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जानिए तिरंगा फहराने के नियम और कानून, इस बार इन ख़ास चीज़ों में बदलाव हुए हैं: Indian Flag Code

Know about the Flag Code of India 2002 and its newly added rules

जैसा कि आप जानते हैं भारत आजादी के 75 वीं वर्षगांठ को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अभियान शुरु किया है जिसका नाम “हर-घर तिरंगा” (Har Ghar Tiranga) है। इस अभियान को शुरु करने के साथ ही उन्होंने भारत की जनता से इस अभियान में भाग लेने की अपील भी की है। इसके साथ ही इस अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहराने की बात कही गई है। वहीं इन तीनों दिनों में 20 करोड़ घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है।

इसी कड़ी में सभी भारतवासियों को झंडा फहराने से जुड़े नियमों के बारें में जानकारी होना जरुरी है ताकि गलत तरीके से झंडा फहराकर तिरंगे का अपमान न किया जा सके। हालांकि, झंडे फहराने के लिए भारतीय ध्वज संहिता 2022 (Indian Flag Code 2002) बनाया गया था, जिसमें वर्तमान में संशोधन करके कुछ नए नियमों को जोड़ा गया है। तो चलिए जानते हैं उन सभी नियमों के बारें में-

क्या है भारतीय ध्वज संहिता 2002?

दरअसल, इंडियन फ्लैग कोड 2002 के तहत नेशनल फ्लैग के फहराने और उसके उपयोग करने को लेकर कुछ विशेष निर्देश बनाए गए हैं जिसके आधार पर झंडा फहराया जाता है। इस फ्लैग कोड अपने अंतर्गत सभी कानूनों, परंपराओं और निर्देशों को एक साथ लाती है। इसके अलावा झंडा को निजी, सार्वजनिक और गवर्नमेंट संस्थानों द्वारा उसके प्रदर्शन को कन्ट्रोल करती है। अर्थात् भारतीय ध्वज संहिता 2002 झंडा को कहां, कब और कैसे फहराना इसके बारें में निर्देश और नियंत्रण का काम करता है।

किन सामग्रियों का इस्तेमाल करके बनाया जा सकता है नेशनल फ्लैग?

भारतीय ध्वज संहिता 2002 (Indian Flag Code) के तहत यह नियम बनाया गया था कि हमारे देश का राष्ट्रिय ध्वज हाथ से कता होना चाहिए। साथ ही उसे ऊनी, सिल्क, खादी और सूती कपडों का इस्तेमाल करके ही बनाया जाना चाहिए। लेकिन भारतीय ध्वज संहिता 2002 में 20 जुलाई 2022 को संशोधन करके कुछ निययों को जोड़ा गया है। जिसके अनुसार, अब झंडा बनाने के लिए पॉलीस्टर के साथ मशीन से झंडा बनाने की मंजूरी मिल गई है।

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कब फहरा सकते हैं राष्ट्रिय ध्वज?

इंडियन फ्लैग कोड 2002 के मुताबिक, पहले सिर्फ दिन के समय ही झंडे को फहराया जा सकता था और शाम ढलने से पहले उसे उतारना होता था। लेकिन नए नियम के अनुसार रात के समय भी झंडा फहराया जा सकता है। देशवासी अब दिन और रात में भी तिरंगा लहरा सकते हैं।

कौन-कौन अपनी गाड़ियों पर लगा सकता है तिरंगा?

आपने देखा होगा कि कई लोग अपनी-अपनी गाड़ियों पर तिरंगा लगाकर घूमते हैं जिसकी उन्हें सजा भुगतनी पड़ सकती है। क्योंकि गाड़ियों पर तिरंगा लगाने के लिए Indian Flag Code 2002 में अलग से निर्देश दिए गए हैं, जिसके अनुसार कुछ लोगों को ही अपनी गाड़ियों पर तिरंगा लगाने का अधिकार है।

Flag Code 2002 के अनुसार, देश के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, कैबिनेट मंत्री, MP, MLA, लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज, विधान सभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत विदेश में हाई कमिशन या उसके बराबर के भारतीय अधिकारी अपनी गाड़ी पर झंडा लगाने का अधिकार है।

क्या होना चाहिए तिरंगा का साइज?

हम सभी ने अपने स्कूल टाइम से ही देखा है कि झंडा आयताकार होता है और उसका अनुपात 3:2 होता है। इसी साथ नेशनल फ्लैग का मानक साइज 6300×4200, 3600×2400, 2700×1800, 1800×1200, 1350×900, 900×600, 450×300, 225×150, 150×100 होना चाहिए। इसमें 150×100 मेजों के लिए, 225×150 मोटरकारों तथा 450×300 अतिगणमान्य लोगों की उड़ान वाले विमान पर इस्तेमाल किया जाता है।

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तिरंगा फहराने से पहले किन नियमों का करें पालन?

1. भारतीय झंडे पर कुछ भी लिख हुआ नहीं होना चाहिए।

2. झंडे को किसी भी व्यक्ति विशेष या वस्तु को सलामी देने के लिए झुकाया नहीं जाना चाहिए।

3. किसी भी सामाना को पकड़ने या लेने-देन के लिए झंडे का इस्तेमाल वर्जित है। लेकिन राष्ट्रिय दिवसों या किसी विशेष अवसरों पर झंडा फहराने से पहले उसमें गुलाब की पंखुड़ियां रख सकते हैं।

4. झंडा को कभी भी जानबूझकर पानी में या जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

5. किसी भी नाव, विमान, रेलगाड़ी या वाहनों को ढकने के लिए झंडे का इस्तेमाल करना वर्जित है।

6. झंडा फहराते समय ध्यान रखना चाहिए कि जिस ध्वज दंड से नेशनल फ्लैग फहराया जाएं उसमें कोई और ध्वज उसके साथ न हो।

7. झंडा फहराते समय ध्यान रखें कि तीन रंगों में केसरिया रंग सबसे उपर होना चाहिए। इसके अलावा झंडे को लम्बाई में खड़ा फहराएं जाने के वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि झंडे के अनुसार केसरिया भाग उसके दाहिनी ओर हो।

8. राष्ट्रिय ध्वज के ऊपर कोई अन्य ध्वज फहराना वर्जित है।

9. कागज के बने झंडों को जमीन पर फेंकना वर्जित है। साथ ही इसका कागज के झंडों का इस्तेमाल भारत की जनता द्वारा खेलकूद प्रतियोग्ताओं या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान किया जा सकता है।

10. यदि झंडा क्षतिग्रस्त हो जाएं तो अकेले में नष्ट करना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए राष्ट्रिय ध्वज का सम्मान कम न हो।

ये थे Indian Flag Code से जुड़े महत्वपूर्ण नियम जिसके बारें में सभी देशवासियों को जरुर पता होना चाहिए।

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