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उधार पैसे लेकर सौरभ ने शुरु किया पत्तों पर कढ़ाई, अब हर महीने 80 हजार से अधिक की कमाई हो रही

कढ़ाई-बुनाई हाथ की एक ऐसी कला है जिसके जरिए कपड़ों पर अलग-अलग डिजाइनस को उकेर कर उसकी सुन्दरता बढ़ाई जाती है। लेकिन जब भी इसकी बात आती है तो लोगों का ध्यान लड़कियों और महिलाओं की ओर जाता है। उनका मानना होता है कि यह काम सिर्फ महिलाओं का है और उन्हें ही करना चाहिए।

हालांकि, अभी तक सभी यही जानते हैं कि कढ़ाई सिर्फ कपड़ों, शिल्प और लकडियों पर की जाती है। लेकिन बता दें कि, एक शख्स ऐसा भी है जो सूखे पत्तों पर आकर्षक कढ़ाई करके अच्छी-खासी कमाई भी कर रहा है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं उस शख्स के बारें में-

कौन है वह शख्स?

दरअसल, आज की हमारी यह कहानी सौरभ देवढ़ें (Artist Saurabh Dewadhe) की है, जो महाराष्ट्र (Maharastra) के अहमदनगर (Ahmednagar) जिले के रहने वाले हैं। अपने कला के जरिए वह बीते 2 वर्षों से सूखे पत्तों पर हाथ से कढ़ाई करते हैं और उससे होम डेकोरेशन आइट्मस बना रहे हैं। इस बेहतरीन हुनर के वजह से आज वह महीने में 80 हजार रुपये की आमदनी कमा रहे हैं। साथ ही उनके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स की मांग विदेशों में भी है।

Saurabh Devadhe makes home decoration items by embroidering on dry leaves

बेटा कढ़ाई का काम करें, माता-पिता की नहीं थी ख्वाहिश

किसान परिवार से सम्बंध रखने वाले सौरभ शुरु से ही कढ़ाई-बुनाई के शौकीन थे। लेकिन उनके पैरंट्स की इच्छा थी कि वे डॉक्टर या इंजीनियर बनकर अच्छा जीवन व्यतीत करें। उनका यह मानना था कि कढ़ाई-बुनाई सिर्फ लड़कियों का काम होता है और इस क्षेत्र में भविष्य नहीं है। हालांकि, कढ़ाई का शौक रखने वाले सौरभ ने माता-पिता की बात न मानकर अपनी रुचि पर ध्यान दिया और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्होंने घरवालों की इच्छा नहीं होने के बावजूद भी फैशन डिजाईनिंग की शिक्षा ग्रहण करने का निर्णय लिया।

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पैशन पर किया फोकस

किसी भी काम में परिवार का साथ होना बहुत जरुरी होता है। ऐसे में सौरभ ने भी फैशन डिजाईनिंग (Fashion Designing) करने के लिए परिवार वालों को काफी समझाया-बुझाया और पूणे के एक कॉलेज में एडमिशन करा लिया। लेकिन कॉलेज में अलग-अलग क्रिएटिविटी पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता था, जो उन्हें अच्छा नहीं लगा। ऐसे में सौरभ ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी और दूसरे इंस्टीटयूट में नामांकन कराया, वह जगह उनके मन मुताबिक था।

उन्होंने पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही नई-नई कशीदाकारी भी सीख लिया। उसी दौरान उनके एक मित्र ने सुझाव दिया कि हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे कुछ आमदनी कमाई जा सके। वह कहते हैं कि दोस्त बातें सुनकर उन्हें अच्छा लगा लेकिन वे निश्चय नहीं कर पा रहे थे कि क्या और कैसे करना है। लेकिन कहते हैं अगर हम कुछ करना चाहें तो रास्ते मिल ही जाते हैं। उन्होंने अहमदाबाद में उनके एक सीनियर डिजाईनिंग का स्टॉल में छोटी-सी दुकान ले ली, जहां वे स्टॉल लगा रहे थे।

मां से 1500 रुपये लेकर शुरु किया कढ़ाई का काम

इस काम की शुरुआत करने के लिए सौरभ ने मां ने 1500 रुपए लेकर सुई, धागा, हूप और सुति वस्त्र खरीदा, जिसकी सहायता से वे पेंडेंट, झुमके और घर को डेकोरेट करने के लिए तरह-तरह के हुप्स डिजाइन किए। उनके द्वारा बनाए गए सभी कलाकारी इतनी खुबसूरत थी कि महज दो दिन में लोगों ने सभी खरीद लिए। इससे उन्हें 3500 रुपये की कमाई हुई।

लोगों का प्यार देख उन्होंने इस कला को और अधिक लोगों तक पहुंचाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पेज बनाकर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करनी शुरू कर दी।

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कैसे आया पत्तों पर कशीदाकारी करने का विचार

कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब सारे अपने गांव आए तो उन्हें करंट टाइम सेंटर में रखा गया था। उस दौरान उनके पास खाली वक्त अधिक था जिसमें वे कढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन कढ़ाई करने के लिए उनके पास सिर्फ सुई और धागा ही था, जिससे वे कढ़ाई नहीं कर सके। उसके बाद एक बार वे टहलते टहलते बरगद के पेड़ के पास पहुंचे, जहां उनकी नजर बिखड़े हुए सूखे पत्तों पर पड़ी। उसी समय उनके दिमाग में नई सोच उभरी। उन्होंने सूखे पत्तें को इकट्ठा किया और उसपर कलाकारी करनी शुरु कर दी। धीरे-धीरे वे खूबसूरती कशीदाकारी करने लगे।

सौरभ बताते हैं कि, सूखे पत्तों पर बनी कलाकारी की तस्वीरों को जब उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया तो लोगों का भरपूर प्यार मिला। सबसे अलग और आकर्षक होने के कारण लोग इसके प्रति आकर्षित हुए और ऑर्डर करने लगे। वह कहते हैं कि पहले वह 7-8 हजार की कमाई ही कर पाते थे लेकिन अब वे अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। बता दें कि, ये सब उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान ही किया।

बहन-भाई के साथ मिलकर शुरु किया बिजनेस

फैशन डिजाईनिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद उनकी नौकरी लग गई लेकिन उस नौकरी में उनका मन नहीं लगा। ऐसे में उन्होंने कुछ माह तक नौकरी करने के बाद उसे छोड़ कर वापस पूणे आ गए और बिजनेस “Bespoke by Saurabh” शुरु किया, जिसमें उनकी बहन प्राजक्ता और भाई अनिकेत ने साथ दिया। उसके बाद शुरु में उन्हे 20-25 ऑर्डर आते थे और ऐसे ही धीरे-धीरे उनका बिजनेस चल पड़ा। बता दें कि, उनकी प्रोडक्ट की प्राइस 400 रुपये से शुरु होती है।

बॉलीवुड कलाकार भी हैं सौरभ के आर्ट के फैन

सौरभ (Saurabh Dewadhe) अपनी कला को कपड़ों पर पेंटिंग, कढ़ाई और बुनाई करने के साथ-साथ पत्तों पर भी कशीदाकारी उकेरते हैं। वर्तमान में वे अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और गुजरात समेत कई जगहों पर कर रहे हैं। उनकी कला सिर्फ लोगों के दिल पर ही नहीं बल्कि कई कलाकारों के दिल पर राज करता है, जिसमे एक नाम बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू का है जिसने सौरभ द्वारा बनाए गए हुप्स और ईयररिंग पहने हुए पोस्ट शेयर किया था।

महीने में हो रही है 80 हजार से अधिक की कमाई

हालांकि, अब उनका काम दिन दुगुना और रात चौगुना बढ़ रहा है। हर महीने वे 86 हजार से अधिक की कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने वर्कशॉप भी किए हैं जिसमें अभी तक 20 से अधिक लोगों को आर्ट का प्रशिक्षण दे चुके हैं। अब उनकी ख्वाहिश है कि वे इस काम को बड़े स्तर तक लेकर जाएं।

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