Sunday, December 10, 2023

सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है श्रीलंका, आलू 200/KG बिक रहा है और खाने के लिए भोजन तक नही

किसी देश के लिए आर्थिक संकट बड़ी ही विकट परिस्थिति होती है। अगर किसी देश आर्थिक संकट आ जाए तो उस देश की स्थिति अत्यंत ही दैनीय हो जाती है। इसी विकट परिस्थिति में श्रीलंका वर्तमान में ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका के अंदर वर्तमान में ईंधन, रसोई गैस तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लोगों को लंबी-लंबी लाइन लगाकर खाने के साथ-साथ अन्य वस्तुओं को लेना पड़ रहा है। (Economic Crisis of Sri Lanka)

किसी देश में आर्थिक संकट तब आती है जब अर्थव्यवस्था में आनेवाले उसके तीनो आधार कृषि उधोग और व्यापार का विकास अवरुद्ध हो जाए तथा उस देश के लाखो लोग बेरोजगार हो जाएं साथ ही साथ कंपनी का भी दीवाला निकल जाए। श्रीलंका के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। जहाँ अभी वस्तु और मुद्रा दोनों की बाजार में कोई कीमत नही है। इस आर्थिक संकट के बीच लोग किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है।

कीमतें आसमान छू रही (Economic Crisis of Sri Lanka)

श्रीलंका के अंदर जरूरी सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। आपको बता दें कि श्रीलंका में एक अंडा 30 रुपये में मिल रहा है जबकि आलू की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की भारी कमी हो गई है। पेट्रोल-डीजल के कारण जितने भी आवश्यक वस्तुओं हैं उसके दाम आसमान छू रहे हैं। लोग किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

बच्चों को हो रही दिक्कत (Economic Crisis of Sri Lanka)

श्रीलंका के अंदर सबसे अधिक छोटे बच्चों को परेशानी हो रही है। छोटे बच्चों के लिए दूध की सप्लाई पूरी तरह बंद है। श्रीलंका में एक किलोग्राम मिल्क पाउडर की कीमत 1900 रुपये हो गया है। वहीं अगर आप एक अंडा लेने के लिए लोगों को 30 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। चावल की बात करें तो इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो है वहीं नारियल के तेल के दाम 850 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है। चीनी ढाई सौ रुपये किलो में मिल रही है। मिर्च 700 रुपये किलो में बिक रही है।

Economical crisis worsened in srilanka potatoes touches 200 per kg
Source- DW

चाय की भी आफत (Economic Crisis of Sri Lanka)

आर्थिक संकट के बीच एक कप चाय के लिए भी लोगों को 100 रुपये चुकाना पड़ रहा है। इन सब के बीच यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वस्तुओं के दाम अभी और बढ़ेंगे। श्रीलंका के अंदर सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर अब दिखने भी लगा था पर सरकार ने लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। सरकार को डर है कि लोग आक्रोशित होकर हिंसा न कर बैठे इसलिए जनता की आवाज को पूरी तरह दबाने की कोशिश की जा रही है। इसके वजह से सड़कों पर सुरक्षा बलों की तैनाती भी कर दी गई है। कुछ इलाकों में कर्फ्यू (curfew) भी लगाया गया है।

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क्या है इसका कारण (Economic Crisis of Sri Lanka)

श्रीलंका की आर्थिक बदहाली की बड़ी वजह विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट है। श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) में 70 फीसदी की गिरावट आई है। फिलहाल श्रीलंका के पास 2.31 अरब डॉलर बचे हैं। विदेशी मुद्रा के रूप में सिर्फ 17.5 हजार करोड़ रुपये ही श्रीलंका के पास हैं। श्रीलंका कच्चे तेल और अन्य चीजों के आयात पर एक साल में खर्च 91 हजार करोड़ रुपये खर्च करता है, उसका खर्च 91 हजार करोड़ रुपये का है लेकिन श्रीलंका के पास सिर्फ 17.5 हजार करोड़ रुपये ही हैं। अब देखना यह है कि श्रीलंका की सरकार अपने देश में आए इस विपदा से कैसे बचेगी।

आयात करने में परेशानी (Economic Crisis of Sri Lanka)

अब श्रीलंका के पास न तो कच्चा तेल खरीदने के लिए पैसा बचा है और न ही वह गैस और दूसरी चीजों का आयात कर पा रहा है। इसकी वजह से श्रीलंका में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस सहित कई चीजों की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं। श्रीलंका अपने अधिकतर खाद्यान्नों, पेट्रोलियम उत्पादों, दवाइयों आदि के लिए विदेशी आयात पर निर्भर है। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण वो आयात भी नहीं कर पा रहा है। वहीं कोरोना (corona) महामारी की वजह से भी यह सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। रूस-यूक्रेन में छिड़ी जंग से श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था (Economy) की हालत और खराब हो सकती है। क्योंकि रूस श्रीलंका की चाय का सबसे बड़ा आयातक है। रूस और यूक्रेन से बड़ी तादाद में श्रीलंका में पर्यटक भी आते हैं। ऐसे में रूबल की गिरती कीमत, जंग और रूस-यूक्रेन की ओर से चाय की घटती खरीद की वजह से भी इसकी अर्थव्यवस्था को और अधिक नुकसान हो सकता है।

The Logically श्रीलंका के आर्थिक स्थिति में सुधार की कामना करता है।