Wednesday, December 13, 2023

सिक्किम की 55 वर्षीय इस महिला ने शुरू किया जैविक खेती, आमदनी तीन गुना ज्यादा

अगर हमें स्वस्थ रहना है तो आवश्यक है कि अपने आहार को स्वच्छ बनाएं। ऐसे में हमें ऑर्गेनिक फार्मिंग करना जरूरी है। इसी कारण आजकल ऑर्गेनिक फार्मिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। आज हम आपको एक ऐसी महिला के विषय में बताएंगे जो 55 वर्ष की हो चुकी हैं। फिर भी वह ऑर्गेनिक फार्मिंग कर अन्य लोगों को खेती के प्रति जागरूक कर रही हैं और अच्छा पैसा कमा रही हैं।

55 वर्षीय महिला हैं दिली माया भट्टाराई

वह 55 वर्षीय महिला हैं दिली माया भट्टाराई जो सिक्किम से ताल्लुक रखती हैं। जानकारी के मुताबिक वह पहले केमिकल युक्त खेती करती थी परंतु आगे जब उन्हें ऑर्गेनिक फार्मिंग के विषय में जानकारी मिली तो वह ऑर्गेनिक फार्मिंग करने लगी। वर्ष 2014 में सिक्किम सरकार द्वारा अभियान चलाया गया ताकि यहां के किसान जैविक खेती से जुड़ सकें। उसी दौरान उन्होंने यह निश्चय किया कि वह ऑर्गेनिक खेती करेंगे और उन्होंने 4 एकड़ जमीन में ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू किए। -Organic Farming by Dilli Maya Bhattarai

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शुरु किया जैविक खेती

55 वर्ष की आयु में वह अपने पति के सहयोग से खेती में नए प्रयोग करने लगी। उन्होंने इसके लिए प्रशिक्षण भी लिया और जानकारी इकट्ठा कर ऑर्गेनिक खेती अच्छी तरीके से करने लगीं। वह बताती है कि उन्होंने बचपन से ही रसायन वाली खेती करते हुए लोगों को देखा है। इस दौरान उन्हें यह लगता था कि जैविक खेती उनके लिए काफी रिस्क भरा होगा। परंतु वह इससे खुश हैं कि वह केमिकल युक्त खेती की अपेक्षा जैविक खेती से 3 गुना अधिक लाभ कमा रही है। -Organic Farming by Dilli Maya Bhattarai

Dilli Maya Bhattarai is earning three times more by doing organic farming

बिकता है प्रोडक्ट आसानी से

जब उन्होंने प्रारंभिक दौर में मटर, टमाटर, धनिया, मूली आदि उगाती जिससे वह अच्छा लाभ नहीं कमा रही थी। इसीलिए उन्होंने पॉलीहाउस का निर्माण किया और खीरा पालक, ब्रोकली तथा लौकी आदि को उगाया जिससे उनका उत्पादन बढ़ा और आमदनी भी। उनके अधिकतर फसल लोकल मार्केट में ही बिक जाते हैं और जो बचता है वह एग्रीकल्चर सोसाइटी में जाता है। -Organic Farming by Dilli Maya Bhattarai

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मिला है सम्मान

55 वर्ष की उम्र में खेती में बेहतर कार्य के लिए उन्हें इंडियन काउंसलिंग ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च मेघालय की तरफ से अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है। वह बताती हैं कि उनके खेतों में निकली ब्रोकली लगभग 200 किलोग्राम बिकता है। उनके बेटे का नाम मीलू है जो पहले देहरादून में नौकरी करते थे परंतु आज वह नौकरी को छोड़ अपने माता-पिता के साथ खेती से जुड़ चुके हैं और इसमें नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। -Organic Farming by Dilli Maya Bhattarai