Wednesday, December 13, 2023

हरियाणा के बलराज लहसुन की खेती से कमा रहे हैं लाखों रूपए, अन्य किसानों के लिए बने हैं प्रेरणा

आजकल किसान खेतों से अपना मुनाफा कमाने के लिए हर प्रकार के तरीके से खेती कर रहे हैं। किसान अपने परंपरागत खेती को छोड़कर के नई तरीकों को अपना आ रहे हैं जिससे उन्हें अपने फसल में काफी अच्छी आमदनी हो सके। आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी परंपरागत खेती को छोड़कर लहसुन की खेती करना शुरु कर दिया और इस लहसुन की खेती से लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।

बलराज सिंह जाखड़ (Balraj Singh Jakhad) जो हरियाणा (Haryana) के फतेहाबाद (Fatehabad) जिले के भूथन खुर्द (Bhoothan Khurd) गांव के रहने वाले हैं। बलराज सिंह अपने दो भाई मंगल सिंह (Mangal Singh) और सुभाष सिंह (Subhash Singh) के साथ रहते हैं। यह तीनों भाई ने मिलकर के अपनी 14 एकड़ जमीन पर लहसुन की खेती (Garlic Farming) करना शुरु कर दिया। साल 2014 से इन तीनों भाई ने अपने खेतों में लहसुन की खेती कर रहे हैं। इसके साथ-साथ अपने घर को चलाने के लिए अलग से इन तीनों भाई ने 5 एकड़ जमीन को ठेके पर ले करके गेहूं की भी खेती करते हैं। इन तीनों भाई ने अपने परंपरागत खेती को छोड़कर नए तरीके से लहसुन की खेती को अपनाया और इसकी शुरुआत की।

Balraj and his brothers started garlic farming and earn lakhs

बलराज सिंह जाखड़ (Balraj Singh Jakhad) बताते हैं कि गेहूं व नरमा की फसलों में हजारों रुपए खर्च होने के बाद भी किसान को कोई मुनाफा नहीं होता। इसलिए हमने परंपरागत खेती को छोड़कर नए तरीके से लहसुन की खेती को अपनाया और इससे काफी अच्छा मुनाफा कमाया। 2014 में लहसुन की खेती (Garlic Farming) करना प्रारंभ कर दिया हमने अपने 14 एकड़ जमीन में लहसुन बोया। जब फसल तैयार हुआ तो इसमें हमें 40 से 60 क्विंटल से भी अधिक लहसुन का पैदावार हुआ। इस पैदावार को हमने बाजारों में जाकर बेचा तो हमें 100 रुपए प्रति किलो के दाम पर बेच दिया जिससे 5 लाख रुपए की आमदनी हुई। ये बताते हैं कि कोरोन काल में इसकी मांग काफी अधिक बढ़ गई थी। क्योंकि लहसुन कोरोना संक्रमण में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में औषधियां के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। कोरोना काल मैं यहां से किसानों ने लहसुन की खेती और भी जाता करने लगे जिसे यहां के किसानों को इसमें काफी अच्छा मुनाफा हुआ।

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बलराज सिंह (Balraj Singh Jakhad) बताते हैं कि अन्य फसलों के मुकाबले किसान लहसुन की खेती (Garlic Farming) करना काफी पसंद करते हैं। क्योंकि इस लहसुन की खेती करने में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और इसे उपजी हुई फसल से अच्छे कमाई हो जाती है। यह बताते हैं कि अगर लहसुन से संबंधित कोई भी प्लांट स्थापित करते हैं तो यहां इन सब चीजों की खपत ज्यादा होती है। इनमें काफी कम खर्च होते हैं और साथ ही साथ इससे काफी अच्छी कमाई हो जाती है। बलराज सिंह बताते हैं कि जब हमने 2014 में लहसुन की खेती करना शुरु किए थे और इस खेती से इन्हें अपनी लागत से कई गुणा ज्यादा कमाई हुई। बलराज सिंह को इस लहसुन की खेती को देकर के वहां के और भी किसान इनसे काफी प्रेरित हुए और उन लोगों ने भी अपने परंपरागत खेती को छोड़कर लहसुन की खेती करना शुरु कर दिया।

Balraj and his brothers started garlic farming and earn lakhs

बलराज सिंह बताते हैं कि अगर लहसुन का भाव अच्छा हो और इसे ज्यादा मुनाफा हो तो हम अपने इस लहसुन की फसल को करनाल या जयपुर में जाकर के बेच देते हैं। अगर भाव में ज्यादा मुनाफा ना हो तो हम हिसार या फतेहाबाद के रिटेलर को बेच देते हैं। इन्होंने बताया कि लहसुन का भाव कभी ज्यादा तो कभी कम होता रहता है। परंतु अगर लहसुन के भाव में ज्यादा तेजी हो तो किसान अपने कई वर्ष के घाटे को पूरा कर लेते हैं। परंतु अगर बाजार में भाव ज्यादा नहीं मिलता है। तो इसकी लागत से कई गुणा आमदनी किसान को मिल जाती है। बलराज सिंह बताते हैं कि लहसुन की ज्यादा पैदावार करने के लिए मुर्गी पोल्ट्री फार्म की खाद ज्यादा बेहतर होता है। अगर इस खाद का उपयोग किया जाए और अच्छे से परिश्रम किया जाए तो लगभग 60 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं।

बलराज सिंह (Balraj Singh Jakhad) और इनके दोनों भाई मंगल सिंह (Mangal Singh) और सुभाष सिंह (Subhash Singh) ने मिलकर के अपने खेतों में लहसुन की खेती (Garlic Farming) करके लाखों रुपए की कमाई किए। इनलोगों के द्वारा इस खेती को देखकर के वहां के और भी किसान इस लहसुन की खेती करने लगे बलराज सिंह वहां के किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं।

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