2012 का निर्भया गैंगरेप केस तो याद ही होगा. एक ऐसी घटना जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. शायद ही ऐसे कोई माता – पिता होंगे जिन्हें इस घटना के बाद अपनी बेटी की सुरक्षा के प्रति चिंता नहीं सताई होगी. जाहिर है बदलते समय के साथ लड़कियां लड़कों से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है. लेकिन आए दिन अपराध की खबरें किसी रुकावट से कम नहीं, दरअसल ये रुकावट हर माता पिता के मन का डर है जिसके कारण वह चाह कर भी बेटियों को पूरी आजादी नहीं दे पाते!
लेकिन हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बता रहे हैं जिनके बुलंद हौसले और बेमिसाल कोशिशों के कारण आज हजारों लड़कियां न केवल अपने पैरों पर खड़ी है बल्कि उन्हें असामाजिक तत्वों से लड़ने की ताकत भी मिल रही है.
क्या है पिंक बेल्ट मिशन ?
40 वर्षीय अपर्णा राजावत जिन्होंने अपनी लगन और सूझबूझ से महिलाओं को शारीरिक तौर पर मजबूत बनाने के मोटिव के साथ 2016 में “पिंक बेल्ट मिशन” ऑर्गनाइजेशन की शुरुआत की थी. लगभग 2000 मार्शल आर्ट ट्रेनर इसका हिस्सा हैं. अपर्णा की इस योजना के तहत अब तक 1.5 लाख महिलाओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी गई है. 12 अलग – अलग राज्यों से इस मिशन में महिलाएं शामिल हो चुकी हैं!
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अपर्णा राजावत की कहानी
कहावत है “होनहार बिरवान के होत चीकने पात” यानी कि होनहार व्यक्ति की छवि बचपन से ही नज़र आने लगती है. अपर्णा का अंदाज स्कूली दिनों से ही काफी दमदार था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट अनुसार उन्होंने बताया था कि स्कूल में लड़के तक उनसे पंगे लेने में अपने कदम पीछे कर लेते थे. बचपन में ही उन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था!
अपर्णा अबतक कराटे में 13 नेशनल लेवल टाइटल्स जीत चुकी हैं. साथ ही दो बार नेशनल ओपेन चैलेंज चैंपियन का खिताब अपने नाम दर्ज करा चुकी हैं. उन्होंने साउथ एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी हासिल किया है!
इस बीच उन्हें कई कठिनाइयों और उतार चड़ाव का भी सामना करना पड़ा. अपर्णा के साथ हुए एक एक्सिडेंट के बाद उन्हें स्पोर्ट्स की तरफ झुकाव थोड़ा कम करना पड़ा और एकेडमिक्स की ओर बढ़ गई. उन्होंने इंटरनेशनल ट्रिप्स के लिए टूर मैनेजर के तौर पर भी काम किया. 2012 में निर्भया गैंग रेप केस का उन पर गहरा असर पड़ा और उन्होंने अपने टैलेंट को पिंक बेल्ट मिशन का रूप दे दिया. जिसमें कई महिलाओं को मार्शल आर्ट से शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत बनाने की ट्रेनिंग की शुरआत की गई!
इसके बाद कारवां बड़ता गया और उनके इस मिशन को हाल ही में (7,401 लड़कियों को आगरा में एक साथ सेल्फ ट्रेनिंग देने के लिए) गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह मिली है!
वह आगे और भी महिलाओं को शसक्त बनाने के लिए नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. ऐसा साहस और शक्ति समाज की सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है!