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शिलांग की यह महिला उधमी अपने घर पर बनाती हैं आचार और अनेकों प्रोडक्ट, अच्छे कमाई के साथ राष्ट्रपति से हो चुकी हैं सम्मानित

अगर हमारे मन में कुछ सीखने की सच्ची लगन हो तो उस चीज को सीख कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इस बात का जीता जागता उदाहरण कोंग फिकरालीन वानशोंग(Kong phikaralin wanshong) हैं।
कोंग फिकरालीन वानशोंग(Kong phikaralin wanshong) मेघालय के शिलांग के पोहक्सेह की रहने वाली हैं। इन्हें सब प्यार से कोंग कारा(Kong kara) भी कहते है। इन्हे बचपन से ही कुछ सीखना या खाना बनाने का शौक था। यह बताती है कि बचपन में यह अपनी मां को अलग-अलग सब्जियों के अचार बनाते देखती थी और उनमें यहीं से यह शौक जगा। उनका यह हुनर और शौक दोनों उन्हें अपनी मां से मिले हैं। इनके पिता का घर में ही गार्डन था इनके पिता को घर में बागबानी करना पसंद था उसमें वह तरह तरह के फल और सब्जियां उगाते थे उनकी मां वहीं से सब्जियां लेकर उसका अचार बनाया करती थी।

डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन से ट्रेनिंग ली

वानशोंग बचपन में अपनी मां के साथ उनकी हाथ के बनाए हुए अचार को पड़ोसियों में बांटा करती थी एक बार उन्होंने एक पुरुष की महिला को फलों को स्क्वैश बनाते देखा जिसके बाद इनकी मन में फूड प्रोसेसिंग सीखने की ललक जगी। इसके बाद उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई करने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन से 2 हफ्ते की फूड प्रोसेसिंग में ट्रेनिंग ली। यहां से उन्होंने बहुत कुछ सीखा।

ट्रेनिंग के बाद 5 साल तक घर पर ही स्किल निखारा

कोंग कारा बताती हैं कि इस ट्रेनिंग के बाद भी उनके दिमाग में खुद की फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने का ख्याल नहीं आया। वह बस फूड प्रोसेसिंग सीखना चाहती थी इसके लिए उन्होंने यह ट्रेनिंग ली और यह ट्रेनिंग खत्म करने के बाद 5 साल तक अपने घर पर अपनी हुनर को निखारती रही। वह घर पर ही कुछ कुछ बनाकर अपने परिवार और पड़ोसियों को खिलाया करती थी

लोकल फूड फेस्टिवल से खुद का बिजनेस शुरू करने का विचार आया

कोंग कारा बताती है कि 2005 में उन्होंने एक लोकल फूड फेस्टिवल में पार्टिसिपेट किया था। वहां पर वह अपने द्वारा बनाए हुए बैंबू शूट और मिर्च का आचार लेकर गई थी। जहां उनके आचार हाथों हाथ बिक गए। लोग उनसे पूछते थे कि वह यह अचार कैसे ऑर्डर कर सकते हैं और क्या वह इसे बाजार में भी बेचती हैं। इन सब सवालों से कोंग कारा के मन मे खुद का बिजनेस शुरू करने का विचार आया। पर यहां परेशानी यह थी कि इस क्षेत्र में उन्हें कोई अनुभव नहीं था।

कारा फ्रेश फ्रूट्स(Kara Fresh Fruits) की शुरुआत

कोंगका ला बताती हैं कि 2007 में उन्होंने अपनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट कारा फ्रेश फ्रूट की शुरुआत की इसके पहले उन्होंने 2006 में फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी एक ट्रेनिंग की इसके बाद अपने घर के पास एक-दो साल में ही अपनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट तैयार कर ली। वह सारा काम अपने किचन में ही किया करती थी। आचार बनाने के बाद वह खुद जाकर स्टोर्स पर उसे दिया करती थी और कुछ आयोजनों में अपनी स्टॉल लगाने के कारण उन्हें सीधे ग्राहक से आर्डर मिलने लगे।

आज उनकी यूनिट में 15-20 प्रोडक्ट बनते हैं

कोंग कारा बताती हैं कि उन्होंने जब अपनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत की थी तब उसमें सिर्फ 2 उत्पाद बनाए जाते थे पर आज उनकी इस यूनिट में 15 से 20 प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं। इसमें कटहल, बैम्बू, हल्दी, मशरूम के आचार, स्क्वैश, जैम आदि प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं।

विदेशो मे भी हैं इनके प्रोडक्ट्स की मांग

कारा फ्रेश फ्रूट्स की प्रोडक्ट की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कनाडा ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी है। इनके प्रोडक्ट्स भारत में अभी 20 स्टोर्स पर उपलब्ध है और इन्हें हर महीने लगभग 500 आर्डर मिल जाते हैं।

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मेघालय की अलग-अलग डिपार्टमेंट के साथ 30 से ज्यादा ट्रेनिंग सेशन कर चुकी है

वानशोंग बताती हैं कि वह सिर्फ लोगों को काम ही नहीं देती बल्कि महिलाओं और छात्रों को इसका प्रशिक्षण भी देती हैं वह मेघालय के अलग-अलग डिपार्टमेंट के साथ मिलकर 30 से ज्यादा ट्रेनिंग सेशन फूड प्रोसेसिंग पर कर चुकी हैं। वह अभी तक कई महिलाओं को फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग दे चुकी है और इनके यहां आकर कई छात्र इंटर्नशिप भी कर चुके हैं।

अपने शहर की मशहूर बेकर्स में से एक हैं

वह बताती है कि बेंगलुरु में सरकार की एक योजना के तहत उन्हें JM बेकिंग के साथ बेकिंग सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्हें फूड प्रोसेसिंग से जुड़ा कोई भी काम सीखने में काफी मजा आता है। बेकिंग सीखने के बाद उन्होंने इसमें भी हाथ आजमाने की सोची। उन्होंने अपना बेकिंग का बिजनेस बड़े स्तर पर नहीं शुरू किया पर फिर भी आज वह अपने शहर के मशहूर बेकर्स में गिनी जाती हैं।

कई बार सम्मानित हो चुकी हैं

आज वह सालाना 6 लाख तक कि कमाई करती है और मेघालय की सफल उद्यमी में गिनी जाती है। कोंग कारा अपने उत्पादों को मेघालय की अलावा दिल्ली के भी कई मंचों पर प्रदर्शित कर चुकी हैं और अपनी इन्हीं उपलब्धियों के कारण वह कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। 2010 में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के द्वारा सर्वश्रेष्ठ उद्यमी पुरस्कार से नवाजा गया था।

अपनी फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट को बड़े स्तर की बनाने की योजना

कोंग कारा(Kong kara) बताती हैं कि उनकी योजना अपनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट को बड़े स्तर की बनाने की है अभी यह उस पर काम चल रहा है आने वाले समय में यह तैयार हो जाएगा और साथ ही वह अपनी बेकरी का बिज़नेस भी बढ़ाना चाहती हैं।

वह लोगों को धैर्य और आत्मविश्वास से कोई भी काम करने की सलाह देती हैं वह कहती हैं कि कड़ी मेहनत से आप किसी भी मंजिल को पा सकते है।
अगर आप कौन कारा से संपर्क करना चाहते हैं तो kara2014@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।

मृणालिनी बिहार के छपरा की रहने वाली हैं। अपने पढाई के साथ-साथ मृणालिनी समाजिक मुद्दों से सरोकार रखती हैं और उनके बारे में अनेकों माध्यम से अपने विचार रखने की कोशिश करती हैं। अपने लेखनी के माध्यम से यह युवा लेखिका, समाजिक परिवेश में सकारात्मक भाव लाने की कोशिश करती हैं।

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