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एक ऐसी ट्रांसजेंडर जिनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणा, बन चुकी हैं फिल्म

Life Story of Transgender Activist Gauri Sawant

ट्रांसजेंडर इसका मतलब होता है कि वह ना तो पूरी महिला हैं और ना ही पूरी पुरुष। इनकी दुनिया कुछ अलग ही होती है परंतु यह भी एक इंसान का ही रूप है। देखा जाता है कि किसी के घर में ट्रांसजेंडर का जन्म हुआ और घरवाले या फिर यह बात समाज में पता चलता है तो लोग इनको अपने से दूर कर देते हैं परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भी भगवान का ही बनाया हुआ है।

आज जब हम लोग कहीं सफर करते हैं तो ट्रेनों या बस ऊपर हम ट्रांसजेंडर को देखते हैं जो अपनी भूख मिटाने के लिए लोगों से पैसे लिया करते हैं परंतु उन्हीं ट्रांसजेंडर वैसे कुछ ऐसे भी हैं जो संघर्ष और अपनी मेहनत के बदौलत एक नई मुकाम हासिल कर चुकी हैं। हम लोग सोशल मीडिया के माध्यम से कई काम सेंटर के सक्सेस के बारे में देखा है। आज हम उन्हीं में से एक ऐसे ट्रांसजेंडर के बारे में बताएंगे जिन्होंने बचपन से ही काफी संघर्ष किया है और आज सफलता की ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं। उनकी जिंदगी पर आधारित वेब सीरीज “ताली” बनी है जो रिलीज होने वाली है। तो आईए जानते हैं ट्रांसजेंडर एक्टिवविस्ट गौरी सावंत के जिंदगी के बारे में।

ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत (Gauri Sawant)

गौरी सावंत (Gauri Sawant) का जन्म महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) में हुआ था। वैसे इनका असली नाम गणेश नंदन था। जब यह 7 वर्ष के थे तब इनकी मां का स्वर्गवास हो गया था। इनके पिता एक पुलिस अधिकारी थे जो ज्यादातर बाहर रहते थे इसीलिए इनका पालन-पोषण इनकी दादी ने किया। मां के गुजर जाने के बाद इनका बचपन बहुत दुख में बीता। गौरी को अपनी ट्रांसजेंडर होने बारे में पहले पता था परंतु वे आपने पिता से कभी खुलकर इस बारे में बात नहीं की और अपना नाम गणेश नंदन से बदलकर गौरी सावंत रख लिया जो आज पूरे देश के लिए अपनी एक अलग पहचान बना रखी है।

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ट्रांसजेंडर गौरी सावंत बनी मां

विक्स इंडिया विज्ञापन में दिखाया गया है कि गौरी (Gauri Sawant) के साथ एक बच्ची भी है जिसका नाम गायत्री (Gayatri) है। यह बच्ची गायत्री, गौरी की बेटी है। गौरी को मां बनने के लिए कानून के कई निर्णय के बाद वह मां बनी थी। गौरी NALSA (National Legal Services Authority) में अपनी मांगती याचिका दायर की थी। इनके याचिका दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि मेनस्ट्रीम में शामिल करने के लिए काफी बड़े कदम उठाए। इसके साथ-साथ इनके अधिकार के लिए वेलफेयर स्कीम में शामिल करने का भी कदम उठाया जाए।

बात साल 2001 की है जब गौरी ने एक बच्ची को गोद लिया था। इस बच्ची यानी गायत्री की मां एक सेक्स वर्कर थी जिसके कारण इनकी मृत्यु AIDS के बीमारी के कारण हो गया जो बाद में उस 5 साल की गायत्री को गौरी ने गोद ले लिया। गौरी उस सभी बच्चियों को मदद करती हैं जिन्हें सेक्स के धंधे में धकेला जाता है। इसके साथ-साथ और भी बेसहारा लोगों की मदद करने में पीछे नहीं रहती हैं।

पहली ट्रांसजेंडर इलेक्शन एंबेसडर बनी गौरी

भारत की पहली ट्रांसजेंडर इलेक्शन एंबेसडर गौरी सावंत बनी है। साल 2019 में महाराष्ट्र के 12 इलेक्शन एंबेसडर समय से एक के रूप में गौरी को नियुक्त किया था। जो LGBTQTA+ समुदाय से पद पर बैठने वाली भारत की पहली महिला बनी थी। गौरी सावंत एक इंटरव्यू में कहा था कि – मैं सुनिश्चित करना चाहती हूं कि प्रत्येक व्यक्ति अपना कीमती वोट को बेकार जाने ना दें। वह वोट अवश्य करें केवल गृहणी ही नहीं महिलाएं भी जो इस देश में सेक्स वर्कर और ट्रांसजेंडर हैं।

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गौरी ऊपर बनी वेब सीरीज

गौरी सावंत जैसी महिला का इस देश को बहुत जरूरत है। जो सिर्फ और सिर्फ अपने देश के लोगों के बारे में सोचती और उनके लिए काम करती हैं। आज अपनी मेहनत और काम से देश के हर नागरिक के दिलों पर राज करती हैं। इनके इस काम को देखते हुए इनके जिंदगी के ऊपर एक वेब सीरीज बनाई गई है। जिसमें गौरी सावंत का रोल बॉलीवुड के जानी मानी अभिनेत्री और मिस वर्ल्ड रह चुकी सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) ने निभाया है। सुष्मिता सेन के इस ट्रांसजेंडर लुक को देखकर लोग काफी पसंद कर रहे हैं। यह वेब सीरीज OTT प्लेटफार्म पर रिलीज होने जा रही है।

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