जिंदगी की परिभाषा हर इंसान के लिए अलग-अलग होती है, किसी के लिए जिंदगी एक रंगमंच है और जहां हर इंसान अपना-अपना किरदार निभाता है। अपना अपना किरदार निभा रहा है। (Deepak Rickshaw Patna) इस ज़िंदगी में किसी को सफलता जल्दी मिल जाती है तो किसी को उसकी सफलता में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
आज हम आपको राजधानी पटना में रिक्शा चला रहे दीपक की कहानी बताएंगे जो अत्यंत ही मार्मिक है। (Deepak Rickshaw Wala Patna) दीपक में टैलेंट की कोई कमी नही थी। वह राजधानी पटना के इकलौते ऐसे रिक्शा चालक हैं जो 100 से अधिक अभिनेता और राजनेताओं के आवाज निकाल लेते हैं। दीपक के कॉमेडी (Comedy) और मिमिक्री (Mimicry) के लोग दीवाने हो गए हैं और यही कारण है कि दीपक अभी काफी अधिक चर्चाओं में हैं। आइये जानते हैं कि इतना टैलेंट होने के बावजूद आज दीपक रिक्शा चलाने पर क्यों मजबूर हुए।
दीपक रिक्शावाला का यह इमोशनल वीडियो देखें
दीपक रिक्शा वाला पटना
राजधानी पटना में 15 वर्षों से रिक्शा चला रहे दीपक आजकल अपने कॉमेडी और मिमिक्री के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए हैं। वह पटना के इनकम टैक्स (Income Tax) गोलंबर से आर-ब्लॉक (R-Block) चौराहे तक रिक्शा चलाने का काम करते हैं। वह 100 से अधिक कलाकारों की मिमिक्री ऐसी करते हैं कि आपको लगेगा कि हु बहु वो कलाकार मेरे सामने है। वह अपने जिस भी यात्री को अपने रिक्शा पर बैठाते हैं मिमिक्री करके जरूर सुनाते हैं।
दीपक को नही मिली पहचान
दीपक अमरीश पुरी (Amrish Puri), प्रेम कुमार (Prem Kumar), अमिताभ बच्चन (Amitabh Bacchan), शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor), राजकुमार (Rajkumar), सनी देओल (Sunny Deol), शाहरुख खान (Shahrukh Khan) आदि कलाकरों की आवाज आसानी से निकालते हैं। आपको बता दें कि वह बिहार के चर्चित राजनेता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की आवाज ऐसी निकालते हैं कि लोगों को लगता है कि वह लालू ही बोल रहे हैं। इतना अधिक टैलेंट होने के बावजूद आज दीपक को कोई पहचान नही मिली है जो कि दुखद है।
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बचपन से मिमिक्री के दीवाने दीपक
दीपक झारखंड (Jharkhand) के धनबाद (Dhanbad) के रहने वाले हैं। उनके गांव का नाम तोपचांची है। वह 15 साल पहले पटना आए थे और तभी से वह पटना में रिक्शा चलाने का काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही रहने के कारण उन्हें रिक्शा चलाने का काम शुरू करना पड़ा। वह बचपन से ही मिमिक्री के दीवाने थे। जब उनकी उम्र 5-6 वर्ष थी तभी से वह कलाकारों की मिमिक्री करते थे। अपने गांव में वह कॉमेडी के लिए चर्चित थे। सबसे पहले उन्होंने राजकुमार की आवाज अपने दोस्तों को सुनाई थी और तभी से उन्हें मिमिक्री का ऐसा खुमार चढ़ा की वह आजतक कम नही हुआ।
दीपक ने शादी नही की
दीपक की आर्थिक स्थिति इतनी दैनीय हो गई थी कि उन्होंने रिक्शा चलाकर अपने परिवार का ख्याल रखा। उनके परिवार में उनके माता-पिता और एक उनके भाई हैं। अपने छोटे भाई को उन्होंने अच्छी शिक्षा देने का भी काम किया है। उनका छोटा भाई अभी नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया से एमएससी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। The Logically से बात करते हुए दीपक कहते हैं कि वह ज़िंदगी में पैसों की कमी के कारण कुछ बन नही पाए पर उन्हें अपने छोटे भाई को बड़ा आदमी बनाना है जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
विधानपरिषद में सम्मानित दीपक
दीपक अपने अभिनय के लिए बिहार विधान परिषद (Deepak Rickshawala Awarded in Bihar Legislative Council) में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार भी पा चुके हैं वह पहले ऐसे रिक्शा वाले हैं जिन्हें बिहार विधान परिषद में पुरस्कार प्रदान किया गया है। वह बिहार के पहले ऐसे रिक्शा वाले हैं जिन्हें बिहार विधान परिषद में सम्मानित किया गया है। जब उन्हें सम्मान मिल रहा था तो मौके पर कई नेता गण मौजूद थे। दीपक कहते हैं कि उन्हें यह मलाल नहीं है कि वह जीवन में कुछ नहीं कर पाए बस अब उनकी यही तमन्ना है कि वह अपने छोटे भाई को इतना काबिल बना दे कि उसे संघर्ष ना करना पड़े और इसके लिए दिन-रात अगर रिक्शा चलाना पड़े तो वह चलाएंगे।
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क्या कहते हैं दीपक
The Logically से बात करते हुए दीपक कहते हैं कि उन्हें जानवरों से काफी अधिक प्यार है। वह अपने गली के कुत्तों को हर दिन कुछ न कुछ खिलाते रहते हैं। (Animal Lover) जब भी वह रिक्शा चलाकर अपने आशियाने के पास आते हैं तो गली के कुत्ते उन्हें घेर लेते हैं। ऐसा लगता है मानो वह दीपक को बहुत चाहते हैं। दीपक अपने गली के कुत्तों के लिए हर दिन बिस्किट खरीदते हैं और उन्हें खिलाते हैं। वह कहते हैं कि अगर वह आर्थिक रूप से सशक्त रहते तो इन कुत्तों के लिए अधिक से अधिक खाने का प्रबंध करते। अभी वह जितना भी कमाते हैं उसमें थोड़ा बचा कर इन कुत्तों का भी पेट भरते हैं।
दीपक की तारीफ करते हैं लोग
The Logically की टीम जब उनके गली में पहुंची तो लोगों ने दीपक की जमकर तारीफ की। गली के दुकानदार कहते हैं कि दीपक हर दिन उनके यहां से बिस्किट ले जाते हैं। दीपक अपने मिमिक्री के लिए तो जाने जाते ही हैं साथ ही साथ जानवरों से अत्यधिक प्रेम के लिए भी लोग उन्हें काफी अधिक प्रेम करते हैं। दीपक अपने मां बाप की सेवा भी खूब करते हैं। दिन-रात रिक्शा चलाकर वह जितना भी कमाते हैं उसमें वह अपने परिवार का ख्याल रखते हैं। दीपक बेहतर कलाकार के साथ-साथ एक दयालु इंसान भी हैं। दीपक की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है।
The Logically दीपक के कार्य की सराहना करता है और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है।
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