्साह के साथ अंशुल की दुकान चल पड़ी और लोग उनके द्वारा बनाए गए इडली को काफी पसंद करने लगे।

Advocate anshul from patna quits job to start food van
Anshul

अंशुल के साथ दुर्घटना

सब कुछ अच्छा चल रहा था इसी बीच अंशुल के साथ दुर्घटना (Accident) हो गई। इस दुर्घटना में उन्हें काफी चोटें आई। इस दुर्घटना के बाद वह इस डॉक्टर ने उन्हें 2 महीने आराम करने की सलाह दी। इन सभी के बीच उनके दीदी और जीजा जी ने दुकान को संभाला और दुकान को बंद नही होने दिया। जब तक अंशुल ठीक नही हो गए तब तक ऊँन दोनों ने उनका ख्याल भी रखा।

मुख्यमंत्री आवास में भी पसंद

The Indian Stories से बात करते हुए अंशुल बताते हैं कि जब उन्होंने इस दुकान की शुरुआत की थी तब “ग्राहक पूछते थे कि दुकान में क्या-क्या आपने रखा है पर अब पूछते हैं कि दुकान में क्या बचा हुआ है”। दुकान इतनी लोकप्रिय हो गई है कि मुख्यमंत्री आवास में भी उनके बनाए गए इडली को मंगाया जाता है। सुबह 7.30 में उनकी दुकान खुल जाती है और 9 बजे तक स्टॉक पूरा खत्म भी हो जाता है।

रविवार को विशेष आइटम

अंशुल कहते हैं कि रविवार के दिन विशेष (Sunday Special) तरह के खाने की स्वादिष्ट चीजों को वो रखते हैं। जिसमें दाल भरा हुआ चावल का पीठा, आंध्रा स्टाइल आलू की सब्जी, चने के दाल की पूरी आदि प्रमुख है। इस दिन वह लोगों को विशेष (Special Breakfast Patna) तरह के नाश्ते को परोसते हैं वह लोगों को साथ में यह अपील भी करते हैं कि अगर आपको इस नाश्ते को खाना है तो समय से आएं क्योंकि स्टॉक कुछ ही घण्टे में खत्म भी हो जाता है।

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जोमाटो पर भी काम

अंशुल अपने इडली को जोमाटो (Zomato) के द्वारा भी ग्राहकों (Customer) के घर पर पहुँचाने का काम करते हैं। इसके लिए वह 2 बजे से 9 बजे रात तक काम करते हैं। सोमवार को उनकी दुकान बंद रहती है उनका कहना है कि सप्ताह में एक दिन आराम बहुत जरूरी होता है जिससे शरीर को आराम मिल सके। आराम से अगले दिन काम करने की ऊर्जा भी मिलती है।

दुकान से अच्छा मुनाफा

कभी पूरे सप्ताह में 50 प्लेट इडली बेचने वाले अंशुल आज प्रतिदिन 100 से अधिक प्लेट इडली ग्राहकों के सामने परोस रहे हैं। अगर कोई ग्राहक आने में विलंब करता है तो उसे इडली नसीब नही हो पाती। इडली के साथ-साथ वह ओट्स चिया का पानी आदि भी रखते हैं। ग्राहकों को यह सब खूब पसंद आता है। साथ ही साथ उन्होंने इसकी कीमत भी कम रखी हुई है।

ग्राहकों का व्हाट्स ऐप ग्रुप

अंशुल ने अपने ग्राहकों का व्हाट्स ऐप ग्रुप (Whats App Group) भी बनाया हुआ है जिसमें वह अपने सभी ग्राहकों को जोड़ते हैं। इस ग्रुप को उन्होंने एक खास मकसद से बनाया है। वह कहते हैं ग्रुप बनाने का उद्देश्य यह है कि वह अपने ग्राहकों का ख्याल अच्छे से रख सकें। अगर किसी ग्राहक को अगले दिन किसी चीज की मांग होती है तो वह एक दिन पहले व्हाट्स ऐप पर मैसेज कर देता है जिससे वह अगले दिन उस चीज को बनाकर वह लेते आते हैं।

लोगों को अंशुल का संदेश

The Indian Stories से बात करते हुए अंशुल लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि किसी भी चीज की शुरुआत चेहरे पर प्यारी मुस्कान के साथ होनी चाहिए। यही कारण है कि उन्होंने अपने दुकान का नाम भी (Open with smile) रखा है। वह चाहते हैं कि सभी खुश रहें और अपने काम से प्यार करें। वह यह भी कहते हैं कि जो इंसान अपने काम से प्यार करता है वह एक दिन सफलता के शीर्ष पर जरूर पहुँचता है।

The Logically अंशुल के इस शुरुआत की सराहना करता है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।

अगर आपको अंशुल की कहानी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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