Wednesday, December 13, 2023

बच्चों को न हो ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कत इसलिए 11 साल की दीपिका ने शुरू की अपनी पाठशाला: प्रेरणा

हम सभी यह जानते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर काफी गहरा असर पड़ा है। सबसे ज्यादा प्रभाव उन बच्चों पर पड़ा है, जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई करने का कोई साधन नहीं है। ऐसे में मात्र 11 वर्ष की एक आदिवासी बच्ची ने वह कर दिखाया है, जो बड़े-बड़े संस्थान भी नहीं कर पाएं हैं।

मात्र 11 वर्ष की दीपिका खुद 7वीं कक्षा में पढ़ती हैं लेकिन महामारी के इस दौर में छोटे-छोटे बच्चों को भी पढ़ा रही हैं। पढ़ाई के प्रति जागरूकता देख गांव के लोग दीपिका को टीचर दीदी के नाम से बुलाते हैं।- Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education

कैसे हुई पाठशाला की शुरुआत ?

दीपिका (Dipika) रांची के पास स्थित खूंटी के लोधमा चंदपारा गांव की रहने वाली हैं। वह महज 11 वर्ष की हैं और लोग उन्हें टीचर दीदी के नाम से जानते हैं। दरअसल दीपिका को बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत दिलचस्पी रही है। उनके पिता आलोक मिंज कहते हैं कि दीपिका बड़े होकर एक शिक्षिका बनना चाहती है। – Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education

Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education to those children who are unable to attend online classes.

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‘शिक्षा प्रेमियों की पाठशाला’

कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में विद्यालय बंद होने की वजह से सभी बच्चे पढ़ाई पर कम और खेलने पर ज्यादा ध्यान देने लगे थे। यह देखकर दीपिका इन बच्चों को पढ़ाने का सोचा और अपने घर के आंगन में ही पढ़ाने लगी। आज इनकी पाठशाला में लगभग 80 बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इतनी कम उम्र में दीपिका ने अपने पाठशाला का नाम, ‘शिक्षा प्रेमियों की पाठशाला’ रखा है। इनकी पाठशाला में दरी और ब्लैक बोर्ड का भी इंतजाम किया गया है। वे गांव के बड़े बच्चों को भी प्रेरित कर रही हैं, ताकि वे उनकी पाठशाला में बढ़ा सकें।- Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education

Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education to those children who are unable to attend online classes.

बरसात में भी हार नहीं मानी

दीपिका पहले बड़े बैच को पढ़ाती हैं। उसके बाद छोटे बैच को। वे ऐसे बच्चों को शिक्षा दे रही हैं, जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए कोई साधन उपल्ब्ध नही है। उन्होंने बरसात के मौसम में भी हार नहीं मानी और बच्चों की पढ़ाई को जारी रखी। यह उनकी लगन ही है, जिसने उन्हें अपने घुटने नहीं टेकने दिए। उनके गांव में मौजूद लाइब्रेरी प्रतिज्ञा संस्था के सचिव अजय कुमार का कहना है कि अगर बरसात होती है, तो बच्चे की पाठशाला इसी लाइब्रेरी में लगती है। लाइब्रेरी में इन्वर्टर की भी व्यवस्था है, जिससे बच्चे रात में लाइट नहीं रहने पर भी अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।- Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education

मात्र 11वर्ष की दीपिका ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर इंसान अपनी सोच बदल ले तो कुछ भी करना असंभव नहीं है। इतनी कम उम्र में दीपिका ने जो कर दिखाया वह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा से कम नहीं है। – Tribal girl Dipika from Ranchi is giving education to those children who are unable to attend online classes.