Wednesday, December 13, 2023

कभी दो वक्त की रोटी के लिए पूरा परिवार संघर्ष करता था, आज घर की बेटी पुलिस में अफसर बनकर सबका मान बढाई

हमारे जीवन मे कभी सुख तो कभी दुख आते ही रहते है, लेकिन ज्यादातर लोग दुख के समय मे अपना लक्ष्य भूल जाते है। परन्तु कुछ ऐस भी है, जो विपरीत परिस्थितियों मे भी अपने हौसले को बुलंद रखते है और अपनी मंजिल को पाते भी है। आज हम एक ऐसे ही लड़की की बात करेंगे, जिन्होंने घर मे दो वक्त की रोटी न रहने के बावजूद भी अपने लक्ष्य पर डटी रहीं और इस विपरीत परिस्थिति में भी उन्होंने एक पुलिस अफसर बन समाज का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
तो चलिए जानते है इस होनहार लड़की की सफलता की कहानी

उस होनहार लड़की का परिचय

ज्यादातर देखा जाए तो अगर किसी के घर मे दो वक्त की रोटी न हो तो उसका ध्यान उस रोटी को जुटाने में लगेगा न कि अपना लक्ष्य तय करने में लेकिन महाराष्ट्र (Maharastra) के नासिक (Nasik) जिले की रहने वाली तेजल आहेर (Tejal Aaher) ने उस मुसीबत की घड़ी में भी अपना लक्ष्य निर्धारित किया और उसको पूरा भी किया। तेजल ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से आयोजित होने वाली ‘लोक सेवा आयोग’ (Public Service Commision) की परीक्षा में सफलता हासिल किया और ‘पुलिस उपनिरीक्षक’ के पद पर तैनात हुई।

Tejal Aaher joins Maharastra police

मां का सपना किया पूरा

तेजल बताती है कि, उनकी माँ का सपना था कि बेटी अफसर बने। माँ बचपन से कहती थी, एक दिन मेरी बिटिया पुलिस अफसर जरूर बनेगी, जो आज तेजल ने एक पुलिस अफसर बन सच कर दिया। तेजल ने आगे बताया कि, जब वो ट्रेंनिग करके अपने घर वापस गयी तो उनके शरीर पर पुलिस की वर्दी तथा कंधे पर स्टार लगे देख उनका पूरा परिवार खुशी से भावुक हो गया और पिता ने उनको अपने सीने से लगाया और बताया कि आज मेरा सीना चौरा हो गया है।

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कोचिंग के पैसे न होने पर खुद से की पढ़ाई

अक्सर लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए कोचिंग का सहारा लेते है लेकिन तेजल के पास उतने पैसे नही थे कि वो कोचिंग क्लास जॉइन कर सकें। फिर उन्होंने खुद से पढ़ाई करना शुरू कर दिया। और महाराष्ट्र सेवा आयोग के परीक्षा को पास करके एक पुलिस अफसर बन गई।

हालातों से डरकर अपने लक्ष्य को न करें पीछे

तेजल का कहना है कि, जब उनके घर मे दो वक्त की रोटी नसीब नही होती थी तब उन्होंने अपने सपने को पूरा करने पर ध्यान दिया। उन्होंने गरीब छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि , कभी भी हालातों से डरकर अपनी मंजिल का रास्ता न भूले। अगर आपको मंजिल तक पहुंचने का रास्ता मालूम है तथा खुद पर विश्वास है तो अपने लक्ष्य न भूल कर उन हालातों को भूल जाइए तथा अपने कामयाबी के सफर को जारी रखिये। एक न एक दिन आप अपने मेहनत के बदौलत उस मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे।

गरीब छात्रों के लिए पेश की एक नई मिसाल

तेजल ने गरीब छात्रों के लिए एक मिसाल कायम किया है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को पीछे नही छोड़ा बल्कि साथ ले कर चली आज पूरे देश को उनपे गर्व है।

The Logically तेजल आहेर को उनके इस सफलता के लिए शुभकामनाएं देता है तथा उनके जज्बे को सलाम करता है।