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Mango Heritage Village: भारत के इस गांव में की जाती है 100 से अधिक किस्मों के आम की खेती

Kerala's Village Kuruvakkavu Grow more than 100 Varieties of Mangoes.

फलों के राजा कहा जानेवाला आम के शौकीन लगभग सभी हैं। आम खाने के शौकीन लोग गर्मी के मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं ताकि उन्हें रसीले और मीठे आम खाने को मिल सके। वैसे तो हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर आम के अलग-अलग वेराइटी का उत्पादन किया जाता है लेकिन भारत का एक गांव ऐसा है, जहां एक या दो नहीं बल्कि सौ से अधिक अलग-अलग किस्मों के आम उगाए जाते हैं। आमों के अलग-अलग किस्मों का उत्पादन करने की वजह से उस गांव को राज्य सरकार ने “मैंगो हेरिटेज विलेज” (Mango Heritage Village) घोषित कर दिया है।

इस गांव को Land of Mangoes के नाम से भी जानते हैं लोग

जी हाँ, हमारे भारत देश के केरल (Kerala) राज्य के कन्नूर (Kannur) जिले में स्थित कन्नापुरम (Kannapuram) के एक छोटे-से गांव चुंडा कुरुवक्कावु (Kuruvakkavu) में आम की भिन्न-भिन्न प्रजातियों की पहचान करने के लिए आम प्रेमियों के ग्रुप नाट्टूमानजोटिल द्वारा एक पहल शुरु की गई है। कन्नापुरम में देशी आमों की कई किस्में मौजूद हैं जिसका स्वाद और आकार एक-दूसरे से भिन्न-भिन्न हैं। आमों की विभिन्न प्रजातियां मौजूद होने की वजह से यह भारत का पहला गांव है जिसे लोग “लैंड ऑफ मैंगोज” (Land of Mangoes) रुप में जानते हैं।

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20 ग्रामिण मिलकर उगाते हैं 102 किस्मों के आम

100 से अधिक अलग-अलग वेराइटी की खेती को कुरुवक्कावु के रहनेवाले 20 स्थानिय लोग करते हैं। आम के इतने वेरायटी का उत्पादन करने के लिए 20 ग्रामीणों ने 372 पेड़ लगाएं हैं जिनसे 102 भिन्न-भिन्न किस्मों के आम का उत्पादन होता है। यहां आमों की ऐसी अनोखी वेरायटी देखने को मिलेगी जिसमें किसी किस्म के आम का आकार नारियल जितना बड़ा होता है तो वहीं किसी का आकार आंवले जितना छोटा होता है। हालांकि, इस गांव में कुछ विशेष किस्मों के आमों का उत्पादन किया जाता है जिसमें थेंगा मंगा आम, कन्नपुरम मंगा आम, पुलियन मंगा और कुडक्काची मंगा शामिल हैं।

कैसे शुरु हुआ आमों को संरक्षित करने की पहल?

दरअसल, शायजू मेचाथी (Shyju Mechathi) जो एक सिविल पुलिस अधिकारी हैं, आमों के अलग-अलग किस्मों को संजोने का काम शुरु किया था। इसके लिए उन्होंने अपने पड़ोस के लोगों के साथ मिलकर सभी घरों में मौजूद हर आम के पदों को चिन्हित करनी शुरु कर दी। इस काम की शुरुआत उस समय हुई जब 200 वर्ष पुराने वेल्लाथन आम (Vellathan Mango) के पेड़ को एक जमींदार ने काट दिया था। वेल्लाथन आम स्वाद में बहुत ही मीठा होता हैं। ऐसे में आम की इस वेरायटी के पेड़ को काटे जाने के बाद शायजू मेचाथी ने फैसला किया कि वे आम की इस प्रजाति के पेड़ को जरुर उगाएंगे।

अलग-अलग रखा गया आमों के नाम

एक साक्षात्कार के दौरान सिविल पुलिस अधिकारी शायजू (Shyju Mechathu) बताते हैं कि, सभी आमों का नाम रखने से पहले उनका स्वाद चखा गया और तत्पश्चात सभी का नामकरण हुआ। सभी आमों के नाम अनूठा है जैसे एक आम का नाम “कुल निर्यान” रखा गया है क्योंकि यह आम सालों भर फल देता है वहीं एक का नाम “ठेंगा मंगा” रखा गया है क्योंकि देखने में इसका आकार बिल्कुल नारियल जैसा होता है।

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वार्षिक आम महोत्सव का होता है आयोजन

एक ग्रामीण स्तर पर आमों के 102 वेरायटी उगाना एक बहुत बड़ी उप्लब्धता है और इसी सफलता के उपलक्ष में गांव वालों ने मई महीने के पहले रविवार को वार्षिक आम महोत्सव का आयोजन शुरु किया है। इस महोत्सव में देशी आमों का उपयोग करके करी, आचार और चटनी समेत कई प्रकार के डिशेज तैयार की जाती है। Kerala’s Village Kuruvakkavu Grow more than 100 Varieties of Mangoes.

क्या है मैंगो थीम हेरिटेज वॉक का प्लान?

चूँकि, कन्नपुरम (Kannapuram) के गांव में आमों की अलग-अलग किस्मों का उत्पादन होता है ऐसे में वहां के ग्रामीण लोगों का लक्ष्य है कि वे आमों की किस्मों और उसके स्वाद के बारें में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए हेरिटेज वॉक मेजबानी करें जो मैंगो थीम पर काम करेगा। इससे गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के साथ ही देश में आमों के विभिन्न किस्मों की समृद्ध विरासत भी जीवित रहेगी।

यदि आप घूमने के शौकीन हैं तो बाकी जगहों के साथ ही मैंगों हेरिटेज वेलेज (Mango Heritage Village) से प्रसिद्ध कुरुवक्कावु (Kuruvakkavu) की सैर जरुर करें। यहां आप भिन्न-भिन्न किस्मों के आम देखने के साथ-साथ उसका स्वाद भी ले सकेंगे। इसके साथ ही आपका पल भी यादगार बनेगा।

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