Monday, December 11, 2023

भारत में बैंक आखिर किराए की बिल्डिंग्स में क्यों ऑपरेट होते हैं, जान लीजिए वजह

आपने यह अक्सर देखा होगा कि सभी बैंक किराए की बिल्डिंग में ऑपरेट होते हैं। प्रायः तौर पर उनके पास अपनी बिल्डिंग नहीं होती। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है.? आज हम इस खास पेशकश में आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आईए जानते हैं कि बैंक अक्सर किराए की बिल्डिंग्स में क्यूं होती है। – Every government and private bank in India works from a rented building.

घर खरीदने के लिए बैंक से मिलने वाला लोन काफी मददगार साबित होता हैं, लेकिन इसकी किश्त चुकाने में जिंदगी बीत जाती हैं। ज्यादातर लोग बैंक से होम लोन (Home Loan) लेकर अपने सपनों का घर बनते हैं, लेकिन यह शायद ही कोई जानता होगा कि देश के सभी बड़े बैंक चाहे सरकारी हो या प्राइवेट खुद किराए की बिल्डिंग्स से ऑपरेट करते हैं। यह जानने के बाद हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि, जो बैंक सभी के सपने पूरे करते हैं वह खुद क्यों किराए की बिल्डिंग्स से काम करते हैं।

यह भी पढ़ें:-बैल पर भार कम पड़े इसके लिए शख्स ने आगे लगा दिया पहिया, खबर हो रही वायरल, IAS अधिकारी ने शेयर की तस्वीर

होम लोन देने वाला बैंक खुद करता है किराए वाले बिल्डिंग में काम

अब सवाल उठता है कि क्या अपने घर की तुलना में किराए के मकान में रहना ज्यादा फ़ायदेमंद है? जबकि बैंक खुद भी उन्ही लोगों पर जल्दी भरोसा करता हैं, जिनका अपना प्रॉपर्टी होता हैं। यह तो अपने भी देखा होगा कि बैंक अक्सर प्रॉपर्टी के आधार पर ही लोन देता है। हालांकि लोन देने के बदले में बैंक ग्राहक से ब्याज के रूप में बहुत बड़ी रकम लेती हैं। बता दें कि भारत में ऐसा कोई लिखित या आधिकारिक प्रावधान तो नहीं है कि बैंक को किराए के ब्लीडिंग में ही काम करना होगा। – Every government and private bank in India works from a rented building.

इस कारण बैंक किराए के ब्लीडिंग से करते हैं काम

भारत में लंबे समय से बैंको का किराए के ब्लीडिंग में काम करने का परंपरा चला आ रहा है। दरअसल जब बैंक की शुरूआत हुई थी उस समय सबकी अपनी बिल्डिंग ना होने के कारण किराए के मकान में बैंक खोले गए थे, जो कि समय के साथ एक परंपरा का रूप ले लिया। इसके अलावा सालों से चल रहे इस परंपरा का एक और कारण यह भी है कि बैंक का मुख्य कार्य कम ब्याज दर पर पैसे लेना और ऊंची ब्याज दर पर उधार देना है। बैंक कभी भी जमाकर्ताओं द्वारा मिले पैसे से स्थायी संपत्ति में निवेश नहीं करता इसलिए बैंक हमेशा किराये की बिल्डिंग में ही अपना कार्यालय खोलने का प्रयास करता हैं।

यह भी पढ़ें:-आपको विश्वास नहीं होगा कि दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल भारत में है, जानिए आखिर ऐसा क्या है यहां

अब बैंक के लिए भी होना चाहिए अपना कार्यालय

बैंकिंग एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भारत में अच्छी पॉलिसी मौजूद नहीं हैं, जिसके वजह से यह कमी होता है। हालांकि एक्सपर्ट्स के अनुसार अब बैंकों को सालों से चली आ रही यह किराए के बिल्डिंग से ऑपरेट करने की परंपरा को बदलनी चाहिए। भारत में छोटे-बड़े हर चीज के लिए अपना कार्यालय बना हुआ है जैसे आंगनबाड़ी से लेकर ग्राम पंचायतों तक के लिए भी भवन बने हुए हैं। उसी प्रकार अब देश में सभी सरकारी बैंकों के लिए अपना कार्यालय होना चहिए। – Every government and private bank in India works from a rented building.