आज के इस आधुनिक युग में हर युवा वर्ग की ये ख्वाहिश है कि वह उच्च शिक्षा हासिल करें और लाखों रुपए की नौकरी कर स्वयं को खुशहाल रखें। कुछ युवा ऐसे भी है जो उच्च शिक्षा हासिल करने के उपरांत मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब नहीं करते बल्कि समाज के हित तथा स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ऐसा कार्य करते हैं जिससे सभी को लाभ मिले।
उन्ही युवाओं में से एक हैं, बिहार के एक ऐसे लाल जिन्होंने मक्के के पत्तों से दोना, पत्तल और प्लेट का निर्माण किया है। ये कार्य लोगों के आश्चर्यजनक होने के साथ प्रेरणासप्रद भी है। उनके इस कार्य से उनका नाम भी हो रहा है, कमाई भी हो रही है और साथ ही साथ पर्यावरण का संरक्षण भी। आईए जानते हैं बिहार के इस लाल के विषय में कि आखिर वे मक्के के पत्तों यानी वेस्ट से पतल का निर्माण कैसे कर रहें हैं और लोगों को रोजगार भी दे रहें हैं।
उनका ये मानना है कि अगर हम चॉमिंग या कोई अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जैसे कोई भी जंक फूड तो वह उतना खरतनाक नहीं होता, बल्कि जिस प्लास्टिक के प्लेट में हमें ये खाने को मिलता है वह खतरनाक होता है इसलिए हमें प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। लेकिन ये तब ही सम्भव होगा जब हम सभी मिलकर इसका उपयोग बन्द कर दें। इसलिए मैंने स्वयं इसके तरफ कदम बढ़ाया और मक्के से वेस्ट से प्लेट बनाने का कार्य शुरू किया। -Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste
10 वर्षों से कर रहे प्रकृति के लिए कार्य
8 जुलाई 2017 उनका कार्य दैनिक भास्कर न्यूज पेपर में प्रकाशित हुआ था जिस वक़्त उन्होंने मक्के के वेस्ट से थैले का निर्माण किया था। हालांकि वह आज भी ये कार्य कर रहे हैं लेकिन इसमें पूरी तरह संतुष्ट नहीं है इसलिए इसे रोक दिए हैं ताकि सारी शोध और समझ के साथ इसे नया मुकाम दें। -Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste
वह कहते हैं कि आगे सर्च करते-करते मैंने यह पाया कि क्यों ना इतने कटोरी का निर्माण करूं और फिर मैंने इससे दोना, पत्तल और कटोरी बनाऊं?? अगर आप चाहें तो इसे बड़े लेवल पर प्रारंभ कर सकते हैं और हजारों लोगों को जॉब देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना सकते हैं। हमारे द्वारा जिस पत्तल का निर्माण होता है वह पूरी तरह वेस्ट से बनता है और इसके विघटन में मात्र कुछ ही दिनों का वक्त लगता है। एक तो यह पूरी तरह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है और साथ ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी। -Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste
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किसानों से किया है सम्पर्क
वह कहते हैं कि मकई हमारे यहां हर जगह मिल जाएगी और साथ ही अगर आपको बेस्ट चाहिए तो यह तो और भी आसानी से क्योंकि लोग अक्सर इसे फेंक देते हैं। इस कार्य के लिए आपको किसी बड़े मशीन की आवश्यकता नहीं बल्कि आप छोटे मशीन से भी इसका निर्माण कर सकते हैं और आप इसे आसानी से कहीं भी रख सकते हैं। -Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste
वह कहते हैं कि इस कार्य के लिए सबसे पहले तो किसानों से संपर्क करना जरूरी है इसीलिए मैं उनसे संपर्क करता हूं और यह बताता हूं कि वह अपने मक्के के छिलके को फेंके नहीं और उसे किस तरह कलेक्ट कर के रखें। फिर उन्हें अपने कार्य के अनुसार पैसे दे दिए जाते हैं और यह सारे वेस्ट हमारे पास आ जाते हैं। फिर इन वेस्ट को मशीन में रखा जाता है और यह डाई के अनुसार तैयार होकर निकल जाता है इसके निर्माण में आपको ज्यादा मेहनत की भी आवश्यकता नहीं होती और ना ही ज्यादा दिमाग लगाने की भी। -Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste
6-8 प्रकार के प्लेट का निर्माण
वह इस मक्के के पत्ते से छह से आठ प्रकार के कप, दोना व पत्तल का निर्माण कर लेते हैं बस आपके मक्के के पत्ते को लेना है और उसे डाई में सेट कर देना है और यह थोड़ी देर में ही बनकर तैयार हो जाएगा। समुदाय को ध्यान में रखते हुए वह हर प्रकार के कंटेनर का निर्माण करते हैं जो लोग ज्यादा पैसे देते हैं उन्हें 2 या 3 लेयर वाले प्लेट बेचे जाते हैं और जो कम पैसे देते हैं उन्हें एक लेयर से बना हुआ प्रोडक्ट दिया जाता है। -Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste
आप भी कर सकते करोड़ों की कमाई
अगर आप भी व्यवसाय प्रारंभ करना चाहते हैं तो कम पैसे में अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं और साथ ही अगर आप इसे बड़े लेवल पर लेकर जाएं तो आप इससे करोड़ों भी कर सकते हैं। बस इसके लिए आपका अच्छा कॉन्टेक्ट होना चाहिए और इसके विषय में जानकारी भी। आप कुछ ही लोगों के साथ मिलकर इसे शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे दायरा भी बढ़ा सकते हैं। –Bihar’s youth making eco-freindly plates from maize to waste